पटना। और जन वितरण प्रणाली से मिलने वाले अरवा चावल को बेच देते हैं। उसके बाद उसना चावल खरीदकर ले जाते हैं। केन्द्र सरकार की गलत नीति के कारण ही लोगों को बदलकर चावल खरीदना पड़ रहा है। यहां के लोग उसना चावल खाते हैं और उनको अरवा चावल मिल रहा है। तो जन वितरण प्रणाली से मिलने वाले अरवा चावल को बेच देते हैं। उसके बाद उसना चावल खरीदते हैं। जन वितरण प्रणाली की सस्ते मूल्य की दुकाम से अरवा चावल प्रति किलो 3 रू0 मिलता है। इसको बाजार में 15 रू0 बेचते हैं। इस व्यक्ति को 40 किलो चावल मिला है। इसकी कीमत 120 रू0 चुकता किया है। इसके बाद 40 किलो दुकान में बेच दिया। वहां पर उसे 600 रू0 मिला। इसी 600 रू0 से उसना चावल खरीदा। उसे 25 किलो उसना चावल मिला। अगर सरकार के द्वारा लोगों को उसना चावल मिलता तो बेचने की नौबत नहीं आती।
आलोक कुमारमखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट, पटना।
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