Friday 26 August 2016

वृहस्पतिवार को बिटियां 7 दिन की हो गयीं


पटना। न्यू बिन्द टोली,कुर्जी में रहते हैं कामेश्वर महतो। बाढ़ के दरम्या नही कामेश्वर महतो के घर में लड़की बच्ची जन्म हुई। 18 अगस्त,2016 को जन्म हुआ। कामेश्वर महतो और उनकी पत्नी मोतीझरी देवी के सहयोग से 3 बच्चे हुए हैं। बड़ा वाला लड़का है। उसके बाद लड़की बच्ची है। अभी-अभी जन्म लेने वाली भी बच्ची लड़की है। मोतीझरी देवी के परिजनों ने दीघा हाट से बत्तीसा मशाला खरीदकर लायी हैं। मशाला की कीमत 8 सौ रू0 व्यय करना पड़ा। फिलवक्त कुर्जी मोड़ के समीप निर्माणाधीन अपार्टमेंट में बच्चों के साथ मोतीझरी देवी रहती हैं। अन्य परिजन न्यू बिन्द टोली में रहते हैं। वहीं पर बत्तीसा मशाला तैयार किया जा रहा है। 

क्या है बत्तीसा मशाला? 32 तरह का मशाला को मिलाकर बत्तीसा मशाला तैयार किया जाता है। जड़ी-बुट्टी से मशाला तैयार होता है। अ़च्छी तरह से साफ और छटाई करके मशाला को कुटा जाता है। जो तस्वीर में दिखायी गयी है। मशाला तैयार हो जाने के बाद शुद्ध घी में तैयार किया जाता है। दूध और मिठ्ठा डाला जाता है। तैयार होने के बाद बत्तीसा जाम की तरह बन जाता है। इसे जच्चा को खाने को दिया जाता है। इसको सेवन करने से शरीर में रह गये विकारों को बाहर निकालने में सहायक बनता है। शरीर को तन्दुरूस्त बनाने और स्तन से निकलने वाले दूध को अधिक बनाता है। बत्तीसा खाने के बाद पौष्ट्रिक दूध बन जाने से बच्चा भी सेहतमंद हो जाता है। इस तरह बत्तीसा मशाला जच्चा-बच्चा के लिए रामबाण साबित होता है। इस बीच सरकार ने घोषण की है कि बाढ़ पीड़ितों द्वारा लड़की बच्ची जन्म देने पर 15 हजार और लड़के पर 10 हजार रू0 देगी।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 




No comments: