गंगा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया
पटना। गंगा नदी के जल स्तर में अत्यधिक वृद्धि होने से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति में राहत वितरण कार्य को तेज करने के संबंध में जिलाधिकारी को मेल किया गया है।
मेल में कहा गया है कि गंगा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया गया।
सर्वेक्षण के दौरान राघोपुर दियारा, मोहिउद्दी नगर, समस्तीपुर से बख्तियारपुर के बीच का क्षेत्र, बख्तियारपुर से ताजपुर के बीच का क्षेत्र, मोकामा और बेगुसराय तथा बरौनी के बीच का क्षेत्र, बलिया, साहेबपुर कमाल, परवत्ता, मुंगेर, शंकरपुर दियारा, नाथनगर, भागलपुर नगर के गंगा के तटवर्ती इलाके, भागलपुर कहलगांव रोड के दोनो ओर के क्षेत्र, सैदपुर, नाथनगर से सुल्तानगंज का क्षेत्र, सूर्यगढ़ा, बड़हयिया, लखीसराय के तटवर्ती क्षेत्र, धरहरा, दिघवारा, रिविलगंज, बक्सर के सिमरी ब्रहमपुर, शाहपुर दियारा, शाहपुर, बड़हरा, बिहियां, कोईलवर, मनेर आदि क्षेत्रों में बाढ़ की गंभीर स्थिति पायी गई। विशेषकर भागलपुर एवं भोजपुर जिलों में बाढ़ का व्यापक प्रभाव परिलक्षित हुआ है।
आवश्यक निर्देशः
बाढ़ की इस पृष्ठभूमि में आवगमन की समस्याओं को दूर करने हेतु व्यापक संख्या में नावें चलायी जाय। उपलब्ध एन0डी0आर0एफ0 टीम को भी राहत एवं बचाव कार्य में उपयोग किया जाय। नाव पर पहचान हेतु लाल झंडे लगाये जाए, किन्तु अंधेरा होने के पश्चात बाढ़ग्रस्त इलाको में नावों का परिचालन नहीं कराया जाय। आवश्यकतानुसार बाढ़ प्रभावित जनता के लिए राहत-शिविर चलाए जायं एवं उन शिविरों उन्हें तैयार भोजन उपलब्ध कराया जाय। राहत शिविरों में चापाकल एवं अस्थाई शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। बाढ़ से घिरे क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु चापाकलों में हैलोजन टैबलेट डाले जाए तथा बाढ़ का पानी उतरने पर महामारी के रोकथाम के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जाय। मोबाईल मेडिकल टीमों का राहत शिविरों एवं प्रभावित क्षेत्रों में नियमित दौरा सुनिश्चित किया जाय। बाढ़ के जलजमाव की स्थिति में डेंगू रोग एवं डायरिया फैलने की संभावना होती है, इसके लिए फौगिंग एवं स्प्रे की व्यवस्था एवं अस्पतालों में ओ0आर0एस0 घोल की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाय। मेडिकल कॉलेज तथा अस्पतालों में डेंगू वार्ड स्थापित करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग से दिया गया है। सांप काटने की दवा की उपलब्धता की समीक्षा कर लिया जाए।
बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत कार्य का वितरण तीव्र गति से किया जाय। नगद अनुदान एवं खाद्यान्न का वितरण प्रत्येक बाढ़ प्रभावित पंचायत में सरकारी कर्मचारियां/ पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करते हुए शीघ्र कराने की व्यवस्था की जाय। नकद अनुदान एवं खाद्यान्न वितरण मद में नियमित रूप से खर्च का विवरण विभाग को उपलब्ध कराया जाय एवं यदि इस मद में आवंटन की और आवश्यकता हो तो पूर्व आवंटित राशि
का खर्च का विवरण देते हुए राशि की मांग की जाय।
हवाई सर्वेक्षण के दौरान आपके जिलों में फसल की व्यापक क्षति देखी गई। किसानों के बीच रबी फसल की बोआई के पहले कृषि इनपुट सब्सिडी वितरित कर देना है, जिससे कि पीड़ित किसानों को राहत प्राप्त हो सके। इसके लिए आवश्यक है कि युद्ध स्तर पर बाढ़ पीड़ित किसानों की सूची तैयार कर वितरण का कार्य शीघ्र आरम्भ कराया जाय।
प्रभावित क्षेत्रों में जहां कहीं भी गृह क्षति की सूचना हो, वहां सर्वेक्षण कार्य काराकर गृह क्षति अनुदान देने की व्यवस्था की जाय। पशु चारे की आवश्यकता का आकलन कर लिया जाए एवं यथानुसार पशुचारा उपलब्ध कराया जाए। साथ ही पशुओं में बीमारी की रोक थाम हेतु पशु चिकित्सकों की मोबाईल टीमें गठित कर दी जाए। राहत एवं बचाव कार्यों में राज्य स्तर से किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो तो राज्य नियंत्रण कक्ष से अविलंब सम्पर्क किया जाए।
बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने आवश्यक निर्देश पटना, भोजपुर, बक्सर, सारण, भागलपुर, कटिहार, वैशाली, बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, मुंगेर और लखीसराय जिले के जिला पदाधिकारी को भेजा है।
आलोक कुमार