Saturday 5 October 2013

सूचना के अधिकार के तहत कार्य करने की खुल गयी पोल


मार्च महीने में 427 आवेदन पेश किया गया
19 सितंबर तक भी जांच अधूरी रह गयी
एकंगरसराय। अंचलाधिकारी, एकंगरसराय कार्यालय, नालंदा के क्रियाकलाप को देखें। चालू वर्ष के मार्च माह में चार सौ से ऊपर ही वासभूमि उपलब्ध कराने के लिए आवेदन प्रपत्र दिया गया। अभी तक जांच पूरी नहीं की जा सकी है। इसके बारे में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन पत्र के साथ पोस्टल आर्डर संख्या 18 एफ-200404 दिनांक 23/07/2013 कार्यालय में जमा किया गया। आरटीआई के प्रावधान के अनुसार एक माह के अंदर आवेदक को सूचना उपलब्ध करा देनी चाहिए। प्रावधान को ठेंगा दिखाकर 17/09/2013 पत्रांक 1519 से सूचना उपलब्ध करायी गयी।
आरटीआई के तहत क्या सूचना देने की मांग की गयी?
गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के नालंदा जिले जिला समन्वयक चन्द्रशेखर सिंह ने चालू वर्ष के मार्च माह में वासभूमि उपलब्ध कराने हेतु चार सौ से अधिक आवेदन प्रपत्र अंचल कार्यालय में जमा कराया गया था। इसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांग की गयी कि अबतक क्या कार्रवाई हुई, उसकी लिखित दस्तावेज उपलब्ध करायी जाय।
एकंगरसराय प्रखंड के उपलब्ध करायी गयी सूचनाः
लोक सूचना पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी, एकंगरसराय,नालंदा ने सूचना उपलब्ध करायी कि पिछले मार्च माह 13 को प्रगति ग्रामीण विकास समिति शाखा के माध्यम से वासभूमि उपलब्ध कराने हेतु कुल 427 आदमी का विभिन्न पंचायत से सूची प्राप्त हुई थी। जिसे हल्का राजस्व कर्मचारी अंचल निरीक्षक से जांच करायी जा रही है। जांच प्रतिवेदन प्राप्ति के पष्चात वासभूमि उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जायेगी। लगता है कि आप के द्वारा चार सौ से अधिक की सूचना दस्तावेज के आधार पर मांग की गयी है।
क्या करना चाहिए अंचलाधिकारी महोदय को ?
जांच प्रतिवेदन प्राप्त होते ही आवासीय भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन उपलब्ध करा देनी चाहिए। उनको पति और पत्नी के नाम से संयुक्त पट्टा देनी चाहिए। इसके साथ जमीन का दाखिल खारिज भी कर देना चाहिए। बीपीएल सूची के अनुसार इनको इंदिरा आवास योजना से सहायता राशि उपलब्ध करवा देनी चाहिए।
                                                                      आलोक कुमार