Saturday, 6 July 2013

एस.सी.एस.टी. कानून के तहत पीड़िता को 5 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए

                        
 महादलित मुसहर समुदाय के श्री कृष्ण मांझी की पुत्री शांति कुमारी (13 वर्ष) को न्याय मिले

पटना। श्री कृष्ण मांझी की पुत्री शांति कुमारी (काल्पनिक नाम) (13 साल) के साथ 6 जून, 2013 को सामूहिक बलात्कार किया गया। अभी तक उन नामजद अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। जो सुशासन राज्य के कुशासन कार्य प्रतीक हो रहा है। महादलित की बेटी का 6 जून को बलात्कार किया गया। 7 जून को बोधगया थाना में पीड़िता गयी। 24 घंटे बैठाने के बाद 8 जून को एफआईआर दर्ज किया गया और 9 जून को मेडिकल जांच किया गया। 29 दिनों के बाद भी अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया सका।

 मामला यह है कि श्री कृष्ण मांझी, ग्राम-गंगहर, पो0 कोशिला, थाना- मगध विश्वविघालय,बोधगया, जिला- गया की निवासी हैं। श्री कृष्ण मांझी की पत्नी और बेटी 6.6.2013 को बोधगया मंदिर के पीछे न्यू तारीडीह में रिश्तेदारों से मिलने गयी। इसके बाद बोधगया बाजार में मां-बेटी साग-सब्जी एवं नमक मशाला खरीदने लगे। इतने में शांति कुमारी कुछ आगे बढ़ गयी। उसी समय हवा चलने लगी औेर हल्की बुंदाबांदी होने लगी। इस दरम्यान वह अपनी मां से छुट गयी। मां की तलाश में मौसा मोड़ पर गयी। वहां पर अपनी माता की तलाश करने लगी। परन्तु, उसकी मां कहीं नजर नहीं आयीं। उस समय शाम होने लगी थी। करीब 5.45 बजे था। वहीं पर एक टेम्पू लगी दिखी। उस पर कुछ लोग बैठे थे। उसी टेम्पू पर जाकर बैठ गयी।

  आगे चलकर मोचारिम गांव में कुछ लोग उतर गये। कुछ लोग आगे चलकर शिवराजपुर नामक गांव में उतर गये।  उसमें शांति कुमारी खजवंती जाने के लिए अकेली बच गयी। अकेली रहने पर टेम्पू चालक से गिड़गिड़ाने लगी कि भइया हमको जल्दी पहुंचा दें। तो वह बोला कि मोचारिम से दो सवारी और लाना है। यह कहकर गाड़ी पीछे घुमा लिया। और मोचारिम पहुंचते-पहुंचते बहुत अंधेरा हो गया। टेम्पू चालक और उसके एक साथी बैठा था। चालक टेम्पू मोचारिम भूई टोली के पास रोक दिया।

टेम्पू चालक नाम पूछने लगा। डरते हुए अपना नाम शांति कुमारी बता दी। तो वह बोला तुम मुझसे शादी करोगी? तो जवाब में नहीं बोली। पीड़िता ने भी उन दोनों से नाम पूछा। एक का नाम बालाजी और दूसरे का पप्पू कुमार बताया गया। इसके बाद दोनों पीड़िता को पकड़कर मुंह में ओढ़नी टूस कर नदी के किनारे ले गये। ऐसा करने से वह रोने लगी। उन दोनों ने हल्ला-गुल्ला करने पर जान से मार देने की धमकी देने लगे। दोनों नदी में ले जाकर बलात्कार किये। रात भर नदी के किनारे में रखे। एक पड़ता था, तो दूसरा को बोला कि तुम दारू ले आवों। दारू लाकर दोनों दारू पीये और सामूहिक बलात्कार किये। अपना मुंह काला किये। रात भर शांति कुमारी के साथ बालाजी और पप्पू कुमार कुकर्म किये। जब पीड़िता बेहोश हो गयी। तब जाकर छोड़कर दोनों भाग गये। सुबह में शिवराजपुर गांव में किसी तरह होश आने पर जा सकी।

  जबतक सुबह में पीड़िता की माता-पिता तलाश करते मोचारिम जा पहुंचे। तो पता नहीं लगा। वे लोग शिवराजपुर पहुंच गए। तब पीड़िता ने सारा बयान माता-पिता के सामने रख दिया। इसके बाद तुरंत मगध विष्वविघालय थाना गये। वहां पर तैनात दारोगा बोले कि यह घटना मेरे थाना क्षेत्र का नहीं है। आप लोग बोधगया थाना में चले जाए। जबतब बोधगया थाना पहुंचा जाता तो समय करीब तीन बज गया था।  बोधगया थाना की पुलिस ने स्थान पर जाकर छानबीन की। परन्तु, उनके द्वारा केस दर्ज नहीं किया। यह जरूर बोला कि तुमको (पीड़िता) उससे (बलात्कारी से) शादी करवा देंगे। बोधगया थाना में 7.6.13 को 3 बजे से बैठाकर रखा गया। तब जाकर दिनांक 8.6.13 को 7.30 बजे बोधगया में एफआईआर दर्ज किया गया। बोधगया थाना के थानाध्यक्ष पवन कुमार ने पु0 0नि0 के0के0 शर्मा को अनुसंधान पदाधिकारी नियुक्त किया है। 9 जून,2013 को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में शांति कुमारी की जांच की गयी। अभी तक पीड़िता को रिपोर्ट अप्राप्त है। उसी तरह अनुसंधान पदाधिकारी के.शर्मा ने 28 दिनों के बाद भी नामजद अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर सका है।

     एकता परिषद,बिहार की संचालन समिति की सदस्या मंजू डुंगडुंग ने राज्य मानवाधिकार आयोग, बिहार राज्य महादलित आयोग, बिहार राज्य महादलित विकास मिशन, एससीएसटी आयोग आदि को महादलित युवती को न्याय दिलवाने के लिए आवेदन दिया गया है। उनसे निवेदन है कि:-

1.         एफआईआर में नामजद बालाजी और पप्पू कुमार को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।

2.         नामदर्ज टेम्पू चालक का ड्राईवरी लाइसेंस रद्द किया जाए।

3.         मगध विश्वविघालय थाने की पुलिस के द्वारा थाना क्षेत्र की बात करने वाले पुलिसकर्मियों को
            बर्खास्त किया जाए।

4.           बोधगया थाने के लापरवाह थानाध्यक्ष को निलम्बित किया जाए।

5.         पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलवाया जाए।

6.         एस.सी.एस.टी. कानून के तहत पीड़िता को 5 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए।

7.         पीड़िता के अभिभावकों को 10 डिसमिल जमीन दिया जाए।

8.         पीड़िता के अभिभावकों को इन्दिरा आवास योजना के तहत मकान निर्माण कराया जाए।

9.         बोधगया थाने में मोबाइल गस्ती को दुरूस्त किया जाए।


आलोक कुमार