सामूहिक बलात्कार का
मामला
बिहार राज्य महादलित
आयोग पहुंचा
बोधगया। टेम्पू चालकों
के द्वारा महादलित
युवती के संग
किये गये सामूहिक
बलात्कार का मामला
राज्य मानवाधिकार आयोग,बिहार राज्य महादलित
आयोग,एससीएसटी आयोग
और बिहार राज्य
महादलित विकास मिशन में
चला गया है।
बिहार राज्य महादलित
आयोग के अध्यक्ष
उदय मांझी ने
एकता परिषद,बिहार
के द्वारा प्रेषित
आवेदन को देखकर
आश्चर्य व्यक्त किया कि
6 जून,2013 को महादलित
युवती के साथ
सामूहिक बलात्कार किया गया।
7 जून को बोधगया
में बैठाकर रखा
गया। 8 जून को
एफआईआर दर्ज किया
गया और 9 जून
को मेडिकल जांच
कराया गया। इसके
बाद 5 जुलाई को
मामले को पटना
में ले आकर
आयोग को दिया
गया है।
उन्होंने
चिन्ता व्यक्त किया कि
बोधगया के थानाध्यक्ष
ने नामजद अपराधियों
के खिलाफ आईपीसी
कोड के अनुसार
अपराध निर्धारित नहीं
किया। उनको धारा
भी नहीं लगाया
गया है। तत्काल
गया जिले के
एसपी को टेलिफोन
पर आदेश दिया
कि नामजद अपराधियों
पर अपराध निर्धारित
करके तुरंत हिरासत
में डाले।
इससे
साफ जाहिर हो
रहा है कि
बोधगया थाने थानाध्यक्ष
बलात्कार कांड को
दबाना चाह रहे
हैं इसी के
कारण किसी तरह
का अपराध निर्धारित
नहीं किये। सामूहिक
बलात्कार की षिकार
कुन्ती कुमारी भी मानसिक
तनाव से गुजर
रही हैं। वहीं
उसके पिता कृष्ण
मांझी अपनी पुत्री
को न्याय दिलवाने
में असर्मथ हो
रहे हैं।
इस बीच
एकता परिषद,बिहार
की संचालन समिति
की सदस्या मंजू
डुंगडुंग ने कहा
कि हम लोगों
ने आयोग से
9 सूत्री निवेदन किये हैं।
एफआईआर में नामदर्ज
बालाजी और पप्पू
कुमार को तत्काल
गिरफ्तार किया जाए।
नामजद टेम्पू चालक
का ड्राईवरी लाइसेंस
रद्द किया जाए।
मगध विश्वविघालय थाने
की पुलिस के
द्वारा थाना क्षेत्र
की बात करने
वाले पुलिसकर्मियों को
बर्खास्त किया जाए। बोधगया
थाने के लापरवाह
थानाध्यक्ष को निलम्बित
किया जाए। पीड़िता
को जल्द से
जल्द न्याय दिलवाया
जाए। एस.सी.एस.टी.
कानून के तहत
पीड़िता को 5 लाख
रूपए मुआवजा दिया
जाए। पीड़िता के
अभिभावकों को 10 डिसमिल जमीन
दिया जाए। पीड़िता
के अभिभावकों को
इन्दिरा आवास योजना
के तहत मकान
निर्माण कराया जाए। बोधगया
थाने में मोबाइल
गस्ती को दुरूस्त
किया जाए।
आलोक कुमार