नालंदा.उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में आज हरदेव भवन सभागार में जीविका की बैठक आयोजित की गई.बैठक में नीरा संग्रहण/ बिक्री सहित जीविका द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों की समीक्षा की गई.नीरा के संग्रहण के लिए जिला में प्रतिदिन 20 हजार लीटर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.इस लक्ष्य को विभिन्न प्रखंडों के बीच पंचायतों की संख्या के आधार पर विभाजित किया गया है.
9 मई को जिला में कुल 17220 लीटर नीरा का संग्रहण किया गया जिसमें से 14206 लीटर नीरा की बिक्री की गई.लगभग 3 हजार लीटर संग्रहित नीरा विभिन्न कारणों से अनुपयोगी हो गई.उप विकास आयुक्त ने संग्रहित नीरा के अनुपयोगी होने के कारणों की पहचान करने में गुणात्मक सुधार लाने का निर्देश दिया ताकि कम से कम संग्रहित नीरा की बर्बादी हो.वर्तमान माह में जिला में 9 मई तक कुल 2 लाख 27 हजार 879 लीटर नीरा संग्रहित किया गया जिसमें से 1 लाख 84 हजार 854 लीटर नीरा की बिक्री की गई.
बिहारशरीफ प्रखंड में प्रतिदिन के लिए निर्धारित नीरा संग्रहण के लक्ष्य के विरुद्ध संग्रहण में निरंतर कमी पाई गई, जबकि जिला के कुल नीरा संग्रहण में वृद्धि हुई है. उप विकास आयुक्त ने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए बीपीएम बिहार शरीफ से स्पष्टीकरण पूछा. इसी प्रकार कतरी सराय में निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 65 प्रतिशत तथा हरनौत में 66 प्रतिशत ही नीरा संग्रहण किया गया.सभी प्रखंडों के बीपीएम को प्रतिदिन निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत नीरा संग्रहण सुनिश्चित करने का स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया.
बिहार शरीफ बाजार समिति स्थित नीरा बॉटलिंग प्लांट में प्रतिदिन 1500 सौ से 2000 लीटर के बीच नीरा की आपूर्ति की जा रही है. उप विकास आयुक्त ने बॉटलिंग प्लांट की क्षमता के अनुरूप अधिक से अधिक नीरा की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.कॉम्फेड के रेफ्रिजरेटेड वाहनों के माध्यम से चिलिंग सेंटर के साथ-साथ सीधा नीरा प्रोड्यूसर ग्रुप के माध्यम से भी संग्रहण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया. इसके लिए रेफ्रिजरेटेड वाहन वार रूट चार्ट निर्धारित करने का निर्देश डीपीएम जीविका को दिया गया.
जिला में 222 नीरा सेलिंग प्वाइंट जीविका के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. उप विकास आयुक्त ने डीपीएम जीविका को सभी सेलिंग प्वाइंट का सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.सत्यापन के क्रम में यह देखा जाएगा की सेलिंग प्वाइंट के माध्यम से नीरा की बिक्री वास्तव में की जा रही है या नहीं.प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत किस्त की राशि प्राप्त करने वाले लाभुकों के आवास निर्माण की मॉनिटरिंग जीविका दीदियों के माध्यम से भी सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि आवास निर्माण पूर्ण होने के कार्य में तेजी लाई जा सके.
जीविका समूह के माध्यम से पूर्व से निर्मित तालाबों में मत्स्य पालन के लिए उपयुक्त जलकरों को चिन्हित कर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया.व्यक्तिगत मत्स्य पालन के लिए भी मनरेगा के कन्वर्जन से तालाब निर्माण के लिए सभी प्रखंडों में कम से कम दस-दस आवेदन सृजित करने का निर्देश दिया गया.जो आवेदन पहले से प्राप्त हो चुके हैं, उनके लिए तालाब निर्माण के लिए संबंधित प्रोग्राम पदाधिकारी के माध्यम से कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया.बैठक में डीपीएम जीविका एवं सभी प्रखंडों के बीपीएम उपस्थित थे.
आलोक कुमार
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