संपर्क---39, मेरीवेल क्रेस्सेंट, कैलगरी, NE, AB, कैनाडा, T2A2V5
403-921-3438---सेल फ़ोन जन्म ---18 जून 1975
शिक्षा ---एम ए, इतिहास, सनी बफैलो, 2008,
पी जी डिप्लोमा, पत्रकारिता, S.I.J.C. पुणे, 1998
बी ए, हानर्स, इतिहास, इन्द्रप्रस्थ कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, 1996
अध्यवसाय----BITV, और ‘The Pioneer’ में इंटर्नशिप, 1997-98,
---- FTII में समाचार वाचन की ट्रेनिंग, 1997-98,
----- राष्ट्रीय सहारा टीवी में पत्रकारिता, 1998—2000
प्रकाशन---------हंस, वागर्थ, पहल, नया ज्ञानोदय, कथादेश, कथाक्रम, वसुधा, साक्षात्कार, अभिव्यक्ति, जनज्वार, अक्षरौटी, युग ज़माना, बेला, समयमान, अनुनाद, सिताब दियारा, पहली बार, पुरवाई, लोकतंत्र दर्पण, सृजनगाथा, विचार मीमांसा, रविवार, सादर ब्लोगस्ते, हस्तक्षेप, दिव्य नर्मदा, शिक्षा व धरम संस्कृति, उत्तर केसरी, इनफार्मेशन2 मीडिया, रंगकृति, हमज़बान, अपनी माटी, लिखो यहाँ वहां, बाबूजी का भारत मित्र आदि पत्र पत्रिकाओं में, रचनायें, प्रकाशित,
हिंदिनी, हाशिये पर, हहाकार, कलम की शान, समास, हिंदी चेतना, गुफ्तगू आदि ब्लौग्स व वेब पत्रिकाओं में, कवितायेँ तथा कहानियां, प्रतीक्षित
किताबें ----- 'कोई भी दिन' , कहानी संग्रह, ज्ञानपीठ, 2006
'क़िस्सा-ए-कोहिनूर', कहानी संग्रह, ज्ञानपीठ, 2008
कविता संग्रह 'ककहरा', शीघ्र प्रकाश्य,
पवन जैन द्वारा सम्पादित शीघ्र प्रकाश्य काव्य संग्रह ‘आगमन’ में कवितायेँ सम्मिलित
पुरस्कार--- राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवार्ड 2013, दिए जाने की घोषणा
पहले कहानी संग्रह, 'कोई भी दिन' , को 2007 का चित्रा कुमार शैलेश मटियानी सम्मान,
-----'कोबरा: गॉड ऐट मर्सी', डाक्यूमेंट्री का स्क्रिप्ट लेखन, जिसे 1998-99 के यू जी सी, फिल्म महोत्सव में, सर्व श्रेष्ठ फिल्म का खिताब मिला
-------------'एक नया मौन, एक नया उद्घोष', कविता पर,1995 का गिरिजा कुमार माथुर स्मृति पुरस्कार,
-------------1993 में, CBSE बोर्ड, कक्षा बारहवीं में, हिंदी में सर्वोच्च अंक पाने के लिए, भारत गौरव सम्मान
अनुवाद----कवितायेँ मराठी में अनूदित,
कहानी संग्रह के मराठी अनुवाद का कार्य आरम्भ,
उदयन वाजपेयी द्वारा रतन थियम के साक्षात्कार का अनुवाद,
सम्प्रति----
‘डिअर सुज़ाना’ तथा 'प्रिजन टॉकीज़', अंग्रेज़ी में, दो कविता संग्रहों पर काम,
पत्रकारिता सम्बन्धी कई किताबों पर काम, माइग्रेशन और स्टूडेंट पॉलिटिक्स को लेकर, ‘ऑन एस्पियोनाज़’,
एक किताब एक लाटरी स्कैम को लेकर, कैनाडा में स्पेनिश नाइजीरियन लाटरी स्कैम,
और एक किताब एकेडेमिया की इमीग्रेशन राजनीती को लेकर, ‘एकेडेमियाज़ वार ऑफ़ इमीग्रेशन’,
______पंखुरी सिन्हा
एकत्रित होने के नियम
होकर इकट्ठा आप, कर नहीं सकते किसी को
अकेला यूं,
कि हो
नहीं उसका कोई
कहीं,
कोई, जो
न हो खुफिया किसी और का,
और बना
रहे कोई मुखिया किसी और का,
कोई हो
तो बुला लें,
उसे भी यहीं,
प्रदत्त हैं
हमें विशेष अधिकार,
दत्त है
हमें विध्वंस का
उपचार,
लेकिन हुज़ूर,
एकत्रित होने के नियम हैं
कुछ,
आधुनिकता का
तकाजा है,
सभ्यता के
उसूल नहीं,
तो क़ानून हैं,
इकट्ठे होने पर,
कुछ वक़्त पहले तक पाबंदी थी,
अब व्यक्तिगत आक्रमण पर,
खिलाफ उसके,
क़ानून हैं।
शांति की बहाली
भूलकर सारा भाई भतीजावाद,
भूलकर सारी क्षेत्रीय पहचान,
भूल कर
सारी भाषागत प्रतिबद्धता,
शांति बहाल करें,
भूलकर परिचय के सारे सूत्र,
भूल कर
पिछली बहाली का
जश्न,
भूलकर न
हुई बहाली का
मातम,
शांति बहाल करें,
कि इन
बेहद कामकाज़ी गलियारों में,
कोई भर
रहा है,
उठा पटक
की हिंसक राजनीती,
बेहद हिंसक राजनीती,
नापाक करता इन ताक़तवर गलियारों को,
बना रहा
है,
फाइल नामक एक कोड,
और चित्रित भी कर रहा
है उसे,
मुखरित भी,
थामे एक
फाइल को हाथों में अपने,
पेट के
ऊपर,
नाभि के
कुछ नीचे,
किसी की
अनावश्यक चहलकदमी है,
अत्यधिक,
अनावश्यक भी,
और चहलकदमी भी,
एक ऐसी
फुदकनी चाल में,
जो तमाम मेज़ कुर्सी पर
बैठे लोगों के
क्रोध में
दांत किटकिटा दे,
खामोश वो
गुहार करें,
पुकार करें,
शांति बहाल करें,
कि विचित्र सी हिंसा है,
सड़क पर,
घरों में,
शांति बहाल करें।
13 comments:
Share ki jaane wali link ke saath ki itni sundar tasveer, ke liye dhanyawad, Alok ji, very creative,
सुन्दर एवं सहज अभिव्यक्ति ......... बधाई
aapki dono kavitaen apne samay ko jhakjhorjati hai.aaj ke samay ki mool pravriti par chot kar deti hai,aakhir yeh sab kyaa ho rahaa hai.sundar bhavon men pagee aapki dono rachnaon ke liye badhai.
very
nice....
dekhe meri kavitaye
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'शांति की बहाली' 'एकत्रित होने के नियम' दोनो ही कविताएँ समकालीन, प्रभावशाली और अपने समय को संबोधित करती है. साधुवाद! पंखुरी जी.
उत्कृष्ट रचनाएं.......
"शांति की बहाली" एवं "एकत्रित होने के नियम' दोनो ही कविताएँ अपने आप में सशक्त है ...........................आधुनिकता की पहचान है ...बधाई .
स्तरीय ,सशक्त ,सजग ,सुन्दर अनुभूति की अभिव्यक्ति ...
Achchhi kavitayen. Dhanyavaad Pankhuri, in kavitaon ke liye aur in vishayon par baaten karne ke liye.
sorry my comments were all garbled as I was trying to type in Hindi script, so I had to delete.
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