इस मासूम की आंख की रोशनी कौन लौटाएंगा?
पटना सदर के उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत में एल. सी. टी. घाट मुसहरी है। यहां पर महादलित मुसहर रहते हैं। यहां पर टी.बी.बीमार का प्रसार अधिक है। कोई ऐसा घर नहीं इस रोग से अछूता हो। अभी भी 2-3 लोग टी.बी.बीमारी की दवा खा रहे हैं।
इस बीमारी से हटकर अर्जुन मांझी की बिटिया सुमन कुमारी को जानलेवा इंसेफ्लाइटिस नामक रोग हो गया था। बीमार पड़ी और ठीक हो गईं, मगर आंख से कुछ देख नहीं पा रही हैं। जी हां, कुछ इसी तरह से अर्जुन मांझी की बिटिया सुमन कुमारी के साथ हुआ। आवाज सुनकर प्रतिक्रिया करती हैं, रीता देवी के दुलारी बिटिया। दीवार पकड़ कर अंदाज लगाकर चल पाती हैं। गरीब परिवार की बच्ची है। इस लिए मां-बाप घर पर ही रखे हुए हैं। किसी नामी चिकित्सकों के पास सुमन को ले जाकर इलाज नहीं करा सके हैं। जो पैसा था वह बीमारी के समय लगा चुके हैं। सुमन कुमारी की फुआ तारामणि भी कुछ रकम लगायी थीं। वह परिवार वालों के ही सहयोग से जानलेवा इंसेफ्लाइटिस नामक रोग के मुंह से बच निकली हैं। मगर आंख की रोशनी खत्म होने के बाद इलाज करके रोशनी लाने में असर्मथ हो रहे हैं। हां, आफत के समय में भाग्य भी साथ नहीं देता है। इसी तरह अर्जुन और रीता की बेटी सुमन के साथ हो रहा है। गरीबी रेखा के नीचे में रहने के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बना था। बच्ची की बीमारी के उघेड़बुन में टेम्पू पर ही पॉलिथिन में रखे स्मार्ट कार्ड छूट गयी। आज गरीब परिवार के पास स्मार्ट कार्ड नहीं है। इसके कारण आरएसबीवाई के तहत लाभ से वंचित हो हो गये हैं।
नीतीश कुमार से प्राप्त रेडियों में प्रचारित किया जाता है कि महादलित टोलों में जाकर चिकित्सक मरीजों को जांचोपरांत दवा निर्गत करेंगे। ऐसा कुछ नहीं होने के कारण सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के आवासीय कार्यालय में जाकर आवेदन दिया गया ताकि सुमन कुमारी की आंख की रोशनी वापस हो सके। कार्यालय से किसी तरह की पहल नहीं की गयी है। ऐसी स्थिति में सुमन कुमारी को क्या आंख की रोशनी वापस मिल पायी ? यह सवाल अर्जुन और रीता के समक्ष उत्पन्न हो गया है। कभी-कभी मानवता को ख्याल करके किसी दाता के हाथ दान करने के लिए उठ जाता है। क्या कोई दाता है जो इस मासूम बच्ची की आंख का नूर वापस कर सके। होने के कारण इलाज करवाने में असर्मथ हैं। कोई दाता सामने आकर सुमन कुमारी की आंख की नूर वापस करा सकते हैं।
रही हगयी परन्तु देख नहीं पा रही है। मासूम का नाम. सुमन कुमारी है। उसके पिताजी का नाम अर्जुन मांझी है। उसकी मां का नाम रीता देवी है।
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