बिहार में दोस्त से दगा और अब दोस्त से ही करने लगे दंगल
पटना।
भाजपा और जदयू
के बीच में
17 साल से गठबंधन
था। बिहार में
दोनों साथ- साथ
शासक बनकर साढ़े
सात साल तक
फेविकोल लगाकर कुर्सी से
चिपके रहे। भाजपा
ने गुजराज के
मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को
चुवाव कमिटी के
अध्यक्ष बना दिया
है। इसको लेकर
जदयू के नेताओं
ने भाजपा से
दूरी बना लिया।
16 जून,2013 को भाजपा
और जदयू में
अलग-अगल हो
गए। रविवार को
जुदाई हो गई
और मंगलवार को
लड़ाई हो गई।
भाजपा
और जदयू के
बीच गठबंधन टूटने
के बाद ही
भाजपा ने विश्वासघात
दिवस मनाने का
निश्चय किया था।
इसको लेकर बिहार
बंद करने का
आह्वान किया गया।
भाजपा के प्रदेश
नेताओं के आह्वान
पर बिहार में
बंद आंशिक रूप
से सफल रहा।
जगह-जगह भाजपाइयों
ने सड़क जाम
किये। फ्रेजर रोड
में बंद करवाने
वाले नेताओं को
गिरफ्तार किया गया
और बाद में
जाकर छोड़ दिया।
दानापुर, सगुना मोड़,आशियाना
मोड़ आदि जगहों
में भाजपाई सड़क
पर उतरे। मौके
पर पुलिसकर्मी मौनधारणा
किये हुए थे।
बंद समर्थकों ने
जमकर बवाल काटा।
बच्चे उत्पात मचाते
देखे गये। प्रशासन
के द्वारा वीडियोग्राफी
करायी गयी। उनको
हिदायत दी गयी
थी कि जो
शख्स बढ़चढ़ बोल
रहा है। उसे
कैच करें। बवाल
मचाने वालों को
छोड़ना नहीं है।
बेली
रोड-दानापुर मुख्य
मार्ग के आशियाना मोड़ के पास
भाजपा बंद समर्थकों
ने सड़क पर
बैठकर जाम लगाया।
आगलगी भी की
गयी। भाजपा के
विकास मंडल एवं
महेन्द्र मंडल के
द्वारा बंद का
समर्थन किया गया।
पूर्व विधान पार्षद
बालेश्वर सिंह भारती
के नेतृत्व में
पटना नगर भाजपा
के पूर्व अध्यक्ष
हरेन्द्र सिंह, विकास मंडल
के अध्यक्ष ध्रुवनारायण
पंडित,
महेन्द्र मंडल के
अध्यक्ष अशोक कुमार
विघार्थी, महिला मोर्चा की
मंत्री करूणा विघार्थी, अरविन्द
वर्मा, शैलेन्द्र कुमार‘टुनटुन’,
मो0 सलामउद्दीन, राजेश
कुमार, कामेश्वर तिवारी आदि
प्रमुख व्यक्ति थे।