Friday 24 May 2013

राजनीति में बड़े भाई लालू प्रसाद यादव और छोटे भाई नीतीश कुमार चर्चा में रहते

पटना। राजनीति में बड़े भाई लालू प्रसाद यादव और छोटे भाई नीतीश कुमार चर्चा में रहते हैं। पहले छोटे भाई रेल मंत्री बने। उसके बाद बड़े भाई रेल मंत्री बने। मुख्यमंत्री बड़े भाई बने और बाद में छोटे भाई मुख्यमंत्री बने। अब बड़े भाई के द्वारा छोटे भाई को मुख्यमंत्री के पद से बेदखल करने पर अमादा है। वहीं छोटे भाई बड़े पद की कुर्सी पाने के लिए बेताब हैं। इसके लिए साल 2014 और 2015 अब इतंजार करना पड़ेगा।

खैर, जब छोटे भाई नीतीश कुमार रेलमंत्री बने थे, तो उन्होंने गंगा नदी पर रेल सह सड़क सेतु का निर्माण कार्य शुरू करवाने में सफलता प्राप्त कर ली है। इसके बाद जब बड़े भाई लालू प्रसाद यादव को मौका मिला तो उन्होंने लगे हाथ नहले पै दहला मारने का प्रयास शुरू किया। लालू प्रसाद यादव ने अंग्रेजों के जमाने में माल ढोने वाले जर्जर  दीघा रेल खंड को दुरूस्त करा दिया। इसके बाद दीघा रेलखंड का नाम परिवर्तन करके पटना-दीघा पीडी रेलखंड रख दिये। इस पर छुक-छुक-रूक-रूक शहीद सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू करा दिये। सुबह में पटना घाट से आकर दीघा हॉल्ट तक आना। इसके बाद दीघा हॉल्ट से सचिवालय तक जाकर रूक जाना। शाम में सचिवालय से खुलकर दीघा हॉल्ट पहुंचना और यहां से खुलकर पटना घाट तक जाना था। इसका मततब सुबह अप-डाउन और शाम में अप-डाउन का परिचालन करना। परिचालन शुरू होने पर बड़े भाई को लोगों ने मुबारकबाद भी दिया।

हां, जबतक बड़े भाई रेल मंत्री थे तबतक पीडी रेलवे खंड अबाद रहा। मंत्री पद से हटने के बाद रेलखंड लावारिश हो गया। पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जाता है। इसका कारण है कि छोटे भाई ने इस रेलखंड पर फोरलेन रोड बनाने पर तुले हुए हैं। जब ममता दीदी रेल मंत्री थीं उसी समय से छोटे भाई रेलखंड को हटाकर फोरलेन बनाने पर अडिग हैं। इसके एवज में जमीन एक्सचेंज पर सहमति नहीं बनने के कारण मामला अधर में लटक गया है।

अभी इस रेलखंड का यह हाल है कि दीघा हॉल्ट, राजीव नगर हॉल्ट, शिवपुरी हॉल्ट, पुनाईचक हॉल्ट, हड़ताली मोड़ हॉल्ट और सचिवालय हॉल्ट में टिकट नहीं कटता है। प्रारंभ में सिर्फ 5 रूपए में सफर हो जाता था। अब तो पुनाईचक हॉल्ट का नामोनिशान नहीं है। शिवपुरी हॉल्ट में ताला लगा हुआ है और अंदर में पेड़ पौघा उंग गया है। शायद विश्व पटल पर ऐसा हॉल्ट नहीं होगा जहां ताला बंद है और अंदर में पेड़ पौधा उंग गया हो।

 दीघा के लोगों का कहना है कि शुरू से ही पीडी रेलखंड विवादस्पद रहा है। पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा बेहतर ढंग से परिचालन शुरू नहीं किया था। इसका नतीजा सामने है। बहरहाल, आम आदमी चाहते हैं कि बड़े भाई के राजद दल 2014 के  आम चुनाव में भारी बहुमत से विजयी हो और केन्द्रीय सत्ता पर कब्जा कायम करें। ताकि दीघा रेलखंड के बदले फोरलेन बनाने वाले छोटे भाई के मनसूबे पर पानी फिर जाए। दीघा से पटना तक सफर आसान हो जाए। और बेहतर ढंग से आम आदमी इस रेलखंड का उपयोग कर सके। जबतक लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री रहे तबतक पटना-दीघा पीडी रेलखंड आबाद रहा।