दहशत फैलाने के उद्देश्य से केंद्र के इशारे पर बिहार में एनआईए का पड़ रहा है छापा: माले
महागठबंधन के दलों से अपील, केवल सीबीआई व आईडी पर ही नहीं एनआईए के छापे पर भी बोलें
पटना. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने पीएफआई व एसडीपीआई के संगठन से जुड़े लोगों के ठिकानों पर राज्य के विभिन्न जिलों में एनआईए द्वारा किए जा रहे छापे की निंदा की है. कहा कि यह केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है. इसके जरिए भाजपा के लोग मुसलमानों के खिलाफ समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं और उन्हें आतंकवादी-देशद्रोही बताकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं, ताकि एक बार फिर से लोकसभा का चुनाव जीत सकें. यह पूरी कार्रवाई भाजपा के मिशन 2024 के तहत की जा रही है.
उन्होंने कहा कि हमने फुलवारीशरीफ घटनाक्रम में स्पष्ट तौर पर देखा कि किस प्रकार निर्दोष लोगों को टारगेट किया गया, उन्हें जेल भेज दिया गया और पूरे फुलवारी व मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की गई. एनआईए अब पूरे राज्य में दहशत फैला रहा है और आम लोगों के बीच मुस्लिम समुदाय की नकारात्मक छवि बना रहा है. इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा.
उन्होंने बिहार सरकार और महागठबंधन के दलों से अपील की है कि वे केवल राज्य में सीबीआई अथवा ईडी के पड़ने वाले छापों पर ही नहीं बोलें, बल्कि एनआईए के छापे पर भी बोलें. एनआईए की कार्यशैली पूरी तरह मनमानेपन की शिकार है. उनकी कार्रवाइयों का पता न तो स्थानीय प्रशासन को होता है और न ही वे छापे के पहले किसी प्रकार की सूचना पहले से दी जाती है. अचानक उनके द्वारा होने वाली छापे की कार्रवाइयों से लोगों में तरह-तरह के भ्रम बनते हैं. इसलिए बिहार सरकार को पहल लेते हुए एनआईए की ऐसी कार्रवाइयों पर रोक लगानी चाहिए.
भाकपा-माले ने उन सभी जिलों में अपने पार्टी संगठन को दिशा-निर्देश दिया है कि वे अविलंब एनआईए के छापे की रिपोर्ट राज्य कार्यालय में भेजें ताकि इस सवाल पर एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्यमंत्री से तत्काल मिलेंगे.
आलोक कुमार
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