हाबान नामक ऐसे ही एक व्यापारी के साथ संत थोमस 0052 ईस्वी में केरल के मालाबार तट पर आये.उस समय के राजा ने उनका स्वागत किया और इसी समय भारत भूमि पर ईसाइयत अंकुरित हुई. इसके पश्चात संत थोमस वर्तमान तमिलनाडु की ओर चले गए. वहाँ भी उन्होंने ईसाई धर्म का प्रचार किया, और इसी के चलते संत थोमस 0072 ईस्वी में चेन्नई के पास शहीद हो गए. तभी से भारतीय ईसाई धर्मसमाज संत थोमस को अपना संरक्षक संत मानते हैं. इस प्रकार यह बिलकुल स्पष्ट है कि भारत में ईसाइयत 2000 वर्ष पूर्व अंकुरित हुई. वह विचारधारा सरासर गलत है कि ईसाइयत अंग्रेजों द्वारा भारत में लाई गई, जिनका मूल उद्देश्य व्यापार करना था.
बताया जाता है कि 21वी सदी ईसायत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. आज से 2000 वर्ष पहले प्रभु ईसा मसीह मानव के रूप में धरती पर अवतरित हुए थे. इसलिए 2021से लेकर 2030 तक हम ‘उत्सव का दशक‘ मना रहे है. भारत में ईसाई धर्म 2000 वर्ष पूर्व संत थोमस द्वारा लाया गया था.
रविवार 03 जुलाई 2022 को बाजितपुर मोहल्ला गेट नम्बर-92 के सामने अगापे चर्च में इंडियन क्रिश्चियन डे मनाने का निश्चय किया गया है.इस अवसर पर शाम पांच बजे कार्यक्रम होगा.शनिवार को इंडियन क्रिश्चियन डे की पूर्व संध्या पर लोगों को शर्बत पिलाकर आमत्रंण पत्र देते जा रहे थे.
आलोक कुमार
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