पटना। आज भी बरकरार है कोसी में कोहराम। 18 अगस्त,2008 को कुसहा तटबंध टूटा। सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गये। केवल आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा मृतकों के परिजनों को एक लाख रू0मुजावजा मिला। पीएम की ओर से एक लाख और सीएम की ओर से पचास हजार रू0 मिला ही नहीं। कुछेक एनजीओ वाले झूठा प्रयास किये कि मृतकों के परिजनों को पीएम और सीएम की ओर से मिलने वाली राशि भी दिलवाया जाये। आजकल करते-करते एनजीओ की प्रोजेक्ट राशि खत्म होने के बाद मामला खटाई में चला गया।
बाढ़ की स्थिति में सुधार
उत्तरी बिहार में लगातार वर्षा होने के कारण कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। बाढ़ आपदा से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप जिलो द्वारा तैयारी की गई है। महानन्दा, बखरा, कंकई, परमार, कोसी एवं अन्य नदी में आए बाढ़ से राज्य के पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी), पश्चिम चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सारण, नालन्दा एवं मुंगेर जिला बाढ़ से प्रभावित हुए थे। वर्त्तमान में उत्तर बिहार की नदियों में पानी घटने के कारण बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है।
गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि
परन्तु गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि होने के कारण पटना, बक्सर, भोजपुर, मुंगेर, सारण, वैशाली एवं भागलपुर जिला के दियारा क्षेत्र में पानी प्रवेश कर जाने की सूचना प्राप्त हुई है। स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। पटना, वैशाली एवं गोपालगंज में पूर्व नियोजित एन0डी0आर0एफ0 तथा पटना एवं भागलपुर में पूर्व नियोजित एस0डी0आर0एफ0 टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुॅचाने हेतु नावों का परिचालन करने तथा आवश्यकतानुसार राहत शिविरो का संचालन करने का निदेश सभी जिला पदाधिकारियों को दिया गया है। इसके अतिरिक्त मोबाईल मानव चिकित्सा दलों एवं पशु चिकित्सा दलों को जरूरी दवाएॅ, हैलोजन टैबलेट एवं अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्रियों के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में प्रतिनियुक्त करने का निदेश भी जिला पदाधिकारियों को दिया गया है। गर्भवती एवं धात्रृ महिलाओं के ईलाज हेतु महिला चिकित्सकों को भी चिकित्सा दलों के साथ प्रतिनियुक्त करने का निदेश दिया गया है। संध्या 05.30 बजे के पश्चात् नवों के परिचालन पर शक्ति से रोक लगाने का निदेश भी विभाग द्वारा जारी किया गया है।
पटना जिलें में 65 नावों का परिचालन
पटना जिलें में 65 नावों का परिचालन किया जा रहा है, और राहत शिविरों का संचालन भी आवश्यकतानुसार किया जा रहा है। गंगा नदी के घाटों पर बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है, ताकि 05.30 अप0 बजे के बाद नावों का परिचालन एवं ओवर लोडिंग रोका जा सके। बच्चे, बुढे एवं नवजवान व्यक्तियों को नदी में जाने से रोकने के लिए प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है।
भोजपुर जिले में 69 नावों का परिचालन
भोजपुर जिले में 69 नावों का परिचालन किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी के द्वारा 05.30 अप0 बजे के बाद नावों का परिचालन बंद करने का निदेश दिया गया है, साथ ही साथ बच्चे, नौवजवान एवं बुढे़ व्यक्तियों को नदी में जाने से रोकने के लिए ध्वनि विरतारक यंत्र से प्रचार-प्रसार करया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित अंचलों में कुल 37 स्थानों पर मेडिकल टीमों के साथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। डाक्टरों की टीम दवा एवं हैलोजन टैबलेट के साथ प्रभावित ईलाकों में गठित है। सदर अनुमंडल के विद्यालयों में राहत केन्द्र क्रियाशील कर दिया गया है। लोगों को भोजन एवं आवासन की सुविधा उलब्ध करायी जा रही है। एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 की सेवाये ली जा रही है।
नावों का परिचालन
खगड़िया, बक्सर एवं वैशाली जिलें में बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवादी के निष्कासन हेतु नावों का परिचालन कराया जा रहा है। साथ ही चिकित्सा दलों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है। हैलोजन टैबलेट का वितरण भी किया जा रहा है।
नदियों का नाम जो खतरे के निशान से उपर बह रही है
गंगा- दीघा घाट (पटना) में ( डीएल 50.45, एएल 50.59), गांधी घाट (पटना) में (डीएल 48.60,एएल 49.33), हाथीदह, (पटना) में (डीएल 41.76,एएल 42.42), भागलपुर (भागलपुर) में (डीएल 33.68,एएल 34.00), कहलगांव (भागलपुर) में (डीएल 31.09,एएल 32.03),पुनपुन श्रीपालपुर पटना में (डीएल 50.60,एएल 51.76),घाघरा-गंगपुर सिसवन (सिवान) में (डीएल 57.04,एएल 57.31), बुढ़ी गंडक (खगड़िया) में (डीएल 36.58,एएल 37.64), कोसी- बलतारा (खगड़िया) में (डीएल 33.85,एएल 34.06 ), कुरसेला (कटिहार) में (डीएल 30.00,एएल 30.85)।
शेष सभी नदियाँ खतरे के निशान से नीचे बह रही है
राज्य में इस वर्ष आये बाढ़ के दौरान अबतक नगद अनुदान एवं सूखा राहत वितरण का विवरण- वितरित नगद अनुदान (खाद्यान्न के लिए) राशि 2093.0 लाख रू0, वितरित नगद अनुदान की राशि-2111.0 लाख रू0, -चूड़ा-10502 वीं0, गूड़-1981.00 क्वीं0, चना-1856 क्वीं0, नमक -925 क्वीं0, दीया-सलाई -1040042 पैकेट, मोमवत्ती-3540 पैकेट, किरासन तेल-991921 ली0 पॉलिथिन शीट्स-68996 शीट्स, एवं फूड पैकेट-425785।
आपदा प्रबंधन विभाग
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