Friday 8 March 2013

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा ) पर

महावीर प्रसाद के द्वारा मनरेगा के ऊपर लोकगीत
बिहार राज्य के किशनगंज जिले में टेरागाछ नामक प्रखंड के टेरागाछ पंचायत में महावीर प्रसाद रहते हैं।
    इन्होंने निर्धनतम क्षेत्र नागरिक समाज के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में स्वनिर्मित लोकगीत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा ) पर पेशकर ख्याति अर्जित करने के बाद एक बार फिर झारखंड में धूम मचा दिया। रांची जिले के सीमांत पर स्थित कांके रोड के समीप विस्वा ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित चार दिवसीय संचार में उन्मुखीकरण कार्यशाला में रंग जमा दिये। अब तक दर्जनों लोकगीत बनाए हैं और मधुर आवाज में प्रस्तुतकर श्रोताओं के दिल पर कब्जा कर पाने में सफल हो सके हैं।
  प्रस्तुत है महावीर प्रसाद के द्वारा मनरेगा के ऊपर लोकगीत।
                 
                                मनरेगा
रोवत रहनी कलपत अईनी- काम करे परदेश-2
गारंटी रोजगार के भईल- 2 लौटेम अपना देश
हो आईल बा संदेश-काम के अधिकार अपना हाथ में

साल में सौ दिन काम के हमनी हो गईनी हकदार-2
एक सौ चौवालीस मजदूरी - 2 देवे ला सरकार
हो आईल बा सनदेश-काम के अधिकार अपना हाथ में

आवेदन के 15 दिन में- अन्दर काम भेटाय-2
बैरोजगारी भत्ता मिले-2 सोलह मा चढ़ जाए
हो लाईल बा सनदेश-काम के अधिकार अपना हाथ में

काम के जगह पिये जल सुवाधा-छाया के इन्ताजाम -2
काम करत में दुर्घटना के - 2 ऐजन्सी जिम्मेवार
हो आईल बा सनदेश- काम के अधिकार अपना हाथ में

अकुशल मजदूरी खातिर -जै भी बात तैयार-2
काम के खातिर आवेदन के-2 मिलत बा रोजगार
हो आईल बा सनदेश-काम के अधिकार अपना हाथ में

ग्राम सभा योजना बनी-भाग गईल ठीकादार
सामाजिक अंकेक्षण खातिर-2 लोग भईल तैयार
हो आईल बा सनदेश- काम के अधिकार अपना हाथ में-2

  फिलवक्त लोकगायक महावीर प्रसाद ने गृहस्थी चलाने के लिए ईजाद नामक गैर सरकारी संस्था का दामन पकड़ रखा है। यहां पर फिल्ड कॉर्डिनेटर हैं।
   ईजाद के द्वारा सात पंचायतों में कार्य किया जाता है। खासकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम पर कार्य किया जाता है। समाज में रह गये एकल नारी पर विशेष तवज्जों देकर कार्य किया जाता है।