खाकी वर्दीधारी पुलिस से रिक्शाचालक
परेशान
कहां जाकर रिक्शा का ठहराव करें?
खाकी वर्दीधारी से परेशानी बढ़ गयी हैं। आखिर हम लोग
जाए तो जाए कहां? किस जगह पर जाकर रिक्शा का ठहराव करें? इस तरह का यक्ष सवाल रिक्शाचालकों
के समक्ष आ गया है। रिक्शा चालक बेली रोड,गोला रोड के पास रिक्शा लगाकर सवारी के लिए
इतंजार करते हैं। सवारी के लिए आंखे बिछाने के बाद ही सवारी मिल जाता है। सवारी नहीं
मिलने की स्थिति में जून की रोटी पर आफत आ जाती है। सवारी नहीं मिलने की स्थिति पर
भूखे पेट ही सो जाने को मजबूर होना पड़ता है।
पटना पश्चिमी बेली रोड पर आज रूपसपुर थाने के वर्दीधारियों
ने रिक्शा ठहराव करने पर आपत्ति दर्ज करने लगे। पुलिस का कहना था कि गोला रोड की ओर
जाने वाली सड़क की ओर रिक्शा लगाये। रामजयपाल नगर की ओर जाने वाली सड़क की ओर रिक्शा
नहीं लगाये। इसको लेकर रिक्शाचालक नाराज हो गये थे। इस तरह के आदेश देने और इसका पालन
करने का मलतब रोटी न मिलने से समझौता करना है। बस क्या था रिक्शाचालक मुखर हो गये।
एक से बढ़कर एक तर्क देने लगे। जब टेम्पू और ठेला चलाने वाले ठहराव कर सकते हैं। तो
हम गरीब रिक्शाचालको को रिक्शा क्यों नहीं लगाने दिया जा रहा है?
इसके बाद तब सब रिक्शाचालक एकजूट और एकमत होकर रूपसपुर
थाने के थानाध्यक्ष के पास जाकर फरियाद करने चले गये। इसका सार्थक परिणाम सामने आया।
रामजयपाल नगर की ओर जाने वाली सड़क के किनारे गिनती से तीन रिक्शा लगाया जा सकता है।
बाकी रिक्शा गोला रोड की ओर जाने वाली सड़क के किनारे लगाये जाएंगे।
कुंदन कुमार नामक रिक्शाचालक का
कहना है कि गोला रोड पर खड़ा करने से 50 रूपये का भाड़ा मिलता है। इसके लिए सवारी को
काफी दूर तक पहुंचाना पड़ता है। वहीं रामजयपाल नगर की ओर खड़ा करने से सवारी 20 से
25 रूपये देते हैं। काफी कम मेहनत पड़ती है। दो बार चक्कर लगाने के बाद आराम ही आराम
मिल जाता है। अगर इस ओर नहीं लगाया जाए तो लोग पैदल भी घर चले जाते हैं। गोला रोड की
ओर से रिक्शा कॉल नहीं करते हैं। दिनभर में 40 रूपये रिक्शा का किराया और 50 रूपये
खाने-पीने के बाद 200 रूपये बच जाताा है। हां, पुलिस वाले पैसे की मांग नहीं करते हैं
और न ही लाठी चलाते हैं।
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