ईसाई धर्मरीति से विवाह करने वाले दम्पतियों ने वादा निभाया
इस धरती पर साथ रहे और मर जाने के बाद भी धरती के अंदर साथ रहेंगे
वेलेंटाइन सप्ताह के दौरान प्यारे दम्पतियों का अंत

यह कोई
फिल्मी कहानी
नहीं है।
मगर संयोग
है। सब
कुछ एक
ही तरह
से होती
चली गयी।
यह सब
दीघा थाने
के बालूपर
मोहल्ले में
घटित सच्ची
कहानी है।
ईसाई धर्मरीति
के अनुसार
गिरजाघर में
क्लारा विन्सेंट
और विन्सेंट
अब्राहम के
बीच में
विवाह हुआ
था। इनके
दो लड़की
और 2 लड़के
हैं। बोरिंग
रोड में
स्थित लक्ष्मी
नर्सिंग होम
में काम
किया करते
थे। अभी
दोनों नर्सिग
होम से
अवकाश ग्रहण
कर लिये
थे। दीघा
थाने के
बालूपर मुहल्ले
में स्थित
अपनी बेटी
के घर
में रहते
थे। काफी
बीड़ी पीने
से 65 वर्षीय
क्लारा विन्सेंट
को कैंसर
हो गया
था। इसके
बावजूद भी
दोनों दम्पतियों
के बीच
में पनपे
अथाह प्रेम
के बीच
में कैंसर
बाधक न
बना। बेफिक्र
पूर्ववत की
तहर सभी
जगहों पर
साथ-साथ
आवाजाही किया
करते थे।
इस प्यारी
जोड़ी की परीक्षा
धरती पर
रहने वाले
करते रहे।
इस पर
हमेंशा खरा
उतरते रहते
थे। आपसी
प्रगाढ़ संबंध
को परात्मा
भी नहीं
तोड़ पाये।
पहले पत्नी
की मौत
हो गयी।
उसके बाद
पति की
भी मौत
हो गयी।
और तो
और दोनों एक
ही कब्र
में दफन
कर दिया
गया। इस
तरह धरती
के बाहर
और धरती
के अंदर
भी एक
साथ हो
गये।
पोश एरिया फेयर फील्ड कॉलोनी में रहने वाले जेबियर पीटर ने कहा कि मौसी क्लारा विन्सेंट को कैंसर बीमारी से 4 फरवरी को मौत हो गयी है। अभी अपनी बेटी के घर में बालूपर रहती थीं। ईसाई धर्मरीति के साथ दफनाने के लिए घर में अंतिम संस्कार की सारी तैयारी कर ली गयी। संत माइकल हाई स्कूल के सामने प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर के परिसर में स्थित कुर्जी कब्रिस्तान में दफन करने के लिए 5 फरवरी को पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस में रखकर लाया गया। इस अवसर पर कुर्जी चर्च के फादरों ने धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किये। इधर धार्मिक अनुष्ठान हो रहा था उधर पत्नी क्लारा के वियोग में दिल और दिमाग बैठा लेने वाले पति विन्सेंट जानलेवा बीमारी की ओर कदम बढ़ाते चले गये। अपने प्रियतमा पत्नी के वियोग में कुर्जी चर्च में ही पति धड़ाम से गिर गये। चर्च में हंगामा हो गया। अब क्या किया जाए। कुछ लोगों ने झटपट से विन्सेंट को उठाकर चर्च के बाहर ले गये। मुंह पर पानी छिड़काव किया गया। कुछ सुधार नहीं होने पर जिस एम्बुलेंस में पत्नी का शव लाया गया था उसी पर लाधकर पति को कुर्जी होली फैमिली हॉस्पीटल में लिया गया। ओ0पी0डी0 के सी0एम0ओ0 ने गंभीर हालत को देखते हुए विन्सेंट को आई0सी0यू0 में भर्त्ती कर लिया गया। चिकित्सकों के अनुसार विन्सेंट को ब्रेन हेमरेज
हो गया था।
इधर इसी
गंभीर और
गमगीन वातावरण
में ही
क्लारा विन्सेंट
को कुर्जी
कब्रिस्तान में
अंतिम रस्म
अदायगी करके
कुर्जी कब्रिस्तान
में क्लारा
को दफन
कर दिया
गया। उस
कब्र में
क्लारा विन्सेंट
की नानी
ब्रिजिट को
दफनाया गया
था। यह इस
लिए हो
रहा है
कि कुर्जी
कब्रिस्तान में
जगह नहीं
है। यह
दुर्भाग्य रहा
कि अपनी
पत्नी की
मौत पर
आंसू और
कब्र में
मिट्टी विन्सेंट
नहीं डाल
सके।
उधर आई0सी0यू0
में विन्सेंट
का इलाज
जोरशोर से
जारी था।
पत्नी के
वियोग का
असर शरीर
पर और
इलाज पर
भी पड़ना
शुरू हो
गया। 2 दिनों
में कुछ
सुधार होने
के बाद
गरीबता के
कारण चिकित्सक
ने हॉस्पीटल
से नाम
काट दिया।
बेटी के
घर आने
के बाद
9 फरवरी को
विन्सेंट अब्राहम
(70 साल ) के प्राण
पखेरू उड़
गया। 10 फरवरी
को कुर्जी
कब्रिस्तान में
धार्मिक अनुष्ठान
अदा करके
कुर्जी कब्रिस्तान
में दफन
कर दिया
गया। उसी
कब्र में
दफनाया गया
जहां पर
क्लारा को
दफन किया
गया था।
कब्र में
रखे शव
बॉक्स से
पांच ईंच
के पहले
ही विन्सेंट
के शव
बॉक्स को
रखकर मिट्टी
से कब्र
को भर
दिया गया।
एक कब्र
में 3 व्यक्तियों
को दफनाया
गया। इस तरह
वेलेंटाइन सप्ताह
के दौरान
प्यारे दम्पतियों
का अंत
हो गया।
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