सरकार के द्वारा
भूमि बन्दोबस्ती परवाना
निर्गत है,जमीन
पर दाखिल काबिज
करा दें
हुजूर! सीओ साहब
के द्वारा महादलितों
की जमीन को
एक वंदा के
नाम से दाखिल
खारिज करने पर
हैं अमादा

हुआ
यह कि लालू-राबड़ी की सरकार
के समय में
बोधगया थाना क्षेत्र
के अमर बिगहा
में रहने वाले
15 मुसहर समुदाय के लोगों
को वर्ष 1992.93/1995.96 में
भूमि बन्दोबस्ती कर
परवाना निर्गत किया। आजादी
के 65 साल से
समाज के किनारे
रहे गये मुसहर
समुदाय को मालूम
नहीं हुआ कि
उन लोगों को
सरकार के द्वारा
किधर और कहां
जमीन मिली है।
फिर भी महादलितों
में खुशी रही
कि सरकार ने
परवाना जारी कर
दे हैं। इस
परवाना को जन्नत
से महादलित रखे
हुए हैं। इसके
साथ-साथ प्राप्त
परवाना के आलोक
में सरकार के
खंजाने में लगान
की राशि भी
जमा करके रसीद
कटाते आ रहे।
जो आज भी
जारी है।
इस
बीच अंचल अधिकारी
कार्यालय, बोधगया के द्वारा
ज्ञापांक 276/10 दिनांक
5/4/13 के
द्वारा कारू मांझी,कृत मांझी
और देवनारायण मांझी
के नाम से
नोटिस आया। इस
नोटिस के माध्यम
से सूचित किया
गया कि मौजा-अमर बिगहा,
थाना न0 350 से
श्री सीयाराम राय ग्राम
अमर बिगहा थाना
बोधगया जिला गया
के नाम से
दाखिल खारिज होने
जा रहा है।
मगर उसी लिखित
या मौखिक आपति
करना है तो
दिनांक 15/4/13
तक अघोहस्ताक्षरी के
न्यायालय में उपस्थित
होकर अपना पक्ष
रख सकते हैं।
जमीन का विवरण
निम्नलिखित है। मोजा-
अमर बिगहा, थाना-350,
खाता-85 प्लॉट-215,में 2.22
डिसमिल है।
इसके
आलोक में 17 अप्रैल,
2013 को कारू मांझी,
कृत मांझी और
देवनारायण मांझी ने मिलकर
बोधगया प्रखंड के सीओ
को आवेदन दिये
कि ज्ञापांक 276/10 दिनांक
5/4/13 के नोटिस के आलोक
में आपति है।
मुसहरों का कहना
है कि हमलोगों
को वर्ष 1992.93/1995.96 में
जिस भूमि का
नोटिस किया गया
है। वह जमीन
बन्दोबस्ती परवाना बिहार सरकार के द्वारा
वितरण किया गया
है। जिस का
लगान रसीद वर्ष
2013 तक लगातार कटाते रहे
हैं। और भूमि
का डिमांड हमलोगों
के नाम से
अंचल में दर्ज
है। हमलोगों का
आपति है कि
मौजा-अमर बिगहा
थाना-350, खाता-85 प्लॉट-215,में
2.22 डिसमिल की
भूमि का दाखिल
खारिज श्री सीयाराम
राय ग्राम-अमर
बिगहा के नाम
से नहीं किया
जाए।
इसके
बाद लगे हाथ
महादलितों ने 18 अप्रैल,2013 को
जनता दरबार में
जिलाधिकारी महोदय को भूमि
बन्दोबस्ती परवाना की जमीन
को सीमांकन कराकर
दाखिल काबिज दिलवाने
के संबंध में
प्रेशित कर दिया
है। अब देखना
है कि जिलाधिकारी
महोदय के द्वारा
महादलितों के हित
में कब और
कैसा कदम उठा
रहे हैं। वहीं
सीओ के द्वारा
महादलितों की 2.22
डिसमिल जमीन को
किस तरह से
श्री सीयाराम राय
के नाम से
दाखिल खारिज की
जा रही थी।
इसकी जांच हो
और महादलितों की
जमीन से कब्जाधारियों
को खदेड़कर परवानाधारियों
को जमीन पर
कब्जा दिलवाएं।
आलोक
कुमार