Thursday 23 February 2017

पिंकी देवी की मौत की जांच हो।




न्याय की तलाश में महाराणा प्रताप  का परिवार
और मां का दूध भी नसीब नहीं हुआ गंगापुत्र को
जहानाबाद। आज 26 दिसम्बर 2016 है। 12 नवम्बर 2016 को गंगापुत्र नामक शिशु का जन्म हुआ। आज 20 फरवरी को वह 90 दिनों का हो गया। उसे मां का प्यार और ममता का दूध नसीब नहीं हुआ। धरती के भगवान की लापरवाही के कारण गंगापुत्र की मां परलोक चली गयी। अब मां और बाप का प्यार महाराणा प्रताप को देना पड़ रहा है। पेश है सच्ची दिल विदारक खबर।

एक गलती ने गंगापुत्र का मां का दुलार छीन लिया। मास्टर ऑफ मेडिसीन (एम0डी0) की डिग्री धारक डाक्टर श्रीमती अनीता ने अबोध शिशु गंगापुत्र की मां पिंकी देवी का एल0एस0सी0एस0 किया। इस ऑपरेशन के दौरान डाक्टर अनीता से पिंकी देवी का नस कट गया। इसके कारण ऑपरेशन टेबल भी लेटी पिंकी का तीव्रगति से रक्तस्त्राव होने लगा। इस जहा में प्रचलित धरती के भगवान डाक्टर ने मौत के मुंह में चली गयी पिंकी देवी को मौत के जबरे से बाहर नहीं निकाल सका। अन्ततः ऑपरेशन टेबल पर ही पिंकी देवी का इहलीला समाप्त हो गयी। इस तरह महरूम पिंकी के एक साथ तीन बच्चे मां के प्यार से महरूम हो गये।
अपने विश्वास के बल पर ही गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाले उमेश सिंह यादव ने पुत्रवधु पिंकी देवी की जांच की प्रक्रिया कोपल क्लिनिक में कराया। इसके पहले एक बच्ची का जन्म एल0एस0सी0एस0 से क्लिनिक में हुआ है। मगर इस बार भाग्य रूठ गया। दीघा पटना में गार्ड का काम करने वाले उमेश सिंह यादव के पुत्र हैं महाराणा प्रताप। महाराणा प्रताप की शादी पिंकी देवी के संग हुई है। तीन बच्चे है। प्रथम वाली लड़की शिवानी का जन्म एल0एस0सी0एस0 से हुआ। द्वितीय लड़की भगवानी का जन्म कोपल क्लिनिक में डाक्टर अनीता के हाथों एल0एस0सी0एस0 से हुआ। इसी कारण से तीसरे गर्भधारण में भी परिवार के लोग पिंकी देवी को कोपल क्लिनिक में ही ले गये। ऑपरेशन थियेटर में मौत के घाट उतारने के बाद रेफर किया। ऐसा करके सामान्य ढंग से मौत करा सके। मगर इस बार यहां विश्वास के साथ विश्वासघात हो गया।
संपूर्ण कथा यह है कि जिला जहानाबाद,प्रखंड कुर्था, गांव धर्मपुर पौंदिल बड़का गांव में उमेश सिंह यादव और शांति देवी रहते हैं। इन दोनों के सहयोग से 2 बच्चे हुए। एक नवल किशोर और द्वितीय महाराणा प्रताप। यह परिवार गरीबी रेखा के दलदल में हैं। इनका 206 क्रमांक 12 है। उमेश सिंह यादव गार्ड का काम करते हैं और उनके पुत्र महाराणा प्रताप नौकरी की तलाश में पलायन करके अन्य प्रदेश में कार्य करते हैं। जब 24 साल का महाराणा प्रताप थे तो उनकी शादी 22 साल की पिंकी देवी के साथ हुई। दोनों का विवाह 2012 में हुआ। इस समय महाराणा प्रताप 28 साल और पिंकी देवी 26 साल की हैं। पिंकी देवी का घर पटना जिले के पालीगंज थानान्तर्गत मौरी गांव में है। दोनों दम्पति पिंकी और महाराणा के सहयोग से 3 बच्चे हुए।  2 लड़की और 1 लड़का। बड़ी पुत्र शिवानी कुमारी (3 साल), भवानी कुमारी (1 1/2साल) और गंगापुत्र (54 दिन) तीनों बच्चे ऑपरेशन से ही हुए। भवानी और गंगापुत्र का जन्म कोपल क्लिनिक में हुआ।

 कोपल क्लिनिक गया-पटना रोड पर कनौदी,जहानाबाद जिला में स्थित हैं। इस क्लिनिक में स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डाक्टर श्रीमती अनीता एम0डी0 सेवा प्रदान करती हैं। इन दिनों अरवल और जहानाबद जिले के क्षेत्र में कोपल क्लिनिक का नाम विख्यात है। डाक्टर अनीता के विश्वास के कारण ही लोग आंख बंद करके कोपल क्लिनिक में जाते हैं। यह आश्चर्यजनक खुलासा हुआ कि डाक्टर श्रीमती अनीता डाक्टर ऑफ मेडिसीन (एम0डी0) हैं। और वह मजे से महिलाओं का ऑपरेशन करती हैं। बावजूद इसके भोलेभाले लोग कोपल क्लिनिक में जाते हैं। उसी राह पर महाराणा प्रताप के परिजन भी चल पड़े। यहीं पर महाराणा प्रताप की द्वितीय बच्ची का ऑपरेशन से हुई थी। इसी विश्वास के साथ ही पिंकी देवी के तीसरे गर्भधारण की जांच करवाने के लिए कोपल क्लिनिक में ले गये।

पिंकी देवी के ससुर उमेश सिंह यादव कहते हैं कि उसे दर्द और योनि से रक्तस्त्राव होने लगा था। तब उसे 7 अक्टूबर 2016 को कोपल क्लिनिक लाया गया। डाक्टर अनीता ने जांच पड़ताल की। 2 प्रकार की दवा लिखकर कहा कि दवा का सेवन करें। जब कभी भी दर्द हो तो फौरन ही क्लिनिक में जाये। इसके बाद आवश्यक जांच कराने का परामर्श दी। उनके परामर्श अनुसार केदार मार्केट -हॉस्पीटल रोड, जहानाबाद में स्थित पाटलिपुत्र डिजिटल एक्स-रे एण्ड अल्ट्रासाउंड पाटलिपुत्र क्लर डॉपलर सेन्टर में अल्ट्रासाउंड ले गये। अल्ट्रासाउंड के कभर पेपर में लिखा है कि रेफरड बाई डा0 श्रीमती अनीता एम0डी0 वहां पर एफ0डब्लू0बी0 की जांच की गयी। उसी तरह अलग से खून जांच भी हुआ। जांचोपरांत रिपोर्ट को डाक्टर साहब को दिखा दिया गया। सभी रिपोर्ट सामान्य ही था।

आगे पिंकी देवी के ससुर उमेश सिंह यादव कहते हैं कि अचानक 12 नवम्बर 2016 को पिंकी देवी को प्रसव पीड़ा हुआ। यहां पर पहले से ही डाक्टर अनीता से जांच हो रहा था। इसी भरोसा पर डाक्टर साहब के पास गर्भवती को लिया गया। यहां पर पहले भी द्वितीय बच्ची का एल0एस0सी0एस0 से जन्म हुआ। श्री यादव कहते हैं कि इस बार तो अनर्थ ही हो गया। कोपल क्लिनिक के कारनामा और धरती के भगवान पर से विश्वास ही टूट गया तथाकथित डाक्टर अनीता की खुल्लमखुला लापरवाही सामने गयी। गर्भवती के साथ महाराणा प्रताप और उसकी मां शांति देवी साथ थीं। महाराणा प्रताप कहते हैं कि मेरी पत्नी पिंकी देवी का कोपल क्लिनिक में 12 नवम्बर 2016 को एल0एस0सी0एस0 किया गया। लड़का बच्चा का जन्म हुआ।
ऑपरेशन थियेटर से जल्दी से नर्स ने पिंकी देवी का शिशु लेकर परिजनों के हाथ में सौंप दिया। शाम 6 से रात 9 बजे तक एल0एस0सी0एस0 हुआ। ऑपरेशन थियेटर जाने के क्रम में वह नर्स ने परिजनों को पिंकी देवी के बारे में और हालात की जानकारी नहीं दीं। हड़बड़ी में जाकर ऑपरेशन थियेटर को पानी से धोने लगी। रक्तस्त्राव वाला पानी बाहर बहने से परिजन हैरान होने लगे। इस बीच कोपल क्लिनिक के द्वारा मोबाइल कॉल करके एम्बुलेंस बुलाया गया। इस एम्बुलेंस में जीवन रक्षण करने वाले साधन नहीं थे। ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है और ही सेक्शन मशीन ही था। इस बीच कोपल क्लिनिक के तमाम लेनदेन 10 हजार 850 रू0 जमा करवा लिये।  0टी0चार्ज 9500रू0, बेड चार्ज 400 रू0, नर्सिग चार्ज 500 रू0 बी0एल0टी0एल0 500 रू0 अलग से दवा खरीदी गयी। पिंकी देवी को ग्लुकोस वाटर चढ़ रहा था। वह भी बोतल में पानी नहीं था। कंडुला से रक्त भी नहीं दिखायी और बहाव नहीं हो रहा था। 10 बजकर 45 मिनट पर कहा गया कि पिंकी देवी को सेंट्रल हॉस्पीटल में रेफर किया जा रहा है। यह हॉस्पीटल बाईपास में है। इसका मतलब साधनहीन कोपल क्लिनिक के पास और तो और कुशल डाक्टर भी नहीं है। जो आपातकाल में स्थिति को काबू में ला सके। साबित होता है कि ही डाक्टर अनीता सक्षम डाक्टर है जो आपातकालीन स्थिति की सामना कर सके। वह केवल नोट खींचना जानती है। लापरवाही से किसी का परिवार उजड़ जाए। उसकी चिंता नहीं करती हैं।

डाक्टर अनीता ने पिंकी देवी को सेंट्रल हॉस्पीटल, बाईपास में रेफर कर दी। डाक्टर साहब ने खुब चतुराई की। कोपल क्लिनिक में होने वाले संभावित हंगामा को टालने में सफल हो गयी। सेंटल हॉस्पीटल, बाईपास की ओर एम्बुलेंस सरसराकर जाने लगी। एम्बुलेंस में बेसुध पिंकी देवी के पति महाराणा प्रताप भी साथ थे। इनके अलावे मालती देवी नामक नर्स के पति अरविंद यादव भी साथ चले। इस बीच महाराणा प्रताप ने अपने पिताश्री उमेश सिंह यादव के पास फोन करके संपूर्ण दास्तान बयान कर दिये। पिता उमेश ने पुत्र महाराणा से कहा कि सड़क के किनारे ही एम्बुलेंस रोक देना। तबतक दीघा से आते हैं। टेम्पू पकड़कर बाईपास की ओर चले एक घंटा इंतजार करने के बाद एम्बुलेंस आयी। चिकित्सा के बारे में कुछ जानकारी रखने वाले पिंकी देवी के ससुर उमेश सिंह यादव ने सर्वप्रथम पुत्रवधु पिंकी देवी के शरीर को स्पर्श किया। और जोर जोर से कहने लगे कि बहू का शरीर तो ठंडा पड़ गया है। अब बहू इस दुनिया में नहीं रही। रोना शुरू हो जाता है। सेंन्ट्रल हॉस्पीटल जाने के पूर्व ही डाक्टर अनीता की चतुराई का भंडाफौर हो गया। तबतक 13 नवम्बर की सुबह हो गयी। तड़के ही मोबाइल से पिंकी देवी के घर वालों को जानकारी दे दी गयी। पिंकी के परिजन अपने घर मौरी गांव, थाना पालीगंज और जिला पटना से आये। तब जाकर गुलबीघाट में पिंकी देवी का अंतिम संस्कार किया गया।

इस बीच पिंकी देवी के ससुर उमेश सिंह यादव ने कोपल क्लिनिक के कम्पाउंडर सत्येन्द्र कुमार के हवाले से कहते हैं कि एल0एस0सी0एस0 करने के दरम्यान ही पिंकी देवी का नस कट गया। इस पर नवजात शिशु के पिता महाराणा प्रताप ने सीधे डाक्टर अनीता पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। ऑपरेशन टेबल पर नाइफ से जान लेने वाली डाक्टर अनीता पर कानूनी कार्रवाई हो। पिंकी देवी के परिजनों को बतौर 10 लाख रू0 मुआवजा दिया जाए।

कोपल क्लिनिक के कम्पाउंडर सत्येन्द्र कुमार के मोबाइल नम्बर 9939089214 पर संपर्क साधा गया तो उनका कहना था कि 10 हजार रू0 में एलएससीएस को जाएगा। डाक्टर अनीता ऑपरेशन करती हैं।
महरूम पिंकी देवी के ससुर उमेश सिंह यादव ने बिहार मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष महोदय के पास आवेदन देकर आग्रह किया है कि निम्नलिखित कदम उठाया जायेः-

1          पिंकी देवी की मौत की जांच हो।
2          डाक्टर श्रीमती अनीता की डिग्री की जांच हो।
3          कोपल क्लिनिक के साधनों की जांच हो।
4          कोपल क्लिनिक के क्रियाकलापों की पारदर्शिता हो।
5          महरूम पिंकी देवी को बतौर 10 लाख रू0 मुजावजा दिया जाये।
6          डाक्टर श्रीमती अनीता पर कानूनी कार्रवाई हो।
7          सभी मरीजों को कागजात उपलब्ध करवायी जाये।

आलोक कुमार


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