Saturday 5 October 2013

भूमि अधिकार आवासीय सत्याग्रह टल सकता है?




हिलसा। आज शनिवार को प्रगति ग्रामीण विकास समिति के नालंदा जिले के जिला समन्वयक चन्द्रशेखर जी सदर एसडीओ अजीत कुमार सिंह से मिले। उनसे मिलकर प्रेषित 8 सूत्री स्मार पत्र के ऊपर बिन्दुवार चर्चा किये। चर्चाओं के आलोक में उन्होंने ग्रामीण समस्याओं के निराकरण करने के लिए दो माह का समय मांगा। इसके साथ ही अब 17 अक्तूबर, 2013 से घोषित भूमि अधिकार आवासीय सत्याग्रह टल सकता है। 
मालूम हो कि 3 अक्तूबर,2013 को भूमि अधिकार मोर्चा(नालंदा) के बैनर तले एक दिवसीय याद दिलाओ जन सत्याग्रह का आयोजन किया गया था। इसके बाद एसडीओ अजीत कुमार सिंह के गैरहाजिर में बड़ा बाबू को आठ सूत्री स्मार पत्र पेश किया गया। इसको लेकर एसडीओ साहब और जिला समन्वयक आमने-सामने होकर चर्चा किये। वार्ता के दरम्यान महसूस किया गया कि एसडीओ साहब ग्रामीण समस्याओं का समाधान करने की दिशा में रूचि लेना शुरू कर दिये हैं। जिला समन्वयक चन्द्रशेखर जी का कहना है कि अगर एक माह के अंदर एसडीओ साहब के द्वारा प्रेषित समस्याओं के प्रति पहलकदमी नहीं की गयी तो निश्चित तौर पर एसडीओ साहब के कार्यालय के सामने ग्रामीणों कोचूल्हाजलाने से कोई नहीं रोक सकता है।
इस स्मार पत्र में हिलसा अंचल के अन्तर्गत और भदौल, जूनियार, नौडीह आदि में भू-हदबंदी की जमीन से संबंधित पट्टाधारी को तत्काल जमीन पर कब्जा करायी जाए। परवलपुर अंचल अन्तर्गत भू-हदबंदी से संबंधित जिला न्यायालय में लम्बित वाद की सुनवाई की जाए। हिलसा और एकंगर सराय अंचल में जमा 800 आवासीय भूमिहीनों के आवेदन पर त्वरित कार्रवाई की जाए। हिलसा एकंगर सराय अंचल में प्राप्त कराया गया 386 वासगीत पर्चा के लिए आवेदन पर कार्रवाई की जाए। सरकारी लाभ से वंचित दलित,महादलितों को गरीबी रेखा से जोड़ने के लिए प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई किया जाए। जनवितरण प्रणाली की दुकानों से संबंधित अधिकारियों को ईमानदारी से काम कराने की भूमिका सुनिश्चित कराई जाए। स्वास्थ्य सुविधा एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ तरीके से प्राप्त कराया जाए। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों पैक्स कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय की भूमिका सुनिश्चित करायी जाए और अंत में हिलसा प्रखंड अंतर्गत कामता गांव में प्राप्त वासभूमि संबंधी पर्चा के आधार पर दखल कब्जा करायी जाए।
आलोक कुमार