अब चले
‘लाडली’ का जन्म
दिन मनाने
नौबतपुर,
(पटना)। प्रायः
देखा जाता है
कि ग्रामीण क्षेत्रों
में बच्चों का
जन्म दिन नहीं
मनाया जाता है।
अगर जन्मदिन मनाया
भी जाता है
तो वह प्राकृतिक
प्रदत लिंग देखकर
ही। कहने का
तात्पर्य यह है
कि आज समाज
के कुछेक धनिक
किस्म के लोग
लड़का का ही
जन्मदिन मनाते हैं। लड़की
के जन्मदिन मनाने
के समय उदासीन
हो जाते हैं।
लड़का-लड़की के
बीच में जन्मदिन
मनाने के नाम
पर हो रहे
भेदभाव को दूर
करने का प्रयास
किया जा रहा
है। इसके लिये
एक्शन एड के
सहयोग से प्रगति
ग्रामीण विकास समिति के
बैनर बेटिया बचाव
अभियान चलाया जा रहा
है।
प्रगति
ग्रामीण विकास समिति के
कार्यकर्ता शिवकुमार ठाकुर ने
बताया कि नौबतपुर
प्रखंड के बस
पड़ाव के पास
डाक्टर सुषमा के द्वारा
क्लिनिक चलाया जाता है।
यहां पर अल्ट्रासाउंड
के द्वारा गर्भस्थ
शिशु की जांचकर
परिजनों को शिशु
लिंग बता दिया
जाता था। इसके
कारण लड़की शिशु
की हत्या कर
दी जाती थी।
ग्रामीण कैडर जयनंदन
दास के नेतृत्व
में कुछ और
कैडर साथी मिलकर
डाक्टर सुषमा से बातचीत
किये। बातचीत का
सार्थक परिणाम सामने आया।
अब अल्ट्रासाउंड नहीं
होता है और
न ही लाडली
की अकाल मौत
ही होती है। 2011
की जनसंख्या के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में 1000 पुरूषों की तुलना में 949 और अर्द्धशहरी
क्षेत्र में 900 है। अगर हम बिहार के संदर्भ में देखेंगे तो 2001 में 921 थे जो
2011 में कम होकर 918 पर जाकर ठहर गया है। वहीं राजधानी में 897 है।
आगे
उन्होंने कहा कि
आज भी ग्रामीण
समाज में लड़का
बच्चा का जन्म
होने पर थाली
पीटकर आवाज की
जाती है। गीत
गाकर उत्सव मनाया
जाता है। घर
द्वार में लड्डू
वितरण किया जाता
है। वहीं लड़की
बच्ची होने पर
परिजन मुंह लाल
कर लेते हैं।
लगभग मातम की
स्थिति बन जाती
है। यह दुर्भाग्य
है कि आज
भी समाज में
जन्मदिन मनाने में भी
भेदभाव जमकर किया
जा रहा है।
लड़का बच्चा का
जन्मदिन पर केक
काटा जाता है।
वहीं लड़की बच्ची
का जन्मदिन सादे
ढंग से भी
नहीं मनाया जाता
है।
श्री
ठाकुर ने कहा
कि हम लोग
हर विपत्ति से
बचकर निकली लड़की
बच्ची का जन्मदिन
मनाने का निश्चय
किये हैं। 0 से
लेकर 6 साल की
20 लड़की बच्ची का चयन
किया गया है।
इनके साथ बच्चियों
की मां भी
आएंगी। मां और
बेटी के साथ
मिलकर जन्मदिन मनाएंगे।
केक काटा जाएगा।
टीकाकरण की व्यवस्था
भी की जाएगी।
फिलवक्त नौबतपुर प्रखंड के
दो पंचायतों के
6 गांवों में यह
अभियान चलाया जा रहा
है। खजुरी पंचायत
के डिहरा गांव
में 17 जून,2013 को, खजुरी
गांव में 18 जून
को, शेखपुरा गांव
में 19 जून को
और मित्तनचक गांव
में 20 जून को
अभियान चलाया जाएगा। आंगनबाड़ी
केन्द्र, खजुरी पासवान टोला
में स्थित आंगनबाड़ी
केन्द्र में 20 जोड़ा बच्चे
प्रथम बार जन्मदिन
मनाएंगे। 0-6 वर्ष के
बच्चियों का जन्मदिन
मनाया जाएगा। इस
अवसर पर केक
काटा जाएगा। टीकाकरण,
अभिभाव को माल्यार्पण
किया जाएगा।
वहीं
बड़ी टंगरैला पंचायत
के छोटी टंगरैला
गांव में 21 को
और खरौना गांव
में 22 जून को
अभियान चलाया जाएगा। 23 जून
को खजुरी पंचायत
में स्थित प्राथमिक
विघालय,नौबतपुर में 11 बजे
से सामूहिक बैठक
की जाएगी। इस
बैठक में बुद्धिजीवी,समाजसेवी,आशा, ममता,
आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका-
सहायिका आदि लोग
भाग लेंगे। इस बैठक में जन्म से लेकर मरण तक महिलाओं के संग हो रहे ज्यादती
पर गहन विचार विर्मश किया जाएगा। रणनीति बनाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ताकि महिला
सशक्तिकरण हो सके। दोनों को संग-संग मिलकर परिवार,समाज,प्रदेश,देश आदि का विकास कर
सके। संपूर्ण अभियान में कार्यकर्ता
शिवकुमार ठाकुर,जयनंदन दास,पिंकी देवी,विनोद
वर्मा,रूबी देवी,नीतू कुमारी,कुणाल कुमार आदि
का योगदान मिल
रहा है।
आलोक
कुमार