Sunday 2 October 2016

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म जयंती की पूर्व दिवस पर गोलीकांड

रांची। सत्य और हिंसा के पूजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म जयंती की पूर्व दिवस पर गोलीकांड होने से अहिंसक मार्ग पर चलने और आंदोलन करने वालों को सदमा लगा है। हजारीबाग में हुए बर्बर गोलीकांड के खिलाफ लोग एकजूट हो रहे हैं। इस गोलीकांड के खिलाफ 2 अक्टूबर को अलबर्ट एक्का चौक पर प्रतिरोध मार्च होगा। सायं 5 बजे अलबर्ट एक्का चौक (रांची) पर जमा होना है। वहीं संघर्ष में लगे साथियों से निवेदन है कि यदि आप इस कार्यक्रम में नहीं आ पायेंगे तो कल अपने गांव शहर में ही इस तरह का प्रतिरोध मार्च का आयोजन करें।

झारखंड में हुई पुलिसिया हिंसा पर सरकार और सामाजिक संगठनों के बीच ठन गयी है। एक तरफ जहां पुलिस का दावा है कि उकसाने की कार्रवाई और हिंसक गतिविधियों को ग्रामीणों की तरफ से अंजाम दिया गया और पुलिस को कार्रवाई करने पर मजबूर किया गया,वहीं सामाजिक संगठनों का कहना है कि पुलिस ने अहिंसक सत्याग्रहियों पर गोली चलाई जिसमें चार ग्रामीण मारे गए। एकता परिषद् के संसथापक राजगोपाल ने इस घटना पर छोभ व्यक्त किया है तथा कहा है कि गाँधी के देश में इस प्रकार की सरकारी हिंसा से भारत की पूरी दुनियां में बदनामी हो रही है इसलिए इस बदनामी का दाग मिटाने एवं देः और दुनिया को विश्वास दिलाने के केंद्र सरकार को ऐसे कदम तुरंत उठाने चाहिए जिससे शांति एवं अहिंसात्मक रूप से लोगों को अपनी बात करने की जगह मिल सके ।

झारखंड के हजारीबाग जिले में शनिवार को पुलिस की गोलीबारी में चार ग्रामीणों की जान चली गई। राष्ट्रीय थर्मल पॉवर कारपोरेशन (छज्च्ब्) के माइनिंग के विरोध में १५ सितम्बर २०१६ से आंदोलन चल  रहा है। हजारों की संख्या में ग्रामीण इस आंदोलन में शिरकत कर रहे थे। मई महीने से ही चीरूडीह, बड़कागांव, हजारीबाग के ग्रामीण एनटीपीसी द्वारा खनन के लिए अधिगृहित की जा रही जमीन के खिलाफ धरने पर बैठे थे। आंदोलनकारियों ने इसे कफन सत्याग्रह कहा। झारखंड के पुलिस प्रमुख डी. के. पांडे ने को बताया, “एक समूह संयंत्र के अधिकारियों से वार्ता के लिए गया था, जबकि दूसरे समूह ने हंगामा शुरू कर दिया। गांव वाले पत्थरबाजी करने लगे, जिसमें सात पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें चार ग्रामीणों की मौत गई. फायरिंग के बाद, ग्रामीणों ने सरकारी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और रांची-सिकदीरी और गोला रोड जाम कर दिया।

आईजी ऑपरेशंस एम.एच.भाटिया ने बताया कि ग्रामीणों ने शनिवार सुबह हिरासत में ली गई कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को भी छुड़ा लिया। निर्मला देवी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की परियोजना का विरोध कर रही थीं। इसके विरोध में वह रैलियां निकाल रही थीं, जिनके कारण उन्हें हिरासत में लिया गया था। भाटिया ने बताया कि शनिवार को ग्रामीणों की पुलिस के साथ झड़प हुई, जिसमें छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। दो पुलिस वाहनों को भी जला दिया गया। इसके बाद पुलिस को गोली चलानी पड़ी। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर रवाना किया गया है। झड़प, गोलीबारी और आगजनी के बाद पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले में जांच के आदेश दे दिए।

हालांकि एकता परिषद ने इस पूरे आंदोलन को शांतिपूर्ण आदोलन कहा है और आरोप लगाया है कि पुलिस ने निहत्थे ग्रामीणों पर गोलीबारी की। १५ सितम्बर २०१६ से चल रहे अहिंसक एवं शांतिपूर्वक कफ़न सत्याग्रह के दरम्यान सुबह ४ बजे झारखण्ड पुलिस द्वारा सोते हुए सत्याग्रहियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर आधे दर्जन निहथ्थे लोगों को मौत के घाट उतर दिया जिसमें ४ दर्जन से अधिक लोग घायल हुए स प्रजातान्त्रिक देश में शांति पूर्वक ४००० से अधिक लोगों के सत्याग्रह को बन्दूक की गोली से कुचलने की कार्यवाही का एकता परिषद् भर्त्सना करता है तथा सरकार से मांग करता है कि पूरे मामले की तुरंत सी.बी,ई. द्वारा जांच कराइ जाय तथा समस्या का सवैधानिक समाधान खोजा जाय ।

एकता परिषद् के संसथापक राजगोपाल ने इस घटना पर क्षोब्ध व्यक्त किया है तथा कहा है कि गाँधी के देश में इस प्रकार की सरकारी हिंसा से भारत की पूरी दुनियां में बदनामी हो रही है इसलिए इस बदनामी का दाग मिटाने एवं देः और दुनिया को विश्वास दिलाने के केंद्र सरकार को ऐसे कदम तुरंत उठाने चाहिए जिससे शांति एवं अहिंसात्मक रूप से लोगों को अपनी बात करने की जगह मिल सके ।

एकता परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष रन सिंह परमार ,राष्ट्रीय संयोजक अनीश भाई एवं श्रध्दा कश्यप , राष्ट्रीय सदस्य बीरेंद्र भाई, निर्भय भाई ने सरकार की बंदूकों द्वारा आम जन के ऊपर बरसाई गोलियों की घटना पर दुःख प्रकट करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में सभी को शातिप्रिय ढंग से जन हित में विरोध करने का अधिकार है कोई भी सरकार आम जन के इन अधिकारों को कुचलने का काम न करे स एकता परिषद् द्वारा शहीद हुए कफ़न सत्याग्रहियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की तथा अहिंसक तरीके जन हित में चलाये जाने वाले सत्याग्रह का समर्थन किया है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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