Monday 22 August 2016

मदर टेरेसा ‘ प्रभु का अवतार’ नहींःकार्डिनल

मैं मदर टेरेसा ‘प्रभु का अवतार’ नहीं हूं केवल ‘संत’हूं

पटना। अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ,पटना के हैं महासचिव एस.के.लॉरेंस। प्रत्येक दिन रोजनामचा पढ़ते हैं। अखबार पढ़ने के दरम्यान महासचिव की पैनी नजर रांची से प्रकाशित दैनिक भास्कर समाचार पत्र के दिनांक 20 अगस्त 2016 के पृष्ठ 20 पर गयी। अखबार में प्रकाशित ‘न्यूज ब्रीफ’ में मदर टेरेसा के सम्बन्ध में यह समाचार प्रकाशित किया गया है कि ‘कार्डिनल ने कहा है कि समर्पित सेवाओं के कारण लोग मदर टेरेसा को ‘प्रभु का अवतार’ और ‘संत’ मानते हैं।’कार्डिनल का नाम तेलेस्फोर पी टोप्पो है। झारखंड प्रदेश के रांची में रहते हैं।

मदर टेरेसा को 5 सितम्बर 2016 को संत की उपाधि तो मिलने वाली है तथा हम कैथोलिक ईसाइयों के लिए ख़ुशी एवं गर्व की बात है। परन्तु उनका प्रभु के अवतार के रूप मानने की बात पूर्ण रूप से गलत है तथा इस तरह की बातों से गलत सन्देश का प्रचार होता है।

परमेश्वर की मर्जी से उनके अवतार के रूप में प्रभु येसु इस संसार में आए। यह सत्य है।परन्तु सृष्टि के अंत तक ईसाई धर्मानुसार प्रभु येसु के अलावा और किसी ‘प्रभु के अवतार’ का आना या किसी को प्रभु का अवतार के रूप में मानना या पूजना बेबुनियाद तथा गलत है। इस तरह की बातों से अंधविश्वास पनपता है।

महासचिव ने कहा कि मेरे द्वारा कार्डिनल तेलेस्कर पी टोप्पो की इस टिपण्णी के बारे में पूछे जाने पर रांची स्थित उनके कार्यालय द्वारा कार्डिनल द्वारा दिए गए इस तरह की टिपण्णी से पूर्णतः इंकार किया गया।

अतः आपसे आग्रह है कि इस सन्दर्भ में ईसाई समुदाय तथा जनता में भ्रम तथा गलत सन्देश न जाए। समय रहते जल्द से जल्द सुधार कर प्रकाशित करने की कृपा करें। साथ ही मेरे  वक्तब्य को भी प्रकाशित करने की कृपा करें।

कल ( 20.08.2016).को जब मैंने दैनिक भास्कर को पत्र लिखा। तो उसी वक्त मैंने कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो के ऑफिस रांची में फोन से बात कर कार्डिनल साहब के गलत स्टेटमेंट को सुधारने का दबाव डाला। भयानक गलती को स्वीकार कर उन्होंने अगले दिन सुधार कर नया स्टेटमेंट जारी करने का आश्वसन दिया। ख़ुशी की बात है कि उन्होंने वादा निभाते हुए अगले दिन यानी आज 21.08.2016 को कार्डिनल ने गलती सुधारकर दैनिक भास्कर में अपना नया स्टेटमेंट जारी किया है कि मदर टेरेसा भगवान की अवतार नहीं हैं। इस तरह मुझे अपने प्रयास में सफलता मिल गयी है तथा इंटरनेशनल लेबल पर एक बड़ा बवाल उत्पन्न होने तथा लोगों में एक नए गलत अन्धविश्वास को पनपने से पहले रोकने में सफलता मिली। इसके लिए परमेश्वर को धन्यवाद कि उन्होंने कार्डिनल साहब को अपनी भयंकर गलती को सुधरने की सही सद्बुद्धि प्रदान की। 

छात्रवृति के लिए फार्म भरना प्रारंभ हो गया है। चर्च में पुकारने के लिए दस दिन पहले मैंने पैरिश प्रिस्ट को पत्र भी दिया है। लेकिन अब सभी विद्यार्थिओं को ऑन लाईन फार्म भरना है। इसके लिए विद्यार्थी या गार्जियन मुझसे सहयोग ले सकते हैं कि कैसे क्या करना है।नेट से फॉर्म भरवाने के लिए मैंने एक नेट ऑपरेटर से कम रेट में भरने के लिए बात भी कर लिया है। रेट तो सौ रु. है। परन्तु मैंने पचास रु.में काम कर देने के लिए तैयार कर लिया है।इस सूचना को अपने स्तर से लोगो तक पहुँचाने में मदद करें। ख़ुशी की बात है कि पिछले वर्ष भी मेरे माध्यम से भर कर भेजे गए लगभग सभी ईसाई विद्यार्थियों को छात्रवृति मिल गयी है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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