क्या है बत्तीसा मशाला? 32 तरह का मशाला को मिलाकर बत्तीसा मशाला तैयार किया जाता है। जड़ी-बुट्टी से मशाला तैयार होता है। अ़च्छी तरह से साफ और छटाई करके मशाला को कुटा जाता है। जो तस्वीर में दिखायी गयी है। मशाला तैयार हो जाने के बाद शुद्ध घी में तैयार किया जाता है। दूध और मिठ्ठा डाला जाता है। तैयार होने के बाद बत्तीसा जाम की तरह बन जाता है। इसे जच्चा को खाने को दिया जाता है। इसको सेवन करने से शरीर में रह गये विकारों को बाहर निकालने में सहायक बनता है। शरीर को तन्दुरूस्त बनाने और स्तन से निकलने वाले दूध को अधिक बनाता है। बत्तीसा खाने के बाद पौष्ट्रिक दूध बन जाने से बच्चा भी सेहतमंद हो जाता है। इस तरह बत्तीसा मशाला जच्चा-बच्चा के लिए रामबाण साबित होता है। इस बीच सरकार ने घोषण की है कि बाढ़ पीड़ितों द्वारा लड़की बच्ची जन्म देने पर 15 हजार और लड़के पर 10 हजार रू0 देगी।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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