Saturday 16 March 2013

अपेंडिक्साइटीज का ऑपरेशन करवाने में सफल


                                                     अपेंडिक्साइटीज का ऑपरेशन करवाने में सफल
यह सही है कि आज भी सुदूर गांव में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में ग्रामीणों को खास जानकारी नहीं है। इसके कारण लोग बेहतर ढंग से स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। पेट में रोग रहता है और उनके बक्सा में स्मार्ट कार्ड पड़ा रह जाता है। वहीं आरएचबीवाई के तहत निर्गत स्मार्ट कार्ड का गलत व्यवहार करने का कलंकित टीका बिहार के माथे पर लग गया है कि अपना बिहार में सिर्फ बच्चादानी का ही ऑपरेशन किया जाता है। इस तरह के कलंक को खुद ग्रामीण महिलाएं ही धोने में लग गयी है। स्मार्ट कार्ड से महादलित मुसहर समुदाय की महिलाएं अपेंडिक्साइटीज का ऑपरेशन करवाने में सफल हो रही हैं। इस तरह के कारनामे हो जाने से आरएसबीवाई का भविष्य उज्जवल होने लगा है।
  जहानाबाद जिले के जहानाबाद प्रखंड में मांदेबीघा ग्राम पंचायत में अमियांबीघा मुसहरी टोला में नागा मांझी रहते हैं। इनकी पत्नी क्रांति देवी को अपेंडिक्साइटिज हो गया था। अशिक्षित होने के बाद भी लकड़ी के बॉक्स में रखे स्मार्ट कार्ड को निकालकर जहानाबाद के डाक्टर एस.जीत के पास जाकर अपेंडिक्साइटिज का ऑपरेशन करवाने में सफल हो गयी। खासकर अपना बिहार में स्मार्ट कार्ड के द्वारा सिर्फ-सिर्फ बच्चादानी का ही ऑपरेशन किया जाता है। इस पर लगाम लगाने पर आम लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। इससे स्वास्थ्य विभाग को राहत मिलेगी। एक बार फिर सरकारीकर्मियों एवं बीमाकर्मियों के क्रियाकलाप के ऊपर सवाल उठ गया। नागा मांझी को अप्रैल 2010 में स्मार्ट कार्ड निर्गत किया गया। 0000260110807046 8 है। उसमें उम्र 50 साल दर्शाया गया। अगर यह उम्र सही है तो नागा मांझी 38 साल में पिताश्री बने थे। इसके बाद नवीकरण करने के बाद 2012 में नागा मांझी को 1.1.1985 उम्र दिखाया दिया गया। इस तरह सिर्फ 27 साल के हो गये। अगर उम्र सच मान लिया जाए तो 15 साल में नागा पिताश्री बन गये थे। 1033011371200018.1 वाले स्मार्ट कार्ड में पांच लोगों का नाम है। नागा मांझी, क्रांति देवी, चंदन कुमार (11 साल), कंचन कुमारी (9 साल) और रेणु कुमारी (3 साल ) है।

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