Friday, 18 January 2013

Ekta Parishad worker

धीरे-धीरे बिहार सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए कब्रगाह बनते चला जा रहा है

 
बंदूक नहीं कुदाल चाहिए हर हाथ को काम चाहिए, ‘बिन महिला के सहयोग से हर बदलाव अधूराआदि नारा बुलंद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस और नक्सली परेशान और हलकान करने पर उतारू हैं। आवासीय भूमिहीन महादलितों को चार डिसमिल जमीन देने और उस जमीन पर इंदिरा आवास योजना से घर निर्माण कराने की मांग को लेकर सरकार और नौकरशाहों से संवाद करने वाले कार्यकर्ता दहशत में जीने को बाध्य हैं।
  इस परआप यकीन नहीं करेंगे। परन्तु यह सौ फीसदी सही है। गरीबों की बात करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नक्सली बन जा रहे हैं। जो जल,जंगल,जमीन की चर्चा करते हैं। उनको जमकर ठोकाई कर दी जाती है। इसके आलोक में बढ़ते बिहार की छवि धीरे-धीरे बिगड़ते ही चला जा रहा है।
  पटना जिले के पालीगंज में विट्टेश्वर सौरभ और बाबू लाल चौहान को नक्सलियों ने धड़ पकड़कर के जमकर धुनाई कर दी। विट्टेश्वर के हाथ और पैर तोड़ दिये। वहीं बाबू लाल चौहान को भी काफी पिटायी की गयी। पश्चिम चम्पारण जिले के प्रखंड बगहा 1 में सामाजिक कार्यकत्री संजू कुमारी को बगहा थाना की पुलिस ने माओवादी होने के संदेह में पकड़कर हिरासत में धकेल दिया। काफी बवाल करने के बाद पुलिस ने संजू कुमारी को हिरासत से छोड़ दिया गया। नवादा जिले के कार्यकर्ता शिविर आयोजित करने के सवाल पर शत्रुध्न कुमार को नवादा पुलिस ने जमकर हाथ साफ किये। यहीं पर एक दर्जन विदेशियों को नवादा पुलिस ने अपने कब्जा में कर लिया जब विदेष एक्शन एड के कार्यक्रम में शिरकत करने आये थे। पुलिस के द्वारा विदेशियों को रोक लेने के सवाल पर बिहार से लेकर दिल्ली तक तापमान गरमाने के बाद आखिरकार बिहार निकाला आदेश को अमल करके दिल्ली भेज दिया गया। यहां पर विदेशियों को माओवादियों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया गया। वहीं जन संगठन एकता परिषद को माओेवादियों और नक्सलियों का अग्रहणी संगठन करार दिया गया। अभी हाल में गया जिले के मोहनपुर प्रखंड में कार्यरत कार्यकर्ता कृष्णा कुमार मांझी को तीन दिनों तक पकड़कर नक्सली नेता करार देने की कोशिश की गयी। घर और बाहर में छानबीन करने के बाद श्री मांझी को सीआरपीएफ पुलिस ने छोड़ दिया। तथाकथित नक्सली नेता के घर से चिड़ियां मारने वाला बंदूक बराबद हुआ।
  पटना जिले के नौबतपुर गांव में रहने वाले और पालीगंज में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता बाबू लाल चौहान को महात्मा गांधी नरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी को धमकी देने तथा कार्यालय में तोड़फोड़ करवाने के आरोप में मुकदमा ठोंक दिया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता 18 जनवरी 2013 को दानापुर व्यवहार न्यायालय के कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से तारीख पर मौजूद थे। हुआ यह कि पालीगंज प्रखंड के कई गांवों के लोगों ने मनरेगा में काम किये थे। मगर मनरेगा श्रमिकों को काम करवाने के बाद दाम नहीं दिया गया। इसको लेकर गा्रमीण कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में जाना चाहते थे। इस आशय की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता बाबू लाल चौहान ने अंग्रिम में कार्यक्रम पदाधिकारी को दे दी। इसके बाद मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी ने अगले दिन खुद ही कार्यालय को अस्तव्यस्त करके थाना में सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ पालीगंज थाना में मुकदमा ठोंक दिया। इन्हें जमानत लेनी पड़ी। इसी की तारीख पर 18 जनवरी 2013 को कोर्ट आये थे।



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