पटना . राजधानी पटना में है गैर सरकारी संस्था दलित विकास समिति.यहां पर दो दिवसीय विमर्श नेशनल एकेडमी फोर सोशल मूवमेंट की ओर संवैधानिक मूल्य और वंचित समुदाय विषय पर विचार विमर्श किया गया.मंच पर पूर्व न्याय मूर्ति किशोर मंडलऔर मदन जी दिखाई दे रहें हैं.
विचार विमर्श के प्रथम दिन पूर्व न्याय मूर्ति किशोर मंडल जी सवालो के जबाव देते हुए कहा कि वर्तमान केन्द्र की सरकार जिस तरह लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं की उपेक्षा कर रही है , संविधान की मर्यादा का पालन भी नहीं हो रहा है.28 मई को नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के उपस्थिति में ही होना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि संसद का सर्वोच्च राष्ट्रपति होता है.संसद में जो भी धार्मिक अनुष्ठान हुआ वह भी संविधान सम्मत नहीं है.राष्ट्र का धर्मनिरपेक्षता कहता है कि राष्ट्र का अपना कोई धर्म नहीं होगा तो सिर्फ हिन्दू रीति रिवाज से अनुष्ठान कराने का संविधान इजाजत नहीं देता है.सभी लोगों की इस बात पर सहमति थी की लोकतंत्र और संविधान को समाप्त कर भाजपा हिन्दू राष्ट्र बनाने की ओर कदम बढ़ा चुकी है.
अल्पसंख्यक समुदाय अपने को दोयम दर्जे का नागरिक जैसा महसूस कर रहा है.इस सरकार को सत्ता से उखाङ फेकने के लिए जनता को जागरूक करने के एकमात्र एजेंडे पर काम करना होगा. इसकी रणनीतिऔर कार्ययोजना बनाना होगा.आज चाय के बाद सत्र को आज छः बजे स्थगित कर दिया गया कल पुनः 31मई को नौ बजे आरम्भ होगी.
आलोक कुमार
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