Friday 26 August 2016

चलाए जा रहे राहत कैम्पों की संख्या -433


पटना। गंगा नदी का जलस्तर घटने लगा है। फिर भी 12 प्रभावित जिले है। इनका नाम है बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार । प्रभावित प्रखण्डों की संख्या -73, प्रभावित पंचायतों की संख्या-535, प्रभावित गांवों की संख्या -1934 प्रभावित जनंसख्या -31.33 लाख निष्क्रमित आबादी -3.44 लाख है।बाढ़ से मृत व्यक्तियों की संख्या -37 (भोजपुर-12, वैशाली-7, भागलपुर-2, बक्सर-1, लखीसराय-1, समस्तीपुर-6, खगड़िया-2, सारण-5, मुंगेर-1) है।बाढ़ से मृत पशु की संख्या - 28। गृह क्षति (अबतक प्राप्त सूचनानुसार) -(प) पक्का-आंशिक-04 पूर्ण-शून्य, (पप) कच्चा- आंशिक-227 पूर्ण-30 और (पपप) झोपड़ी-249। क्षतिग्रस्त गृहों का अनुमानित मूल्य -आकलन किया जा रहा है।क्षतिग्रस्त सार्वजनिक सम्पत्ति का अनुमानित मूल्य - आकलन किया जा रहा है।परिचालित नावों की संख्या -2333 है। चलाए जा रहे राहत कैम्पों की संख्या -433 है। शिविरों में रह रहे लोगों की संख्या - 1.74 लाख है। चिकित्सा दलों की संख्या - 227 और पशु शिविरों की संख्या -108।

आंख के सामने बर्बादी का दर्शनः दीघा बिन्द टोली से विस्थापित होकर कुर्जी दियारा में पुनर्वासित हैं 206 परिवार। न्यू बिन्द टोली के लोग आंख के सामने बर्बादी होते देखे। महाजन से कर्ज लेकर मालगुलजारी पर खेती करने वाले लोग महाजन से कर्ज लेकर मकान बनाये थे। जो ध्वस्त हो गया है। अब फिर से महाजन से कर्ज लेकर मकान को मरम्मत करेंगे। आखिर कबतक महाजनों पर निर्भर रहेंगे। हरेक साल खेती करेंगे और हरेक साल बाढ़ की तबाही के बाद घर बनाते रहेंगे।आपदा प्रबंधन विभाग गौर से सोचे और देखकर वास्तविक समाधान करें।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। यहां के लोग

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