एक दिवसीय याद दिलाओ
जन सत्याग्रह में
गरजे नेतागण
हिलसा। भूमि अधिकार
मोर्चा, के बैनर
तले एक दिवसीय
याद दिलाओ जन
सत्याग्रह का आयोजन
सदर एसडीओ के
कार्यालय के सामने
किया गया। इस
अवसर पर ग्रामीणों
ने जमकर नारा
बुलंद किये। जो
इस प्रकार है
आगे जमीन पीछे
वोट, नहीं जमीन
नहीं वोट, आवासीय
भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन
देना होगा, पति
और पत्नी के
नाम से संयुक्त
पर्चा देना होगा,
आवाज दो हम
एक हैं, भूमि
की जंग में
हम सब संग
में।
बिहार में भूमि
सुधार पूरी तरह
से विफलः
इस अवसर पर
अपने भाषण में
वक्ताओं ने कहा
कि बिहार सरकार
भी जानती है
कि बिहार में
भूमि सुधार पूरी
तरह से विफल
है। सुशासन सरकार
के राज में
भी आज भी
हालात में सुधार
नहीं है। हालांकि
सरकार के द्वारा
व्यवस्था बनायी गयी है।
मगर व्यवस्था को
नौकरशाहों ने चलने
ही नहीं दिया
है। महादलितों को
सरकार के द्वारा
पर्चा दी जाती
है। जमीन का
पर्चा देकर जमीन
पर कब्जा नहीं
कराया जाता है।
आज भी दबंग
कुडंलीमार जमीन पर
बैठे हुए हैं।
सरकार और नौकरशाहों
को हिम्मत नहीं
कि दबंग के
हाथ में पड़ी
जमीन को दबंग
के चंगुल से
निकालकर महादलितों के बीच
में वितरित कर
दें। महादलित कागजात
लेकर कार्यालय में
दौड़धूप करने को
बाध्य हो रहे
हैं। पर दबंगों
से जमीन मुक्त
कराने की दिशा
में कारगर कदम
नहीं उठाया जा
रहा है। जिसके
कारण आज भी
महादलित सूअर के
बखोरनुमा घर में
रहने को बाध्य
हैं। एक घर
में चार दिशाओं
से दरवाजा रहता
है। कपड़ा और
अनाज के कोठी
के सहारे पर्दा
देकर इज्जत बचाया
जाता है। बरसात
के दिनों में
घर की छत
झरना बन जाता
है। इसके कारण
रात-दिन करवट
बदल-बदलकर सोना
पड़ता है। इसके
बावजूद भी सरकार
मुस्तैदी से जमीन
और इंदिरा आवास
योजना से मकान
नहीं बना दिया
जाता है।
भूमि अधिकार
आवासीय जन सत्याग्रहः
आगामी 17 अक्तूबर,2013 से
भूमि अधिकार आवासीय
जन सत्याग्रह का
एलान कर दिया
गया है। इसको
सफल बनाने में
ग्रामीण महिलाओं ने कमर
कस ली है।
अपने पतिदेव को
समझाबुझाकर जन सत्याग्रह
में लाएंगे। खुद
आएंगे और बाल-बच्चों के साथ
जन सत्याग्रह में
शामिल होंगे। अपने
घरों से खाना
पकाने के बर्त्तन
और चूल्हा लाएंगे।
अनाज भी लाएंगे।
एक पहर खाना
बनाएंगे। एक पहर
सूखा अनाज खाएंगे।
एसडीओ साहब के
कार्यालय के सामने
चूल्हा जलेगाः
एसडीओ साहब के
कार्यालय के सामने
सैकड़ों की संख्या
में ग्रामीण चूल्हा
जलाएंगे। खाना पकाएंगे
और खाना खाकर
पसर जाएंगे। उपस्थित
गा्रमीणों ने समर्थन
में हाथ उठाकर
हां में हां
मिलाया। शर्मिला देवी ने
महिलाओं को ललकारा
कि घर में
नहीं बैठ जाना
है। अपने पतिदेव
को समझाकर भूमि
अधिकार आवासीय जन सत्याग्रह
में लाना हैं।
अगर पतिदेव विरोध
करते हैं तो
अपने बाल-बच्चों
के भविष्य के
ख्याल करके आना
ही है। कोई
तीन सौ महिलाओं
ने आने के
लिए हामी भर
दी है। इस
अवसर पर रविन्द्र
पासवान, मुकुल कुमार, चन्दशेखर,
मंजू सिन्हा, प्रेमचन्द
रविदास आदि ने
भूमि अधिकार आवासीय
जन सत्याग्रह को
सफल बनाने का
आह्वान किया।
आलोक कुमार