Thursday 27 April 2017

महादलित को साथ कौन देगा?



पटना। आरंभ में डाकघरों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान किया गया। महादलित धवताली मांझी को 2012 से सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलना शुरू हुआ। प्रतिमाह 200 रू. भुगतान करने का प्रावधान है। अब अनियमित भुगतान होता है। अब तब महादलित को 10600 रू. भुगतान किया गया। पेंशनर का कहना है कि अंतिम भुगतान 2800 रू. मिला ही नहीं। इसको लेकर डाकघर और जनप्रतिनिधियों के पास जाकर गुहार लगाते लगाते थक गये हैं। 
जी हां, यह हाल है एक महादलित मुसहर समुदाय का। जो गांव डिहरा, पंचायत खजुरी, पी.ओ.नौबतपुर, प्रखंड नौबतपुर में रहते हैं। इनका नाम हैं धवताली मांझी। इनका पिताजी का नाम सुखू मांझी हैं। जिनका निधन हो गया है। बुजुर्ग धवताली मांझी का जन्म 1934 में हुआ। जीवन के 83 वसंत देखे हैं। अब वसंत के बदले में पतझर देख रहे हैं। वहीं वर्तमान सरकार की कुशासन वाली व्यवस्था भी देख रहे हैं। 

जीवन के अनमोल 78 साल खत्म होने पर जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर नौकरशाहों ने 2012 से सामाजिक सुरक्षा पेंशन देना प्रारंभ किये। अभी 5 साल ही हुआ है। वर्ष 2012 जनवरी से मार्च नहीं मिला। अप्रैल से जून में 1200 रू.मिला। जुलाई से सितम्बर नहीं मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 600 रू.मिला। वर्ष 2013 में जनवरी से मार्च में 600 रू.मिला। अप्रैल से जून 600 रू.मिला। जुलाई से सितम्बर 600 रू.मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 600 रू. मिला। वर्ष 2014 में जनवरी से मार्च नहीं मिला। अप्रैल से जून 1200 रू.मिला। जुलाई से सितम्बर 1200 रू.मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 2000 रू. मिला। वर्ष 2015 में जनवरी से मार्च नहीं मिला। अप्रैल से जून नहीं मिला। जुलाई से सितम्बर 2000 रू.मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 2800 रू. नहीं मिला। कभी डाकघर तो कभी जनप्रतिनिधियों के पास जाते जाते थकहार गये हैं। 


इस बीच डाकघर से पेंशन नहीं भुगतान करने के आदेश आया। इसके आलोक में धवताली मांझी ने बैंक ऑफ इंडिया के निसरपुरा स्थित ब्रांच बैंक में खाता 2 फरवरी 2015 को खुलवाया। इसकी खाता सं. 441118210001037 है। इसके बाद खाता में 24 जून 2015 को पांच सौ रूपये जमा किये। अब पेंशन की राशि पता लगाने ब्रांच बैंक में जाते हैं। भाई पेंशन की राशि आयी है? वहां से डांट और फटकार देने के बाद भगा देते हैं। 


इस संवाददाता को स्पष्ट रूप से बताया कि पेंशन बुक में वर्ष 2015 के अक्तूबर से दिसम्बर माह तक की 2800 रू. राशि भुगतान नहीं किया गया है। इसको लेकर पंचायत के मुखिया के पास गये। पर बताने को तैयार ही नहीं हैं। अब 83 वर्षीय धवताली मांझी दौड़ते दौड़ते परेशान हैं। गरीब की राशि चाटकर बैठने वाले मौजमस्ती कर रहा है। 

आलोक कुमार




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