Friday 9 December 2016

रानी खातून ने अग्रज से कहा कि अपहरणकर्ताओं ने दुष्कर्म किया


गर्दनीबाग में 69 दिनों तक धरना देने के बाद मायूष होकर चले गये परिवार के लोग
पटना। गर्दनीबाग में मां-बाप और भाइयों के साथ दुष्कर्म की शिकार रानी खातून 25 अक्तूबर से अनशन पर है। आंदोलन के बल पर 8 बदमाश गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अब पीड़िता के परिजनों की मांग है कि खाकी वर्दीधारियों ने पीड़िता के संग उचित व्यवहार नहीं किये और बदमाशों को संरक्षण देते रहे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो।
अपहरण का मामला बांका जिले के बाराहाट थानान्तर्गत में घटित है। 8 बदमाशों ने 12 फरवरी 2016 को दिन के उजाले में 10 बजे रानी खातून का अपहरण कर लिया। फजल अहमद (पूर्व मुखिया), बबलू, सहूल, साजिद, मुर्तुजा, छोटू, कलीम और मजहर है। सभी बदमाश ग्राम सिंगारपुर, पंचायत अहीरो हाट,थाना धौरेया और जिला बांका के रहने वाले हैं। वहीं गरीब की दासता झेलले वाले क्यू अंसारी रहते हैं। वे कपड़ा बुनाई करने वाले कारीगर हैं। क्यूम अंसारी की बीबी नूरजहां खातून हैं। इन दोनों के सहयोग से 4 लड़का और 4 लड़की हैं। बड़ा बेटा निशार अहमद, बेटा इरशाद अहमद, बेटा बाबू अली, बेटा औरंगजेब, बड़ी बेटी नाजनी खातून और शबनम आरा की शादी हो गयी है। रानी खातून (14 साल) और नासरीन खातून (10 साल) की है। ग्राम सिंगारपुर, थाना धौरेया और जिला बांका के रहने वाले हैं।
पीड़ित परिवार वालों ने सीएम नीतीश कुमार के पास गुहार किये। मुख्यमंत्री सचिवालय,बिहार सरकार द्वारा आवेदन प्राप्त 3 नवम्बर 2016 को प्राप्त किया गया। इसमें लिखा गया है कि मेरे परिवार की जिन्दगी के आखिरी समय में इस बात की अफसोस है कि अपराधियों के जुल्मोशीतम अपहरण कर नशीली बोतल पीलाकर सामूहिक बलात्कार एक 14 साल की मासूम बच्ची के साथ कर दी गयी। जिला प्रशासन के डी0एस0पी0,एस0पी0 एवं थाना प्रभारी के जुल्मोशीतम पैसा और पैरबी पर किया गया जिंदगी से तंग आकर अपना घर और जिला छोड़कर बिहार के नाम पर दिनांक 25 अक्तूबर 2016 से पटना गर्दनीबाग में आमरण अनशन कर रहा हूं। जो कि हालत नाजुक है,पीड़िता और पिता जो इंसाफ के लिए अनशन पर हैं जिसकी हालत ठीक नहीं है इलाज की सख्त जरूरत है।
एक ऐसा जुल्म किये अपराधियों के साथ बांका प्रशासन के डी0एस0पी0 और थाना प्रभारी दुष्कर्म की शिकार बच्ची पुलिस को बयान दी। मेरे साथ अपहरणकर्ताओं ने नशीला बोतल पीलाकर सामूहिक बलात्कार किया है। थाना प्रभारी ने बिना मेडिकल जांच के 12 दिन तक अनाथ आश्रम नाथ नगर रामानन्दी में बंधक बनाये रखे।
दिनांक 17 फरवरी को अनाथालय द्वारा मेडिकल जांच करवाने के सिलसिले में केवल अल्ट्रासाउंड करा दिये। भागलपुर मायागंज हॉस्पीटल में दिनांक 23 फरवरी 2016 को अनाथालय से निकालकर थाना में रखकर थाना प्रभारी मेरी पिटाई किये और काफी टॉचर किये। कोर्ट में बयान देने पर भाई और बाप को उठवा लेने की धमकी दिये। जुल्मोशीतम पूर्व पर्यटन मंत्री जावेद एकबाल अंसारी के संरक्षण में किया गया है। 20 फरवरी को बांका में केस करने पर मंत्री की तरफ से बुरे अंजाम देने की धमकी दी गयी। मेरे माता-पिता और मुझे अनाथालय में बंद कर दी गयी। बांका प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेश संख्या-883/2016 के अनुसार हमारी सुरक्षा नहीं रहे हैं। ये न्यायालय का अपमान है। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।

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