Friday 6 May 2016

जयप्रभा अस्पताल बचाओ समिति द्वारा बैनर प्रदर्शन और पर्चा वितरित


इस संदर्भ में तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में ली

पटना। सीएम नीतीश कुमार का शिलान्यास सभा में हंगामा हो गया। जब सीएम नीतीश कुमार संबोधित कर रहे थे, तब जयप्रभा अस्पताल बचाओ समिति के तीन सदस्यों ने मांग लिखित बैनर प्रदर्शन करने लगे। बैनर में लिखा है कि आम लोगों के लिए जयप्रभा अस्पताल चाहिए, वी0आई0पी0 लोगों के लिए मेदांता नहीं।

सीएम नीतीश के संबोधन को दरकिनार कर मीडियाकर्मी प्रदर्शन करने वालों की ओर दौर पड़े। सभा मंच से ही सीएम बिफर पड़े। डीएम संजय कुमार अग्रवाल,एसएसपी मनु महाराज आदि प्रदर्शकारियों पर अंकुश लगाने में सफल हो गये। इसके बाद दौड़ लगाने वाले मीडियाकर्मियों को भी हटाया। तबतक अपने उद्देश्य में हंगामा करने वाले सफल हो गये। इस बीच पुलिस ने हंगामा बरपाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर ली। उसे लोकल थाना कंकड़बाग लिया गया। हिरासत लेने वाले का नाम अशोक प्रियदर्शी, पंकज और रंजीत कुमार हैं।

वहीं पर पर्चा भी वितरित करने लगे। इसमें उल्लेख किया गया है कि 12 वर्षों तक ट्रस्ट के लोग जयप्रभा अस्पताल बनाने में असमर्थ रहे और इसके दुगने 25 वर्षों तक बिहार सरकार ने अस्पताल बनवाने का काम अपने हाथ में रखकर भी क्यों अबतक कुछ नहीं किया?
नीतीश जी! आपने इस परिस्थिति में मेदांता अस्पताल को बीच में लाकर क्या बताने की कोशिश की है कि कार्पोरेट हाथों में ही आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा! क्या स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार का दायित्व नहीं है? ऐसा आप करते हैं कि फिर भी नरेन्द्र मोदी को कार्पोरेट कहते हैं?

क्या जनता के लिए बनन वाले सुपर स्पेशलिटी (अति विशिष्ट) अस्पताल का विकल्प यही है कि विशिष्ट लोगों (वीआईपी) के लिए मेदांता अस्पताल बने।

नीतीश जी, आपने जयप्रभा अस्पताल बचाओ समितिसे मिलने सेे बचने की नीति पर क्यों अबतक पुनर्विचार नहीं किया।  आपने जयप्रभा अस्पताल के पास कार्य आरंभ शिलान्यास में जयप्रभा अस्पताल बचाओ समिति को आमंत्रण देने से परहेज क्यों किया?

क्या आपको नैतिक प्रश्न का उत्तर नहीं पड़ेगा कि जिस जमीन पर राष्ट्रपति रहते हुए नीलम संजीव रेड्डी ने जे0पी0 के सामने जयप्रभा अस्पताल का शिलान्यास किया था। उस जगह पर नीतीश जी , आपने दोबारा इसके 37 साल बाद अपने आवास के पास के संवाद कक्ष से गुपचुप मेदांता अस्पताल का शिलान्यास करने की बेजा सत्ता कैसे इस्तेमाल की है?

जयप्रभा नाम जोड़ देने से क्या मेदांता अस्पताल में लगने वाले लाखों रूपये के खर्च से आम आदमी बच जाएगा। मेदांता काफी मंहगा अस्पताल है।  मेदांता के साथ जयप्रभा नाम जोड़कर क्या आप जयप्रकाश के सपनों का अस्पताल बना रहे हैं? क्या गरीब लोगों के नाम पर अफसरों,नेताओं के दरबारी-ड्राइवर,अमला-बराहिल और सरकारी लोगों के नाम पर बड़े अफसर मेदांता में इलाज कराते रहेंगे और आदमी के लिए विशिष्ट किडनी रोग और कैंसर अस्पताल का सपना रोता रहेगा।
आप 1000 करोड़ के कन्वेंशन हॉल और म्युजियम-2 को बनवा रहे हैं और दूसरी तरफ 100 करोड़ अस्पताल को क्यों बलि चढ़ा रहे हैं?

लालू जी! क्या हुआ आपको- बेटों को याद रखा,भूल गये जयप्रकाश को।
हम जानना चाहते हैं, मेदांता प्रेम की वजह और जयप्रकाश नारायण के अनादर का कारण।

हमें इसमें दिलचस्पी है कि जयप्रभा अस्पताल को बिहार आंदोलन के जीवन्त  स्मारक के रूप में सरकार और जनता के पैसों पर बनाया और चलाया जाये। आपकी दिलचस्पी क्या है?

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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