Sunday, 23 June 2013

इनका कौन कॉलर पकड़ेगा?

जब कानून तोड़ने वाले लोगों को सबक सीखाने वाले ही खुद कानून तोड़ने लगे



गया। बिहार के मुख्यमंत्री और किसी जमाने के रेलमंत्री नीतीश कुमार ने पीसी के दौरान कहे कि  जो समझकर भी ना समझे तो वह अनाड़ी है। जो यहां पर सटिक लग रहा है, जिसके कंधे पर कानून को पालन करने की जिम्मेवारी सौंप दी गयी है। वही आज नासमझ साबित हो रहा है। आम आदमी को अगर छोड़ दिया जाए तो खाकी वर्दीधारी भी गलती कर बैठते हैं। इनका कौन कॉलर पकड़ेगा

  पूर्व मध्य रेलवे की किसी भी रेलवे स्टेशन की तस्वीर हो सकती है। इस तरह के गैर जिम्मेवार आम व्यक्ति और वेल ड्रेसअप आरपीएफ जवान को आसानी से देखा जा सकता है इनकी लापरवाही से छोटे-बड़े रेलव स्टेशन पर अप्रिय घटना घट जाती है। छोटी अथवा बड़ी रेलवे स्टेशन क्यों हो। वह तो सर्वत्र दृश्यमान तस्वीर है। लगातार रेलवे लाइन को पैदल चलकर पार करने की चेतावनी और सूचना दी जाती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। तब कानून का रक्षक करवाने वाले रक्षक भी भक्षक बन गये हैं। सामान्य लोगों के साथ कानून को पालन करवाने वाले भी लागू कानून को बौना करने में लग गये हैं। तब यह बड़ा सवाल उठता है कि जब खाकी वर्दीदारी वालों के द्वारा कानून तोड़ने वाले लोगों को सबक सीखायी जाती है। जो खुद कानून तोड़ने लगे? तो उसे क्या सजा दी जाए। ऐसा करने से कुछ भी हो सकता है। आप लोगों से निवेदन है कि आप सदैव ऊपरी पुल का ही व्यवहार करें। कभी भी रेलवे पटरी को पार करके आवाजाही करें। अगर आम लोग आवाजाही कर रहे हैं, तो हर्गिज आप भी इस खाकी वर्दीधारी की तरह पीछे से अनुशरण नहीं करें। कोई आपका इतंजार कर रहा है। कुछ विलम्ब हो परन्तु कभी भी जल्दीबाजी करें।

Alok Kumar