दाने-दाने को मोहताज
पटना। राजधानी और दीघा क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिलने की खबर है। जानवरों को भी चारा नहीं मिल रहा है। कुर्जी मोड़ से आगे मंदिर में रहने वालों को शौचक्रिया करने में दिक्कत है। सुलभ शौचालय वाले पांच रू0 बटोर रहे हैं। इनको राहत पहुंचाने की जरूरत है।
गंगा नदी के बढ़े हुए जल स्तर एवं तेज जल प्रवाह के कारण गंगा नदी के किनारे अवस्थित जिलो यथा बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिलो में कमोबेश बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। पटना, वैशाली, भोजपुर एवं सारण जिला के दियारा क्षेत्र बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं। बाढ़ से प्रभावित सभी जिलों में राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। प्रभावित लोगों को दियारा क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर राहत कैम्पों में लाया जा रहा है, जहाँ उनके लिए पका हुआ भोजन, पीने का पानी, महिला एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग शोचालय, स्वास्थ्य जाँच, जरूरी दवाएँ, साफ-सफाई एवं प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
आबादी निष्क्रमण- अब तक लगभग 15,000 लोगों को बाढ़ग्रस्त स्थान से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है।
राहत शिविर - अबतक 82 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 15000 लोगों को रखा गया है। राहत शिविरों में लोगों को पका हुआ भोजन खिलाने हेतु पर्याप्त मात्रा में थाली, कटोरा, ग्लास एवं लोटा का क्रय/ व्यवस्था करने का निदेश सभी जिला पदाधिकारियों को दिया गया है। साथ ही राहत शिविरों में रह रहे लोगों के लिए कपड़ा की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु महिलाओं के लिए पर्याप्त संख्या में साड़ी, साया, ब्लाउज तथा पुरूषों के लिए लूंगी, गंजी एवं गमछी आदि का क्रय/व्यवस्था करने का निदेश दिया गया है। इन सामग्रियों पर होने वाले व्यय की पूर्ति मुख्य मंत्री राहत कोष से की जायेगी।
नावों का परिचालन - 1326 नावों का संचालन किया जा रहा है।
निदेश दिया गया है कि जिन नावों का परिचालन सरकार द्वारा कराया जा रहा है उन पर लाल झंडा टंगा रहे। साथ ही उन पर नाव की लदान क्षमता के साथ-साथ यह भी अंकित रहे कि नाव का परिचालन निःशुल्क जा रहा है।
चिकित्सा दल - प्रत्येक राहत शिविर में चिकित्सा दल की प्रतिनियुक्ति जरूरी दवाओं, हैलोजन टैबलेट एवं अन्य चिकित्सा सामग्रियों के साथ की गई है।
पशुओं के लिए पशु दवा एवं पशु चारा की व्यवस्था की जा रही है।
सभी बाढ़ प्रभावित जिलो में एन0डी0आर0एफ0/एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है।
जल संसाधन विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार नदियाँ, जो खतरे के निशान से उपर बह रही है, वे हैंः- गंगा-बक्सर में (डीएल 62.32,एएल 60.93),दीघा घाट (पटना) में (डीएल 50.45,एएल 52.12),गांधी घाट (पटना) में (डीएल 48.60,एएल 50.52),हाथीदह, (पटना) में (डीएल 41.76,एएल 42.97),मुंगेर में (डीएल 39.33,एएल 39.55),भागलपुर में (डीएल 33.68,एएल 34.18), कहलगांव (भागलपुर) में (डीएल 31.09,एएल 32.22),सोन कोइलवर (भोजपुर) (डीएल 55.52,एएल 5614),मनेर पटना में (डीएल 52.00,एएल 53.70),पुनपुन श्रीपालपुर पटना में (डीएल 50.60,एएल 52.46), घाघरा-गंगपुर सिसवन (सिवान) में (डीएल 57.04,एएल 57.44),छपरा में (डीएल 53.68,एएल 53.83),गंडक-हाजीपुर में (डीएल 50.32,एएल 50.39),बुढ़ी गंडक (खगड़िया) में (डीएल 36.58,एएल 37.85),कोसी- बलतारा (खगड़िया) में (डीएल 33.85, एएल 34.04) और कुरसेला (कटिहार) में (डीएल 30.00,30.92)। शेष सभी नदियाँ खतरे के निशान से नीचे बह रही है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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