पटना.एक स्कूली गर्ल ने मकई का दाना खाने के समय असावधानी कर दी.इसका परिणाम निकला कि उसे एम्स पटना में भर्ती करवाना पड़ा.एम्स पटना में सफल आॅपरेशन करके डाक्टरों ने श्वसन नली में चले जाने वाले मकई का दाना को निकाल बाहर करने में सफल हो गये.सफल आॅपरेशन करने के बाद एम्स पटना से चंचल गर्ल को छुट्टी दे दी गयी.वह अभी घर लौट आयीं हैं. नाम उसका लीजा रोशेल है.अभी हाल में लीजा रोशेल का मोंटेसरी थ्री डी नोट्रेडम में अंतिम एग्जाम था.इसके बाद वह नोट्रेडम में क्लास वन में चली गयी.
बालू पर मोहल्ला में रहने वाले राजेश कुमार कहते हैं कि मेरी बेटी लीजा रोशेल मकई का दाना खाते वक्त सरका ली थी और वह दाना सीधा राइट साइड के सांस नली जाकर फंस गया.वह दाना एक महीने से सांस नली में फंसा हुआ था.सांस नली में फंस कर दाना बहुत ज्यादा प्रॉब्लम पैदा करने लगा.तब रोशेल को डॉक्टरों से दिखाया.डॉक्टरों ने रोशेल को देखकर केवल खांसी की दवा और एंटीबायोटिक दवा चलाते रहे.
उन्होंने कहा तब जाकर बोरिंग रोड में बेटी रोशेल को एक ई एन टी के डॉक्टर से दिखाया गया.तो उक्त डॉक्टर ने बताया सीटी स्कैन करवाना होगा. सीटी स्कैन करवाने से ही मर्ज पता चल पाएगा. उसके राइट साइड में सांस लेने वाली नली में कुछ फंसा हुआ है.उन्होंने तुरंत एम्स पटना में रेफर कर दिया.
उन्होंने कहा कि सुपुत्री रोशेल को लेकर एम्स पटना पहुंचे. एम्स पटना के डॉक्टर को बेटी लीजा रोशेल के बारे में सारी घटना बताई गई. फिर डॉक्टर ने मेरी बेटी को तुरंत भर्ती किया और ब्रांच कॉपी करके देखा की राइट साइड सांस लेने वाली नली में मकई का दाना फंसा हुआ है.डॉक्टर ने ऑपरेशन थिएटर ले जाते वक्त दोनों बात बता दी की आपकी बेटी सही भी आ सकती है और नहीं भी कुछ भी हो सकता है.
उन्होंने कहा कि फिर रोशेल को मैंने ईश्वर का नाम लेकर डॉक्टर के हवाले कर दिया.बहुत सारे लोगों ने प्रार्थना की और करवाएं.उसके बाद ऑपरेशन थिएटर जाकर मेरी बेटी अच्छी हो कर बाहर निकली. यह मेरे लिए और बेटी रोशेल के लिए ईश्वरीय चमत्कार ही था.मेरी बेटी बहुत प्रार्थना दुआओं और पूजा के साथ चमत्कार हो होकर ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकली. यह ईश्वर का चमत्कार ही था. ईश्वर को धन्यवाद.माँ मरियम को धन्यवाद.
आलोक कुमार
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