घटना काफी दुखद है.घटना की सूचना प्राप्त होते ही स्थल पर टीम भेजा गया.ग्रामीणों का आरोप है कि आर्मी के फायरिंग अभ्यास के दौरान गोला गिरने से ऐसी घटना घटित हुई है.
घटना के वास्तविक जांच के लिए ज़िला पदाधिकारी ने फॉरेंसिक टीम सहित पांच उच्च स्तरीय टीम का गठन किया गया है तथा तत्काल सभी प्रकार के फायरिंग अभ्यास को रोकने के लिए रांची अवस्थित रेंज आवंटन पदाधिकारी को अनुरोध किया गया.
तत्काल प्रभावित परिवार को पारिवारिक लाभ योजना एवं कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत लाभ दिया गया है और हर संभव सरकारी योजना से लाभ आच्छादित करने हेतु निर्देश दिया है.इलाजरत घायल लोगों के बेहतर इलाज हेतु मगध मेडिकल के अधीक्षक को निर्देश दिया गया.
जिला पदाधिकारी ने स्वयं मगध मेडिकल अस्पताल पहुंचकर इमरजेंसी वार्ड में इलाजरत दोनों मरीजों से मिला एवं पूरी घटना की जानकारी लिया तथा उपस्थित मेडिकल स्टाफ को निर्देश दिया कि अपने निगरानी में इसका बेहतर उपचार करें. इसके पश्चात पोस्टमार्टम परिसर के समीप पहुंचकर मृत व्यक्ति के परिजनों से मुलाकात किया तथा पूरी विस्तार से घटना की जानकारी लिया.जिला पदाधिकारी ने आश्वस्त कराया कि प्रशासन की ओर से जनहित के लिए सभी आवश्यक कार्य करने के लिए गंभीर है. मृत व्यक्ति के परिजन को हर संभव सहायता भी दिया जाएगा.मृतक के परिजन ने बताया कि फायरिंग रेंज के बाहर में आकर गोला गिरा है, जिसके कारण उनके परिजन में 3 की मृत्यु एवं दो घायल हुए हैं.
इस बीच बाराचट्टी विधायक ज्योति देवी ने प्रखंड क्षेत्र में मिलिट्री अभ्यास क्षेत्र में फायरिंग के दौरान हो रही घटनाओं के निदान एवं पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि बाराचट्टी प्रखंड के बुमेर एवं दिवनियां पंचायत के पहाड़ी और सुदूरवर्ती जंगलों की तराई वाले गांव गोही , खजुराइन,गुलरवेद, उपरैली गोही, कदल,बरसुदी,धनीवान अधिक प्रभावित है.
वैसे अभ्यास के लिए फायरिंग मिलिट्री जवानों द्वारा डोभी प्रखंड के त्रिलोकापूर से तोप के गोले छोड़े जाते हैं जो लगभग 20 किलोमीटर दूर गोही के बीच बेंगवा पहाड़ पर आकर गिरता है.लेकिन कभी-कभी गोला गिरने के निर्धारित स्थान से हटकर गोला घनी बसावट वाले गांव एवं अगल-बगल खेतों में गिर जाता है जिससे जन माल की क्षति होती है. 1973 के बाद से अब तक लगभग 3 दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.तथा कई मवेशी भी मौत के शिकार हो गए.
विधायक ज्योति देवी ने मुख्यमंत्री से पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हुए लिखी है कि आपदा राहत कोष से मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. इनके बेसहारा बच्चों को सरकार द्वारा पढ़ाई की व्यवस्था की जाए. तथा घटना के कारण पर ध्यान देते हुए इसका निदान किया जाए. फायरिंग रेंज के अंदर जो बसावट के गांव जहां ग्रामीण निवास करते हैं एवं पालतू जानवर रहते हैं उनका सरकारी व्यवस्था से मुफ्त बीमा योजना तथा श्रम निबंधन के लिए शिविर लगा प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए.
उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में इस तरह की घटना आम हो चुकी है और आगे भी इस प्रकार की घटना नहीं होगी यह कहना मुश्किल है उन्हें आज तक कोई मुआवजा नहीं मिलता है इसलिए इन घटनाओं को भी आपदा से जोड़ा जाए और सुरक्षा के सभी मापदंडों का ख्याल रखा जाए.
विधायक ज्योति देवी ने घटना का कारण बताते हुए लिखा है कि अभ्यास के दौरान छोड़े गए गोले का मिलिट्री पदाधिकारी द्वारा मूल्यांकन न किया जाना कि विस्फोट हुआ या नहीं, गोला गिरने का चयनित जगह को घेराबंदी का नहीं होना, फायरिंग के दौरान जंगल का फायरिंग रेंज आवागमन पर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं करना, चयनित जगह को चिन्हित नहीं किया जाना, फायरिंग के दौरान मिलिट्री जवानों एवं पदाधिकारियों के द्वारा फायरिंग रेंज में पेट्रोलिंग न किया जाना.एवं ग्रामीणों के बीच जागरूकता के लिए प्रचार प्रसार नहीं करना बताया है.
आलोक कुमार
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