Sunday 17 March 2013

जब नक्सली प्रभावित क्षेत्र में गूंजा


जब नक्सली प्रभावित क्षेत्र में गूंजा

बंदूक नहीं कुदाल चाहिए,हर हाथ को काम चाहिए

यह जमुई जिला है, जहां पर नक्सली संगठनों ने गढ़ जमा रखा है। समयसमय पर इस जिले में नक्सलियों का आंतक सिर पर चढ़ कर बोलता है। नक्सलियों ने अपने साथी की मौत का बदला सिकन्दरा प्रखंड के फुलवरिया कौड़ासी में खून की होली खेल कर लिया था। है। नक्सलियों ने फुलवरिया कौड़ासी में डायनामाइट लगाया, घर में आग लगाये और हत्याकर आदिवासियों को काफी नुकशान पहुंचा और गांव छोड़कर भागने के लिए मजबूर कर दिया। प्रशासन के द्वारा भरपूर सहयोग करने के महीनों बाद आदिवासी घर वापसी कर सके। यहां पर गांधी,विनोबा,जयप्रकाश,अम्बेडकर जी के बताये मार्ग पर चलने वाली एकता परिषद,नामक जन संगठन के द्वारा कार्य किया जा रहा था। यहां के कई लोग जनादेश 2007 के सत्याग्रह पदयात्रा में शिरकत लिये थे।

 नक्सली संगठनों के गढ़ में एकता परिषद के द्वारा ईटासागर ग्राम पंचायत में अवस्थित धमना मुसहरी में जन भागीदारी के बल पर श्रमदान करके तालाब निर्माण करवाया गया। गैर सरकारी संस्था ऑक्सफैम और प्रगति ग्रामीण विकास समिति ने चार दिवसीय श्रमदान एवं नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने में सहयोग दिया।

  कृषि एवं आयोजिका कार्यक्रम की समन्वयक और शिविर की संचालक मंजू डुंगडुंग ने कहा कि इस चार दिवसीय शिविर का उद्देश्य रहा है कि आम लोगों को मिट्टी के महत्व के बारे में समझाना। जो मिट्टी से संबंधित काम करते हैं उनके दिलोदिमाग से हीनभावना को निकालकर सकारात्मक सोच विकसित करना है।

 उन्होंने कहा कि आज भी एक तरह के काम करने वाली महिलाओं को पुरूषों की तुलना में समान मजदूरी देकर कम  दी जाती है। नौकरशाहों के असंवेदनशील होने के कारण राज्य के श्रमिकों को महात्मा गांधी नरेगा में बेहतर ढंग से रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण रोजगार की आश में बिहार से बाहर पलायन करने को बाध्य हैं। मनरेगा में काम करने के बाद भी दाम नहीं मिलता है। इसको लेकर लोगों के बीच में असंतोष बढ़ जाता है। वनाधिकार 2006 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। सरकार के द्वारा ठीक तरह से क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। वनभूमि पर रहने वाले के द्वारा पट्टा की मांग करने पर जेल की सजा दे दी जाती है। उसमें सुधारने की बात को कही जाती है।

  तालाब निर्माण करने वाले आवासहीन 10 डिसमिल जमीन देने,डी.बंधोपाध्याय की रिपोर्ट लागू करने, बंदूक नहीं कुदाल चाहिए हर हाथ को काम चाहिए, खेतीहर महिला मजदूरों को किसान का दर्जा देने आदि नारा बुलंद करते रहे।

 जिला परिषद के अध्यक्ष ब्रह्मदेव रावत,रेंजर नागेन्द्र शर्मा, ब्रह्मदेव दास एवं विजेन्द्र सिंह,थानाध्यक्ष मनवेन्द्र सिंह, एकता परिषद संचालन समिति के सदस्य प्रदीप प्रियदर्शी, वषिष्ठ कुमार सिंह,विजय सिंह,भोला मांझी, माको देवी,मुन्नी देवी,ब्रह्मदेव मांझी ने पूर्णरूपेण सहयोग दिये।

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