Saturday 5 October 2013

आदेश मिलते ही महादलितों में उबाल




इंदिरा आवास योजना की राशि जुलाई माह में विमुक्त की गयी

बीडीओं के द्वारा सितम्बर माह में कार्यादेश जारी



एकंगरसराय। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के नौकरशाह त्वरित कार्रवाई करने हैं। इस जिले के नौकरशाहों के द्वारा किये गये त्वरित कार्रवाई की सीख अन्य जिलों के नौकरशाहों को लेनी चाहिए। कार्यालय- प्रखंड विकास पदाधिकारी, एकंगरसराय(नालंदा) के पत्रांक 1167 और दिनांक 25/09/2013 के पत्र से जाहिर हो जाएगा। 05/07/2013 को इंदिरा आवास योजना की राशि विमुक्त की गयी और 25/09/2013 को कार्यादेश जारी कर दिया गया। इस आदेश को थामते ही महादलितों में उबाल गया है।

क्या कहते हैं इंदिरा आवास योजना के लाभार्थी?
एकंगरसराय प्रखंड के पंचायत और गांव मण्डाच्छ में प्रेमचंद रविदास रहते हैं। प्रेमचंद मजदूरी करते हैं। सामाजिक कार्य भी दिलचस्पी रखते हैं। इनकी पहचान सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हैं। एकंगरसराय प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) से प्रेमचंद रविदास बातचीत करते हैं। बीडीओ के साथ बातचीत करने के दरम्यान दलालों से सावधान रहने पर बल दिये थे। किसी तरह की लेनदेन से खुद और अन्य संभावित लाभान्वितों को बचाने को कह रहे थे। प्रेमचंद रविदास की पत्नी महापति देवी को 50 हजार रूपए की राशि मिली है। इनके साथ चम्पा देवी, पप्पू रविदास, राजेश रविदास, चुन्नी रविदास की पत्नी को भी राशि मिली है।

जब विकास मित्र ही दलाली की मांग करने लगे?
सरकार और ग्रामीणों के बीच मेंसेतूबनने वाले विकास मित्र ही दलाल निकल गया। लाभार्थी महापति देवी के पति प्रेमचंद रविदास ने बताया कि यहां के विकास मित्र प्रह्यलाद रविदास ने राशि विमुक्त होने के पहले विकास मित्र ने 6 हजार रू0 देने की मांग करने लगा। सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमचंद रविदास ने कहा कि बीडीओ साहब किसी को दलाली नहीं देने की सलाह दिये थे। इस पर तपाक से विकास मित्र ने एक ही झटके में ऊपर से नीचे तक के लोगों को हमाम में नंगा कर दिया। सभी को दलाली में मिली राशि से बंदरबांट करना पड़ता है। विकास मित्र के झांसे में प्रेमचंद नहीं पड़े।
क्या कार्यादेश है बीडीओ काः
वित्तीय वर्ष 2013-2014 अन्तर्गत आपको इंदिरा आवास का आवंटन करते हुए सहायता राशि की प्रथम किस्त पचास हजार आपके खाते में पहले ही भेजी जा चुकी है। इसी सहायता राशि से आपको इंदिरा आवास का कार्य छत ढलाई एवं शौचालय का निर्माण पूर्ण करना है उसके बाद ही दूसरी अर्थात् अंतिम किश्त की राशि विमुक्त की जाएगी। शौचालय निर्माण हेतु आपको अलग से 9100 रूपए दी जाएगी। तथा आपको स्वयं 900 रूपए का व्यवस्था करना होगा। इस प्रकार दस हजार रूपए की लागत वाली शौचालय का निर्माण आपके द्वारा कराना अनिवार्य है। अंतिम किस्त की राशि बीस हजार रूपए उसी स्थिति में विमुक्त की जाएगी जब आपके द्वारा इंदिरा आवास योजना का निर्माण छत ढलाई एवं शौचालय का निर्माण पूर्ण कर फोटो ग्राफी की एक प्रति 30 नवम्बर,2013 तक कार्यालय को उपलब्ध करा दी जाएगी। निर्धारित समय सीमा तक आवास का निर्माण छत ढलाई एवं शौचालय का पूर्ण निर्माण नहीं किये जाने की स्थिति में सहायता राशि की वसूली हेतु कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्यादेश 25/9/2013 को जारी किया गया है और पत्रांक 1167 पर प्रखंड विकास पदाधिकारी का हस्ताक्षर है।

राशि विमुक्त करते वक्त जानकारी नहीं दी गयीः
सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमचंद रविदास ने कहा कि इंदिरा आवास योजना की राशि विमुक्त करते समय किसी तरह की जानकारी नहीं दी गयी थी। पहले 45 हजार रूपए में मकान निर्माण करना था। प्रथम किस्त में तीस हजार रूपए निर्गत किया जाता था। इस राशि से लिंटर तक मकान बना लेना था। द्वितीय किस्त में लिंटर से आगे और छत ढलाई कर देनी थी। अब तो पचास हजार रूपए में ही मकान और शौचालय निर्माण कर देना है। सवाल उठता है कि 45 हजार रूपए में 5 हजार की राशि बढ़ोतरी करके मकान और 10 हजार रू0 तक की राशि वाली मकान निर्माण कराना है। जानकारी के अभाव में प्रेमचन्द रविदास ने 50 हजार रू0 की सामग्री गिरा लियये हैं। इस तरह बुरे फंस गये हैं। अब जेल जाने की बारी गयी है।

इस व्यवस्था में लाभार्थी को महाजन के चंगुल में जाना ही होगाः
मुहब्बत की नगरी आगरा में जन सत्याग्रह 2012 पदयात्रा सत्याग्रह की महती आमसभा में केन्द्रीय गा्रमीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने घोषणा कर दिये। आप लोगों के दबाव और बढ़ती मंहगाई के आलोक में अब से इंदिरा आवास योजना की राशि में बढ़ोतरी कर दी गयी हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 75 हजार रूपए और गैर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 70 हजार रूपए दी जाएगी। इसे 1 अप्रैल,2013 से लागू कर दिया गया है। अबतक लाभान्वितों की समझ दी कि इंदिरा आवास योजना के तहत प्रथम किस्त में पचास हजार रू0 निर्गत किया जाएगा। द्वितीय किस्त में 25/20 हजार रू0से लिंटर से आगे और छत ढलाई कर देनी है। इसमें 5 से लेकर 10 हजार रू0तक दलाली भी देनी ही पड़ेगी। ऐसा करके 50 हजार रू0 में ही मकान और छत ढलाई कर देनी है। इसके बाद में फोटो ग्राफी पेश करने के बाद ही शेष राशि विमुक्त की जाएगी। यह समझ के परे की बात है। अब इंदिरा आवास योजना के लाभान्वितों को मकान और शौचालय निर्माण करवाने के लिए महाजनों के चंगुल में जाना तय है। व्याज पर राशि लेनी पड़ेगी।

आलोक कुमार