कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में ए0एन0एम0 बनने का अवसर है जब चांदनी कुमारी के पास किसी मिशनरी का सोर्स हो। उसके बाद कम से कम 2 लाख रू0 हो। साक्षात्कार में बैठने के बाद मिशनरी का सोर्स अनिवार्य है। साक्षात्कार के बाद 2 लाख रू0 की जरूरत है। अब भी चांदनी कुमारी को उम्मीद है कि कोई मसीहा पार लगा देगा?
दानापुर। आज भी महादलित मुसहर समुदाय के लोग शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हुए है। हालांकि सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा काफी प्र्रयास किया जाता है ताकि मुसहर समुदाय के लोगों को शिक्षित कर सके। बावजूद, इसके आज भी कई मुसहरी है जहां लालटेन लेकर ढूढ़ने के बाद भी कोई वंदा मैट्रिक उर्त्तीण नहीं मिल पाते हैं। काफी मशक्कत करने के बाद दानापुर प्रखंड के जमसौत ग्राम पंचायत में स्थित जमसौत मुसहरी में मैट्रिक, आई0ए0 और बी0ए0 स्तर उर्त्तीण लोगों के बारे में जानकारी मिली है।
अगले जनम में मोहे बिटिया न किजोः
अगले जनम में मोहे बिटिया न किजो। मुसहर समुदाय के अंदर बिटिया हो अथवा बेटा कोई फर्क नहीं पड़ता है। अगर बिटिया हो जाए तो काफी खुश होते हैं। इसी तरह की खुशी का इजहार रामचन्द्र मांझी किया करते हैं। उनकी बिटिया चांदनी कुमारी मैट्रिक उर्त्तीण हो गई हैं। अभी गांधी उच्च-मध्य विघालय, खगौल से मैट्रिक उर्त्तीण करने के बाद 10 जमा 2 कर रही हैं। उनको लगता है कि बुरे दिन छटने के बाद तकदीर और तश्वीर सुधरेगी? यह सभी मां-बाप का अरमान होता है कि आगे चलकर अभिभावकों के लाठी के सहारे बनेंगे।
एक
नवयुवती आगे
की पढ़ाई
जारी कर
10 जमा 2 कर
रही हैः
एक नवयुवती चांदनी कुमारी आगे की पढ़ाई जारी कर 10 जमा 2 कर रही हैं। वह चाहती हैं कि कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल से ए0एन0एम0 की प्रशिक्षण करके मानव सेवा कर सके। उसके सामने आर्थिक समस्या सामने आ रही है। करीब दो लाख रूपए की जरूरत है। कोई मददगार रूपी मसीहा की खोज कर रही है। जो खेवनहार बन सके। घर की हालात देखने से साफ जाहिर होता है कि चांदनी के पिताजी रामचन्द्र मांझी खेतिहर मजदूर हैं। फिर भी इस खाते-पीते परिवार के द्वारा अपनी बेटी को ए0एन0एम0 बनाने की शक्ति नहीं है। अगर हिम्मत भी करते हैं कि तो इस जनम में बिटिया के लिए बंधुआ मजदूर ही बन सकता हैं। इतना तय है कि आजकल के माहौल में कोई भी किसान 2 लाख रू0 नकद नहीं दे पायेंगे। उनके पास भी यह राशि नहीं ही रहती है। उनको व्यवस्था ही करनी पड़ेगी। इसी कारण से आगे की पढ़ाई महादलित मुसहर समुदाय के बच्चे नहीं कर पाते हैं।
गैर
सरकारी संस्था‘
मंथन’ के
सहयोग से
आगे बढ़ी
चांदनी कुमारीः
ईसाई मिशनरी फादर फिलिप मंथरा ने ‘मंथन’ नामक संस्था बनाये थे। जो शिक्षा के क्षेत्र में काफी कार्य किया है। मुसहरी-मुसहरी में शिक्षा का अलग जगाने का कार्य किया है। इनका कार्य क्षेत्र दानापुर प्रखंड रहा है। बाद में ‘नारी गूंजन’ ने आधित्पय जमा रखा है। खैर, चांदनी कुमारी मंथन के सहयोग से आगे बढ़ रही है। कई सामाजिक कार्य करने वाले फादरों ने चांदनी को ‘नर्स’ बनाने का भरोसा दिलाया था। एक सुर से मैट्रिक में प्रथम श्रेणी से उर्त्तीण होने की बात कर रहे थे। साल 2013 के मैट्रिक परीक्षा के परिणाम सामने आने पर द्वितीय श्रेणी से उर्त्तीण घोषित हो पायी। इसके साथ उनके द्वारा शर्त को पूरा नहीं कर सकीं। इसके साथ ही ‘नर्स’ बनने का लक्ष्मण रेखा पार नहीं कर सकी। यह दुर्भाग्य रामचन्द्र मांझी और उनकी लाडली बेटी चांदनी कुमारी के साथ रहा जो लक्ष्मण रेखा पार ही नहीं कर सकी। यहां बता दे कि कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में ए0एन0एम0 बनने का अवसर है जब चांदनी कुमारी के पास किसी मिशनरी का सोर्स हो। उसके बाद कम से कम 2 लाख रू0 हो। साक्षात्कार में बैठने के बाद मिशनरी का सोर्स अनिवार्य है। साक्षात्कार के बाद 2 लाख रू0 की जरूरत है। अब भी चांदनी कुमारी को उम्मीद है कि कोई मसीहा पार लगा देगा?
आलोक
कुमार