मोतिहारी. पूर्वी चम्पारण के जिलाधिकारी, श्री शीर्षत कपिल अशोक के द्वारा मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन में आंख गवा बैठे 2 लाभुको, पन्ना देवी, ग्राम देकुलिया, अंचल फेनहारा एवं मुबाशरा खातून, अंचल सुगौली को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक- एक लाख रुपए सहायता राशि का चेक प्रदान किया गया.
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 26 लोगों की ऑपरेशन वाली आंखों की रोशनी चले जाने का मामला सामने आया था. घटना से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. एक ट्रस्ट से संचालित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को पीड़ितों के मोतियाबिंद का मुफ्त ऑपरेशन हुआ था. अगले दिन पट्टी खुलने के बाद उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था.इस बाबत सिविल सर्जन तक शिकायत पहुंची तो मामला उजागर हुआ.गंभीर संक्रमण के शिकार 15 मरीजों को पटना भेजा गया.
आंखों की रोशनी जाने से पीड़ितों के परिजनों में आक्रोश है. सबने सीएस से मुआवजा की मांग की. लिखित शिकायत में परिजन राममूर्ति सिंह, कौशल्या देवी, पन्ना देवी, सावित्री देवी व प्रेमा देवी आदि ने कहा कि 22 नवंबर को परिजनों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद आंखों में दर्द व परेशानी बढ़ गई. कई मरीजों को आंख निकालने तक का सुझाव दे दिया गया.
दृष्टिपुंज अस्पताल, पटना के निदेशक डॉ.सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि मुजफ्फपुर से 15 मरीज यहां आए थे. सबकी स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी. बावजूद इसके कुछ का ऑपरेशन किया गया और कुछ को दवा व इंजेक्शन दिया गया. दोबारा उन्हें बुलाया गया था, लेकिन यहां नहीं आए. ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि उनकी आंख की रोशनी लौटेगी या नहीं.
पर्ची पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का नाम एनडीएस लिखा था. छपी पर्ची पर किसी का नाम काटकर एनडीएस लिख दिया गया था. इस संबंध में सचिव दिलीप जालान ने कहा कि डॉ.एनडी साहू ने ऑपरेशन किया था. उन्हें आग्रह कर बुलाया गया था. वहीं, डॉ.साहू ने बताया कि वे 2015 में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल छोड़ चुके हैं. न उन्होंने ऑपरेशन किया है और ना उनका उस अस्पताल से कोई संबंध है.
आलोक कुमार
No comments:
Post a Comment