Tuesday 21 May 2013

पीड़िता के द्वारा जन संगठन एकता परिषद,बिहार के समक्ष गुहार




 नौबतपुर प्रखण्ड से जिन्नत खातुन अपनी पीड़िता बेटी ,बहन एवं पोता के साथ लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय करके 11 बजे जन संगठन एकता परिषद, बिहार के पटना कार्यालय में आयीं। बातचीत के क्रम में जिन्नत खातुन ने रोते रोते बताई कि उसकी बेटी मैमुन खातुन को जान पर खतरा बन गया है। अभी अमन से जीना मुश्किल हो गया है। हम लोगों की जान माल की रक्षा की जाए। खतरे में इज्जत गयी है इसे बचा दीजिए। इस दुःखद श्रणों में उन्हें चुप कराकर हिम्मत दी गयी। उन्होंने जानकारी दी कि उनकी बेटी की शादी मसौढ़ी थाना के बिश्वम्बरपुर गांव में हुआ है। इनके चार बच्चे हैं। मजदूरी करके अपना जीवन व्यापन करते हैं 10 मई की रात में मेरी बच्ची मैमुन खातुन अपने चार बच्चों के साथ घर में सो रही थीं इसी क्रम में इनके पड़ोस के असामाजिक लोग दरवाजा तोड़कर द्यर में द्युसे एवं निवस्त्र कर बुरी तरह से पिटाई कर दिये। कई जगह पिटाई का निशान है। नितंब में रक्त जम गया है। जिसको उनकी बेटी मैमुन खातुन ने आन्तरिक कपड़ा उठाकर दिखाई है। जहां पर पिटाई से काला दाग उत्पन्न हो गया है। उन्होंने आगे जानकारी दी कि इन असामाजिक लोगों ने पटक पटक कर मारा एवं बाल भी खींच खींच कर मारा जिसे शरीर में भी असहनीय दर्द हो रहा है।

  नौबतपुर थाना अप्राथमिक संख्या 47/13 दिनांक 14/5/2013 धारा - 107 0प्र0सं0 के प्रतिवेदित अनुमंडल दणधिकारी महोदय को अग्रसारित किया गया है। यह आकांक्षा व्यक्त की गयी है कि कभी भी मार-पीट एवं अप्रिय घटना घटने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद भी पुलिस के द्वारा किसी तरह की कार्रवाही नहीं की गयी है।

गौरतलब यह है कि पुरूष चौकीदार के सहारे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, बिहार के रेफरल अस्तपाल, नौबतपुर मैमुन खातुन को लिया गया। निबंधन संख्या ईआर - 416 दिनांक 13/5/13 को मैमुन खातुन का इलाज किया गया। सूई और दवा दी गयी। इसके बाद भी डाक्टरी रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज ही नहीं किया गया। मात्र धारा- 107 लगाकर मामले को हल्का बना दिया गया है।
कम से कम एसएसपी मनु महाराज का नौबतपुर थाना के थानाध्यक्ष के सामने कुछ चलता ही नहीं है। इसका नमूना यह है कि एसएसपी खुद काफी चुस्त हैं परन्तु थानाध्यक्ष सुस्त ही पड़े हुए हैं। इसका खामियाजा नौबतपुर थाने में रहने वाले लोग भुगत रहे हैं। खासकर नौबतपुर थाना क्षेत्र महिलाओं के लिए नरक साबित हो रहा है। यहां पर मामला दर्ज करने के बाद भी बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होता है। इसके कारण पीड़ित लोग दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। इसमें मैमुन खातुन भी है। जो आपबीती पर किसी तरह की कार्रवाई होने पर जन संगठन एकता परिषद,बिहार के कार्यालय में गयीं। वहां पर जन संगठन एकता परिषद,बिहार की संचालन समिति की सदस्य मंजू डुंगडुंग फरियाद लिखकर न्याय दिलवाने का आश्वासन दे रही  हैं।कम से कम एसएसपी मनु महाराज का नौबतपुर थाना के थानाध्यक्ष के सामने कुछ चलता ही नहीं है। इसका नमूना यह है कि एसएसपी खुद काफी चुस्त हैं परन्तु थानाध्यक्ष सुस्त ही पड़े हुए हैं। इसका खामियाजा नौबतपुर थाने में रहने वाले लोग भुगत रहे हैं। खासकर नौबतपुर थाना क्षेत्र महिलाओं के लिए नरक साबित हो रहा है। यहां पर मामला दर्ज करने के बाद भी बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होता है। इसके कारण पीड़ित लोग दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। इसमें मैमून खातून भी है। जो आपबीती पर किसी तरह की कार्रवाई होने पर जन संगठन एकता परिषद,बिहार के कार्यालय में गयीं। वहां पर जन संगठन एकता परिषद,बिहार की संचालन समिति की सदस्य मंजू डुंगडुंग फरियाद लिखकर न्याय दिलवाने का आश्वासन दे रही  हैं।