Tuesday 26 February 2013

Gaya:एक सबक कार्यशाला का आयोजन

एक सबक कार्यशाला का आयोजन
 सेव चिल्ड्रेन परियोजना से जुडे गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति,मानपुर और निदान,फ़ुलवारी से जुड़े शिक्षा समिति के अध्यक्ष, बाल सुरक्षा समिति के अध्यक्ष, दो बच्चे एवं एक शिक्षक का जमावाड़ा बुद्धा हेरिटेज होटल,पटना में हुआ। एक दिवसीय सबक कार्यशाला में मानपुर और फुलवारी शरीफ के सैकड़ों बच्चों ने हिस्सा लिया। सबके लिये शिक्षा परियोजना कार्यक्रम का आखिरी महीने मे आयोजन किया गया।
  बताते चले कि गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति,मानपुर के द्वारा सबके लिये शिक्षा परियोजना कार्यक्रम 9 पंचायतों में चल रहा है। इसके अंत में सेव चिल्ड्रेन ने एक सबक कार्यशाला का आयोजन किया है। मानपुर प्रखंड के 9 पंचायतो से विधालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष एवं बाल सुरक्षा समिति के अध्यक्ष दो बच्चे एवं एक शिक्षक बुद्दा हेरिटेज होटेल, पटना में  शामिल थे।
 इस कार्यशाला में  मानपुर परियोजना क्षेत्र से प्रतिभागियों के परिचय एवं बाल-गीत के साथ आरंभ हुआ। इसके पश्चात शिक्षको, बच्चों एवं ग्रामीण सदस्यों का एक-एक समूह बनाया गया। समूह में निर्मित कार्य को सभी समूहों के द्वारा बारी-बारी से आकर पेश किया किया गया। 
  उत्क्रमिक मघ्य विघालय, चकमुसा के शिक्षक अजीत कुमार प्रभाकर ने कहा कि सेव चिल्ड्रेन के परियोजना ने हम लोगों को सिर्फ बल ही प्रदान नहीं किया है। बल्कि एक दिशा भी दी है। जिसके तहत हम सब मिलकर कार्यों को मुकाम देने में सहजता महसूस कर पा रहे हैं। उन्होंने अपने अनुठे कार्य को सरकार को स्वीकार करने की नसीहत तक दें डाली।
   एक-एक करके सेव चिल्ड्रेन के द्वारा निदान के माध्यम से प्राप्त संसाधनो का उचित बताते हुए कहा कि आज के पहले हमे ना तो सरकार से ना ही समुदाय से इतनी सहायता मिल पायी है लेकिन इनके द्वारा गठित सामुदायिक संगठनों ने हमें आलोचना के बजाय सहायता दिया है।
प्राथमिक विघालय, नवादा (अनुमंडल) के एकल शिक्षक हेमंत कुमार विधार्थी ने कहा कि समय -समय पर शिक्षको की शिक्षा के अधिकार पर प्रशिक्षण प्रशिक्षण आदि देने के लिए सामग्री तैयार करना चाहिए। उस सामग्री को तैयार करके प्रशिक्षण एवं नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए  प्रशिक्षण देना चाहिए। हमारे विधालय एकल होने के बावजूद शिक्षा के स्तर मे गुणात्मक बढ़ोतरी कर पाने में सेव चिल्ड्रेन का योगदान काफी मिला है। इसके आलोक में दिल से धन्यवाद दे रहा हूं। अगर इसे मैं लिखना शुरू करू तो कागज कम और कलम की स्याही समाप्त हो जायें। क्योंकि कल तक जो समुदाय हमारे विधालय मे योजनाओ का लाभ उठाने को आती थी आज वो शिक्षा के स्तर को पूछने आते हैं।
 बच्चों के नेतृत्व क्षमता मे बढ़ोतरी का उदहारण देते हुए कहा कि रानी कुमारी ने एक बाल मजदूर को मुक्त ही नहीं बल्कि मुफ्त नामांकन कराया। अगर एक एक बच्चा एक-एक बाल-मजदूर को मुक्त कराता हैं तो मैं नही समझता कि बाल मजदूरी बची रहेगी। 0 0 वि0 सिमरा के शिक्षक अताउल रहमान ने एक बाल-गीत गाया एवं अपनी ही विधालय के बच्ची मंजूषा के बारे मे बताया कि वो एक कुशल विधार्थी होने के साथ एक कुशल नेत्री भी हैं क्योंकि उसने अपने विधालय मे बाल संसद को पूरी तरह से संचालन करना जानती है। कार्यशाला के अंत मे मानपुर प्रखंड के शिक्षक राजदेव जी ने शिक्षा से जुड़ी लोकगीत का बेहतर प्रस्तुति कर बच्चों को गुनगुनाने पर मजबूर कर दिये। कार्यशाला मे भारती चौहान, प्रदीप प्रियदर्शी, रत्नेश वर्मा एवं जिला पार्षद अंजलि समेत अन्य लोग भी शामिल थे।

No comments: