Monday 30 September 2013

पहचान पत्र में 53 साल, मनरेगा कार्ड में 55 साल और वास्तविक 70 साल

उम्र के कारण पेंशन से ही महरूम कर दिये जाते जगेश्वर मांझी को

बोधगया। उम्र के घनचक्कर में जगेश्वर मांझी पड़ गये हैं। किसी तरह की नौकरी से अवकाश ग्रहण करने का मसला नहीं है। यह मसला इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर है। जगेश्वर ने जो कार्ड दिखाया है। उसमें एक में 53 और दूसरे में 55 साल दिखाया गया है। इतना तो कहा जा सकता है कि यह सब कार्ड बनाने वाले लोगों की मनमर्जी और गरीबों को तंग करने की साजिश होती है। इस समय वह काफी परेशान हैं। उम्र कम होने के कारण पेंशन लेने से महरूम हो जा रहा है।
गया जिले के बोधगया प्रखंड में मोचारिम पंचायत के मोचारिम महादलित टोले में जुगेश्वर मांझी रहते हैं। आनेजाने वाले लोगों को आपबीती बयान करके थक गया है। यह कोई ईमानदार अफसर ही एक झटके में जगेश्वर मांझी की समस्या हल कर सकते हैं। अपनी समस्या के पक्ष को मजबूत करने के लिए घर के बक्सा में बंद करके रखे कार्ड को लाकर दिखाता है। अब आप हीसाहबनिर्णय करें। आखिर हम अनपढ़ों के साथ खेलवाड़ किया जाता है?
भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी पहचान पत्र में बालेश्वर मांझी के पुत्र जगेश्वर मांझी की उम्र 1.1.1995 को 35 साल  दर्शाया गया है। पहचान पत्र की संख्या बीआर/43/253/204202 है। वहीं राज्य सरकार के द्वारा जारी मनरेगा कार्ड में 55 साल लिखा गया है। खुद जगेश्वर मांझी का कहना है कि वह 70 साल का हो गया है। उम्र के घनचक्कर में जगेश्वर मांझी की तरह अनेकों सीधा-सादा वंदा उलझकर रह जा रहा है। 
आलोक कुमार