Sunday 3 March 2013

Jahanabad:कर्मियों की कारामात, बाप से बड़ा बन बैठा बेटा:


                               कर्मियों की कारामात, बाप से बड़ा बन बैठा बेटा
  पिता जी 45 साल और पुत्र जी 60 साल का हैं। इट्स हार्पेन्ड इन विलेज। कर्मियों के द्वारा किया गया चत्मकार को नमस्कार है। निर्धनतम क्षेत्र नागरिक समाज के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा जहानाबाद जिले में भूमि एवं स्वास्थ्य मुद्दा पर कार्य किया जा रहा है। जब गा्रमीणों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निर्मित स्मार्ट कार्ड को दिखाया तब जाकर कर्मियों की कलई खुली।
     आप जरूर ही आश्चर्य में पड़ गये होंगे कि भला किस तरह बाप से बड़ा बेटा बन जाएगा? जी हां, यह बिल्कुल सत्य है। यह चमत्कारिक कारनामा कर्मियों ने कर दी है। इस तरह की कारामात करके कर्मचारी चले गये। फिलवक्त इसका खामियाजा बाप-बेटा भुगत रहे हैं।
  राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीपीएल कार्डधारियों को स्मार्ट कार्ड बनता है। 30 रू. लेकर स्मार्ट कार्ड बनाया जाता है। इस कार्ड में पांच व्यक्तियों का नामांकित रहता है। इन पांचों पर 30 हजार रू.तक का इलाज करवाने का दायित्व बीमा कम्पनी है। प्रत्येक साल 10 रू. लेकर नवीनीकरण किया जाता है।
  घर में जाकर कौसमी देवी स्मार्ट कार्ड लेकर आती है। उसके पास पांच स्मार्ट कार्ड है। देखकर ताजुब्ब हुआ कि एक झोपड़ी में रहने वाली एक महिला के हाथ में पांच स्मार्ट कार्ड कैसे है? कौसमी देवी के पति और बेटा कार्ड मिलाकर है।
  जहानाबाद जिले के जहानाबाद प्रखंड के सिकरिया गा्रम पंचायत के कड़ौना गांव चमनबीघा में सबसे पहले 2010 में स्मार्ट कार्ड बनाया गया। औरों की तरह रामभवन मोची का भी स्मार्ट कार्ड बना। अन्य लोगों की तुलना में रामभवन मोची और उनके पुत्र विलेन्द्र दास के स्मार्ट कार्ड में चमत्कार हो गया है। इसको मानवीय भूल कहकर ढांका जा सकता है। एक बार हो तो तब न। यहां पर हर बार गलती की गयी है। तब इसे मानवीय भूल नहीं कर सकते हैं।
  जब प्रथम बार स्मार्ट कार्ड बना तो इसमें रामभवन मोची की आयु 42 साल अंकित गया   इनको अप्रैल 2010 में 0008 6011 0807 019 5 संख्या वाली कार्ड निर्गत किया गया।  इस पर 5 लोग रामभवन मोची, कौसमी देवी,विलेन्द्र दास,हरेन्द्र दास और पिंकी कुमारी लाभान्वित हो सकते हैं। नियमानुसार एक साल के बाद इसका नवीनीकरण जून 2011 में किया गया। गौरतलब है कि 42 साल के रामभवन मोची को केवल 14 माह के बाद ही उम्र में 3 साल का इजाफा हो गया। इस तरह 42 साल के श्री मोची 45 साल के हो गया। पहली गलती समझकर माफ किया जा सकता है। इस बार निर्गत स्मार्ट कार्ड की संख्या 0001 1661 1033 0378 4 है। परिवार के 5 व्यक्तियों में रामभवन मोची, कौसमी देवी,विलेन्द्र दास,हरेन्द्र दास और पिंकी कुमारी को लाभान्वित करने के लिए अधिकृत किया गया। फिर रामभवन मोची का स्मार्ट कार्ड का नवीनीकरण 8.12.12 को किया गया। इसमें जन्म वर्ष को साल में दर्शाया गया। इसमें साल 1967 दिखाया गया। इस तरह 18 माह के बाद जून 2011 की आयु 45 साल को ही मान्य करके रहने दिया गया। इस तरह कर्मियों ने दूसरी गलती कर डाली। स्मार्ट कार्ड में  संख्या 10 33 0120 0120 9981 767 5 अंकित है। इसमें 4 लाभान्वितों है।  रामभवन मोची, कौसमी देवी,विलेन्द्र दास, और हरेन्द्र दास शामिल हैं। पिंकी कुमारी की शादी हो गयी है।
 बताते चले कि रामभवन मोची का पुत्र विलेन्द्र दास का अलग स्मार्ट कार्ड बनाया गया है। इनका जून 2011 में स्मार्ट कार्ड बना है। स्मार्ट कार्ड में संख्या 00107511103303784 अंकित है। इस कार्ड में विलेन्द्र दास की आयु 23 साल अंकित है। इस कार्ड का 8.12.12 को नवीनीकरण किया गया। इसकी संख्या 00330120012000840 अंकित है। इस कार्ड से विलेन्द्र दास,सुशीला देवी और रीभा कुमारी लाभान्वित हो सकती हैं।
   इसी कार्ड में कर्मियों ने चत्मकार कर दिखाया है। चमत्कार को नमस्कार है। 23 साल के विलेन्द्र दास को 1952 में जन्म वर्ष दिखा दिया गया है। इसका मतलब विलेन्द्र दास 60 साल का हो गया। तीसरी गलती है। वहीं उसके 45 वर्षीय पिता रामभवन मोची को 8.12.12 को 1967 जन्म वर्ष दिखाया गया है। इस हिसाब से पुत्र 60 साल हो गया है और उसके पिताश्री 45 साल के हैं। यह चौथी गलती है।

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