Sunday 27 March 2022

एक-एक बच्चे का विशेष ख्याल रखना है:जिलाधिकारी


बेतिया. पश्चिम चम्पारण जिले के जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि जेई/ एईएस (मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार) की रोकथाम के लिए सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखी जाय. सभी पीएचसी को अलर्ट मोड में रखा जाय ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में बच्चों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा अनमोल है, एक-एक बच्चे का विशेष ख्याल रखना है. किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी.

उन्होंने कहा कि जेई/एईएस एक गंभीर बीमारी है, जो अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलती है. मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय. किसी भी सूरत में इलाज के अभाव में किसी भी बच्चे की जान नहीं जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि जिले के सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव के लिए सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय. आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायें.  सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया पदाधिकारी स्वयं सभी कार्यों का नियमित अनुश्रवण एवं निरीक्षण करते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि जेई/एईएस के संभावित संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने एवं इसके कुशल प्रबंधन के लिए शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जीविका, बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन परियोजना, पंचायती राज विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, समाज कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, परिवहन विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग को समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी आज जेई/एईएस की रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियों की गहन समीक्षा के क्रम में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी शिक्षकों को जेई/एईएस संक्रमण एवं उसके रोकथाम के प्रचार-प्रसार में सम्बद्ध करेंगे। प्रभावित बच्चों को एसआरपी/एचबीई के माध्यम से पुनर्वासित करायेंगे. साथ ही प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन में प्रोटीनयुक्त भोजन की मात्रा को बढ़वाना सुनिश्चित करेंगे. 

उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों के माध्यम से जेई/ एईएस संक्रमण एवं रोकथाम के संबंध में प्रचार-प्रसार में सहभागिता सुनिश्चित की जाय. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना का सुदृढ़ीकरण किया जाय. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत राज के मुखिया एवं अन्य पंचायती राज संस्थान के प्रतिनिधियों को जेई/एईएस संक्रमण एवं रोकथाम के प्रति संवेदनशील एवं जागरूक बनाया जाय एवं पंचायत स्तर पर गठित शिक्षा समितियों के माध्यम से अभियान के प्रति जन जागरूकता फैलाना सुनिश्चित किया जाय.

जिलाधिकारी ने कहा कि इस बात का सर्वेक्षण भी कराया जाय कि प्रभावित क्षेत्रों में संभावित वायरल संक्रमण की स्थितियां क्या है तथा प्रभावित क्षेत्र में सुअर के बाड़े ग्रामीण बसावटों से कितनी दूर रखे गये हैं. उन्होंने कहा कि जन वितरण प्रणाली के माध्यम से ससमय खाद्य सामग्री का वितरण सुनिश्चित करवाया जाय.

उन्होंने निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के द्वारा जेई/एईएस संक्रमण एवं रोकथाम के संबंध में सामुदायिक चेतना का प्रचार-प्रसार कराया जाय तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ओआरएस, सीरप एवं पारासिटामोल आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय.अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी (न्यूट्रीशियन रेहबीलेशन सेन्टर) तक लाना (उनके बीच संध्या भोजन का वितरण) टेकहोम राशन की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। साथ ही आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठकों में भाग लेकर अभियान में तेजी लायी जाय.

कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को निर्देश दिया गया कि पेयजल स्रोतों में आर्सेनिक, फ्लोराइड नाइट्रेट, लौह और लवणता जैसे रसायनिक संक्रमण की जांच करके उपलब्ध पेयजल को सुरक्षित एवं स्वच्छ बनायेंगे. उपलब्ध चापाकलों, सोख्ता की मरम्मति एवं चापाकल से लगे प्लेटफॉर्मों व हैंडपंपों का क्लोरीकरण करायेंगे. साथ ही पब्लिक शैलो हैंड पंप को इंडिया मार्क आईआई हैंड पंप से प्रतिस्थापित करायेंगे. प्रभावित क्षेत्रों की नियमित क्लोरीकरण कराने सहित सुरक्षित पेयजल आपूर्ति एवं सेनिटेशन के लिए एक्शन प्लान तैयार करेंगे.

जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के अंतर्गत वितरित किये गये वाहनों को जेई/एईएस संक्रमण से प्रभावित गंभीर रोगी को तुरंत रेफरल सेवा उपलब्ध करायेंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि महादलित टोलों में विकास मित्र की सहभागिता से जेईध् एईएस संक्रमण एवं रोकथाम के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय.

जिलाधिकारी ने कहा कि जेई/ एईएस से संबंधित प्रखंड और पंचायतध्गांव को चिन्हित करें जहां से मामलें प्रकाश में आ रहे हों. विगत वर्षों में कुछ पंचायतों में मामले प्रतिवेदित हुए हैं. उन पंचायत/ ग्राम को चिन्हित कर प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करें.

सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि जेई/एईएस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन सहित चमकी को धमकी से संबंधित जानकारी का व्यापक स्तर पर बुकलेट, पम्फलेट, दीवाल लेखन, नुक्कड़ नाटक, फ्लेक्स, चैपाल आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय. साथ ही हाउस-टू-हाउस सर्वे भी करायी जाय और अभिभावकों को जागरूक किया जाय. बच्चों के अभिभावकों को बताएं कि कोई भी बच्चा रात में भूखा नहीं सोए, इस बीमारी के कुछ भी लक्षण दिखे तो जल्द से जल्द अस्पताल जाएं ताकि उनका समय पर इलाज हो सके.

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ”चमकी को धमकी” के तीन मुख्य बातें यथा-(1) खिलाओ- बच्चों को रात में सोने से पहले  भरपेट खाना जरूर खिलाएं (2) जगाओ-रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं एवं (3) अस्पताल ले जाओ-बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें. 

उन्होंने कहा कि एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित किया जाय. साथ ही गांव-पंचायतों से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र पर लाने के लिए वाहनों की टैगिंग अविलंब सुनिश्चित किया जाय. उन्होंने कहा कि हर हाल में पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया जाना है, इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही, शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी.

सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि अभिभावक अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं सोने दें. अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाया है और सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं. इसके साथ ही बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, शक्कर, चीनी आदि खिलाएं. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच अक्रामक रूप लेता है, इस समय सभी अभिभावकों को सचेत रहने की आवश्यकता है. अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र के एएनएम, आशा कार्यकर्ता अथवा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें. इनके माध्यम से आवश्यक दवाएं तथा प्राथमिक उपचार की जायेगी तथा नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार किया जायेगा.

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थ्ति रहे.

आलोक कुमार

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