कामरेड कविता कृष्णन ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार की सोची समझी नीति के तहत पुरे देश में नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों और संविधान पर हमले तेज़ हुए हैं. विशेषकर समाज के कमज़ोर तबकों के साथ साथ महिलाओं की भलाई के नाम पर उनकी आज़ादी और उनके शिक्षा जैसे बुनियादी अधिकारों को कुचला जा रहा है. कर्नाटक से शुरू किये गए ‘हिजाब पर रोक’ के बहाने नए सिरे से मुसलमान विरोधी उन्मादी ध्रुवीकरण पुरे देश में फैलाया जा रहा है. एक ओर, हिन्दू महिलाओं के पहनावे को लेकर तो दूसरी ओर, शिक्षा प्राप्त कर रहीं मुस्लिम लड़कियों व शिक्षिकाओं को टारगेट कर ‘महिला विरोधी’ कट्टर विचारों को थोपा जा रहा है. जिसे सड़कों के बड़े आन्दोलनों के जरिये रोका जाना बेहद ज़रूरी है. भाकपा माले पूरी ताक़त से ऐसे आन्दोलनों को खड़ा करने में सक्रीय भूमिका निभाएगी. हेमंत सोरेन सरकार से जनता से किये सभी वायदों को पूरा कराने के लिए पार्टी द्वारा राज्य की जनता के सशक्त विपक्ष की भूमिका में मजबूती से खड़ा रहने की भी बात दुहराई.
आदिवासी अधिकार के सवालों के संदर्भ में केन्द्रीय कमिटी सदस्य क्लिफ्टन रोजारियो ने झारखण्ड सरकार द्वारा आदिवासी विरोधी ड्रोन सर्वे पर तात्कालिक रोक को नाकाफी बताते हुए इसे झारखंड में लागू नहीं किये जाने के लिए सरकार से विशेष नीति बनाने की मांग की. कॉर्पोरेटपरस्त सरकारों द्वारा जल जंगल ज़मीन व खनिज लूट पर रोक के लिए सीएनटी/एसपीटी व पेसा कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने को अत्यावश्यक बताया. साथ ही वर्षों से विभिन्न जेलों में झूठे मुकदमों में बंद सभी विचाराधीन आदिवासी व गरीबों की अविलम्ब रिहाई के लिए हेमंत सरकार समेत अन्य सभी सरकारों से रिटायर्ड जज के नेतृत्व में विशेष आयोग गठित कर जेलों में बंद सभी विचाराधीन कैदियों का पता लगाकर सबों की रिहाई सुनिश्चित करने की मांग की. पार्टी द्वारा गठित आदिवासी अधिकार मोर्चा के बैनर तले पुरे देश में उक्त सवालों पर आन्दोलन खड़ा करने की बात कही.
पार्टी की ओर से स्कीम वर्करों के सवालों पर आन्दोलन संगठित करने में जुटीं केन्द्रीय कमिटी सदस्य गीता मंडल ने बताया कि सरकार की सभी योजनाओं को इनमें पूरी लगन से खट रहे स्कीम वर्करों को सरकारें उन्हें सरकारी कर्मचारी तक का दर्ज़ा नहीं दे रहीं हैं. खासकर महिलाओं का हर तरह से शोषण किया जाता है. समान काम के बदले समान वेतन देना तो दूर हेमंत सरकार ने तो हजारों पोषण सखी महिलाओं को काम से ही हटा दिया है. भाकपा माले ऐसे सभी सवालों पर अपने मजदूर-स्कीम वर्कर संगठनों के जरिये व्यापक स्कीम वर्करों को संगठित कर ज़ोरदार आन्दोलन खड़ा करेगी.
केन्द्रीय कमिटी की बैठक जारी है. मीटिंग की व्यवस्था सम्बन्धी कार्य पार्टी की रांची जिला कमिटी के अलावे राज्य के विभिन्न इलाकों से आये कई राज्य कमिटी सदस्य गण और कार्यकर्त्ता संभाल रहें हैं.
आलोक कुमार
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