मनु महाराज को गंगा किनारे मोरा कुर्जी गांव में गेसिंग सेन्टर के द्वारा मिलती चुनौती
मैनपुरा ग्राम पंचायत के कुर्जी मस्जिद के बगल में ही संचालित
इस कूपन को देंखे। तब आपको असलीयत पता चल जाएगी। जय मां वैष्णो देवी लिखा गया है। इस कूपन पर सभी धर्मों का प्रतीक चिन्ह लोगो के रूप में दर्शाया गया है। कूपन संख्या
15694 है। हिन्दुस्तानी नाम से गेसिंग खेला गया। इस पर 10 रूपए खर्च किया गया। अगर पांच नम्बर आ जाती है तो विजेता को 100
रूपए मिल जाएगा। अगर नहीं आया तो कूपन खरीदने वाले की हार हो जाती हैं। गेसिंग खेलने वालों पर नशा चढ़ जाता हैं। हारने के बाद फिर 10 रू0 का कूपन लेता है। इस तरह प्रत्येक घंटे खुलने वाले तकदीर का द्वार से जीत-हार का फैसला होते ही रहता है।
गेसिंग के चक्कर में पड़कर कई परिवार विघटन के कगार पर पहुंच गया है। घर के अंदर तनाव होता है। घर से समानों को बिक्री करके कूपन खरीदने की लत का सिलसिला जारी रखता है। अगर कूपन खरीदने लायक रकम नहीं मिली तो घर में बवाल भी मच जाता है।
आप देखकर ताज्जुब में पड़ जाएंगे कि एक नौजवान किस तरह से बेखौफ होकर गेसिंग सेन्टर संचालित कर रहा है। इसके संचालक ने किराया पर रूम लेकर रूम को कार्यालय का रूप दे दिया है। बाजाप्ता कुर्सी-टेबुल पर आदमियों को बैठाकर गेसिंग कूपन काटा जाता है। हरदम दर्जनों लोगों की भीड़ लगी रहती है। इसमें सेन्टर के आदमी और कुपन कटवाने वाले लोग शामिल होते हैं।
आज से ही यह सेन्टर संचालित नहीं है। कई वर्षों से चल रहा है। इसकी वजह यह है कि गेसिंग सेन्टर का तार खाकी वर्दीधारियों से जुड़ी हुई है। खासकर दीघा थाने की पुलिस का आशीर्वाद मिल जाता है। किसी तरह की आफत आने पर खाकी वर्दीधारी मोबाइल से सेन्टर संचालक को सूचना दे देते हैं। सूचना प्राप्त होते ही सेन्टर का कार्य बंद कर दिया जाता है।
अब पटना में वरीय आरक्षी अधीक्षक मनु महाराज का सिक्का चल रहा है। अपराधी खौफ में आ गये हैं। परन्तु बेखौफ गेसिंग सेन्टर के संचालक है। जो कई वर्षों से गेसिंग सेन्टर निरन्तर चला रहा है। सेन्टर चलाते-चलाते संचालक उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया के पद पर आसीन होने के लिए चुनावी मैदान में भी उतर गया। ग्राम पंचायत के चुनाव में पराजित हो गया। परन्तु गेसिंग सेन्टर चलाने में किसी ने पराजित नहीं कर पा रहे हैं।
आलोक कुमार