8
सूत्री
मांगों
पर
ध्यान
नहीं
देने
से
अवश्य
ही
ग्रामीण
चूल्हा
जला
देंगे
स्मार पत्र
में
क्या
लिखा
गया
है?
स्मार पत्र
में
कहा
गया
है
कि
आजादी
के
66 साल
के
बाद
भी
भूमि
समस्या
का
हल
निकालने
में
बिहार
सरकार
असफल
रही
है।
जबकि
सरकार
ने
ही
खुद
विभिन्न
तरह
की
कानून
बना
रखी
है।
इससे
लागू
करने
के
लिए
नौकरशाहों
और
राज्यकर्मियों
की
फौज
है।
इनको
कार्य
निपटारा
करने
के
लिए
कार्यालय
भी
खोल
रखा
गया
है।
इसके
बाद
भी
ग्रामीणों
की
समस्या
दूर
नहीं
की
जाती
है।
आज
भी
परवलपुर
प्रखंड
के
94 और
हिलसा
प्रखंड
के
250 पट्टाधारियों
को
जमीन
पर
कब्जा
नहीं
रहने
से
बेदखल
हैं।
वहीं
हजारों
की
संख्या
में
मजबूरी
में
आवासीय
भूमिहीन
खेती
योग्य
जमीन
नहीं
रहने
के
कारण
पलायन
कर
रहे
हैं।
एक
ओर
खेती
योग्य
जमीन
नहीं
रहने
के
कारण
पलायन
तो
दूसरी
ओर
आवासहीनों
के
पास
जमीन
नहीं
रहने
के
कारण
किसी
तरह
एक
ही
घर
में
जानवरों
की
तरह
जीने
को
बाध्य
हो
रहे
हैं।
अगर
सरकार
के
द्वारा
जो
गृहस्थल
योजना
के
तहत
जमीन
मिली
है
वह
मिली
जमीन
किधर
उसे
पर्चाधारियों
को
मालूम
नहीं
है।
केवल
उनके
हाथ
में
कागज
का
एक
टुकड़ा
ही
रह
गया
है।
वह
भी
अपूर्ण
होने
के
कारण
नकली
साबित
हो
चुका
है।
भूमि अधिकार
मोर्चा
के
द्वारा
सौंपे
8 सूत्री
स्मार
पत्रः
इस स्मार
पत्र
में
हिलसा
अंचल
के
अन्तर्गत
और
भदौल,
जूनियार,
नौडीह
आदि
में
भू-हदबंदी
की
जमीन
से
संबंधित
पट्टाधारी
को
तत्काल
जमीन
पर
कब्जा
करायी
जाए।
परवलपुर
अंचल
अन्तर्गत
भू-हदबंदी
से
संबंधित
जिला
न्यायालय
में
लम्बित
वाद
की
सुनवाई
की
जाए।
हिलसा
और
एकंगर
सराय
अंचल
में
जमा
800 आवासीय
भूमिहीनों
के
आवेदन
पर
त्वरित
कार्रवाई
की
जाए।
हिलसा
व
एकंगर
सराय
अंचल
में
प्राप्त
कराया
गया
386 वासगीत
पर्चा
के
लिए
आवेदन
पर
कार्रवाई
की
जाए।
सरकारी
लाभ
से
वंचित
दलित,महादलितों
को
गरीबी
रेखा
से
जोड़ने
के
लिए
प्राप्त
आवेदन
पर
कार्रवाई
किया
जाए।
जनवितरण
प्रणाली
की
दुकानों
से
संबंधित
अधिकारियों
को
ईमानदारी
से
काम
कराने
की
भूमिका
सुनिश्चित
कराई
जाए।
स्वास्थ्य
सुविधा
एवं
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
का
लाभ
तरीके
से
प्राप्त
कराया
जाए।
इसके
लिए
स्वास्थ्यकर्मियों
व
पैक्स
कार्यकर्ताओं
के
बीच
समन्वय
की
भूमिका
सुनिश्चित
करायी
जाए
और
अंत
में
हिलसा
प्रखंड
अंतर्गत
कामता
गांव
में
प्राप्त
वासभूमि
संबंधी
पर्चा
के
आधार
पर
दखल
कब्जा
करायी
जाए।
हस्ताक्षर
करने
वाले
ग्रामीणों
में
प्रेमचन्द
रविदास,
शशिकांत
कुमार,मनोज
कुमार,हीरामनर
रविदास,रिंकु
देवी
बलिराम
रविदास
मंजू
सिन्हा,
रविन्द्र
पासवान,
चन्दशेखर
और
आलोक
कुमार
हैं।
एसडीओ
साहब
के
गैरहाजिर
में
स्मार
सौंपा
बड़ा
बाबू
कोः
जन सत्याग्रह
के
संचालन
करने
वाले
चन्दशेखर
ने
एसडीओ
साहब
के
कार्यालय
में
पदस्थापित
बड़ा
बाबू
को
स्मार
पत्र
पेश
करके
अंदर
से
बाहर
आकर
चन्दशेखर
ने
की
बड़ी
बात
कह
दी।
स्मार
पत्र
पर
एसडीओ
साहब
से
मुलाकात
करेंगे।
एक-एक
बिन्दू
पर
चर्चा
करेंगे।
अगर
बात
नहीं
बनी
तो
17 अक्तूबर,
2013 से
एसडीओ
साहब
के
कार्यालय
के
सामने
ग्रामीण
चूल्हा
जलाकर
भोजन
बनाकर
और
भोजन
करके
पड़ेंगे।
जबतब
मांगों
को
पूरा
करने
की
प्रक्रिया
शुरू
न
कर
दें।
बहुत
दिनों
से
आवेदन
दिया
गया
है
मगर
सरकारी
कर्मी
त्वरित
कार्रवाई
नहीं
किये
हैं।
इसके
कारण
यह
कार्यक्रम
करने
पर
बाध्य
होना
पडा।
आलोक कुमार