Monday 15 August 2016

आगे मस्जिद है और पीछे उर्दू प्राथमिक विद्यालय,कुर्जी

गंगा की गोद में शौचालय
पटना। सर्वविदित है कि राजद द्वारा ‘एमवाई’ मुस्लिम और यादव समीकरण की बदौलत सत्ता पर काबिज रहे। ऐसा समझा जाता है मात्रः मुस्लिम वोट बैंक बनकर रह जाते हैं। इस तरह की बानगी दिखती है। जिसे देखना है तो दीघा थानान्तर्गत कुर्जी मस्जिद गली में आये। गंगा किनारे मस्जिद है। आगे मस्जिद है और पीछे उर्दू प्राथमिक विद्यालय,कुर्जी है। विद्यालय एक कमरा में सिमटकर रह गया है। इसी कमरे में 2 शिक्षिका शिक्षण कार्य करती हैं। 57 विद्यार्थी बैठते हैं। यह सकुन की बात है कि सभी विद्यार्थी पढ़ने नहीं आते हैं। अगर एक साथ बैठते तो बैठने की जगह ही नहीं मिलती। 

उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत में है विद्यालय। अब पटना नगर नूतन राजधानी अंचल में आ गया है। न पंचायत से न ही निगम से राहत पहुंचाने का कार्य किया गया। इसके कारण एक रूम में पांच क्लास संचालित है। यह हाल राजकीय उर्दू प्राथमिक विद्यालय,कुर्जी का है।एक रूम में 57 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। क्लास प्रथम में 13,द्वितीय में 10,तृतीय में 16,चतुर्थ में 8 और पांचवी में 4 विद्यार्थी हैं। इनको पढ़ाने के लिए 2 शिक्षिकाएं हैं। एक प्रभारी और दूसरी सहायक शिक्षिका हैं। इनके द्वारा विद्यार्थियों को उर्दू, हिन्दी,गणित,साइंस आदि की शिक्षा दी जाती है। क्लास शुरू होने के पहले प्रार्थना की जाती है। राष्ट्रीय गीत भी गाया जाता है। हाल के दिनों में ‘भारत भाग्य विधाता’पर उत्पन्न विवाद को सहायिका शिक्षिका नकार देती हैं। इनका कहना है कि हमलोग भारतीय हैं और इस नाते राष्ट्रीय गान से परहेज नहीं है। सहायिका शिक्षिका को नामालूम है कि देश के राष्ट्रपति और बिहार के राज्यपाल का नाम। तो खाक में विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल कर पाएंगे?

बच्चों ने कहा कि एक साल से मिड डे मील मिलता ही नहीं है। सहायक शिक्षिका कहती हैं कि क्लास रूम में बैठने वाले विद्यार्थी के सिर पर प्लास्टर गिर गया है। कई जगहों से छत से प्लास्टर का टुकड़ा गिरता है। शौचालय नहीं है। हमलोग मस्जिद के शौचालय में शौचक्रिया करते हैं। भले ही औरतों को मस्जिद में जाकर नवाज अदा करने की इजादत न हो मगर शौचक्रिया करते हैं। बाहर में शौचालय निर्मित है। जो कामचलाऊ नहीं है। पानी बढ़ जाने से यूजलेस हो गया है। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।



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