मैट्रिक में सफलता नहीं मिली तो हजामत बनाने में उतरे
नालंदा। चिकित्सकों के अनुसार दोनों व्यक्ति दोनों पैर से अंपग हैं। दोनों को पोलियों मार दिया हैं। पोलियों के जीवाणुओं ने अंपग बना दिया है। संभवतः मां-बाप और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण बाल्यावस्था में पोलियों की खुराक नहीं दी गयी हो? जिनको पोलियों हो जाता है। ऐसे लोग मानसिक तनाव से ग्रसित हो जाते हैं। ऐसे लोगों को परिवार,समाज और सरकार से सहयोग की आवश्यकता पड़ती है। जो दोनों अंपगों को मिल पा रहा है।
पटना-इस्लामपुर रेलखंड के एकंर सराय स्टेशन के समीप रेलवे फाटक है। इसी के बगल में रेलवे पटरी के किनारे बैठक दो विकलांग किस्मत बनाने की कवायद में जुटे हैं। हालांकि दोनों विकलांग है। बावजूद इसके हजामत बनाकर जीवन जीने लायक बन गये हैं। इन दोनों ने परिवार में जीने और समाज में मिसाल पैदा कर रहे हैं। इसी हिम्मत भरी जज्बा को लेकर चुतौतीपूर्ण मैदान में धमाकेदार ढंग से उतरे हैं।
बायीं ओर बैठा नन मैट्रिक है। इनकी शादी विकलांग लड़की से हुई है। अभी शिशु जन्म नहीं लिया है। दाहिनी ओर आठवीं कक्षा उर्त्तीण है। मुक-वधिर लड़की से शादी की है। अभी शादी के चार महीने ही हुआ है। दोनों को सरकार ने व्हील चेयर उपलब्ध करा दिया है। व्हील चेयर पर सवार होकर हजामत बनाने हजाम महाराज घर से आते हैं। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विकलांगों को निःशक्ता सामाजिक सुरक्षा पेंशन की सुविधा मिल रही है।
इससे सीख मिलती है कि आफत के समय में घबराना नहीं है। स्व रोजगार की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत है। अगर अंपग है। उसी को हथियार बनाकर मैदान में उतर जाना है। इसके बाद जिंदगी न्यारी और प्यारी लगने लगेगी। कभी भी आत्मग्लानि के शिकार नहीं होना है। और न ही आत्महत्या करने की सोच विकसित करनी चाहिए।
आलोक कुमार