पटना। राजनीतिक पार्टी में पक्ष और विपक्ष है। उसी तरह सरकारी ढांचे में गैर सरकारी संस्था और सरकारी विभाग है। दोनों के बीच में द्वंद है।लोक कल्याणकारी राज्य के मुखिया के नाते सरकार के द्वारा विकास और कल्याण वाली योजना बनायी जाती है। इन योजनाओं को गांवघर में बेहतर ढंग से लागू करवाने की दिशा में गैर सरकारी संस्थाएं प्रयासरत हैं। अभी इनके द्वारा महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है। स्वयं सहायता समूह को व्यापक बनाया जा रहा है। स्वयं सहायता समूह के की महिला सदस्यों के द्वारा खेती योग्य जमीन पट्टा पर ली जा रही है। उसमें महिलाएं सामूहिक खेती करती हैं। सामूहिक अथवा एकल खेती करने वाली महिलाओं को महिला किसान की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक सिर्फ पुरूशों को ही किसान का दर्जा प्राप्त है। जब हरेक स्तर पर महिलाएं जगह बनाने में कामयाब हो जा रही हैं तो केवल खेत में महिलाएं उपेक्षित क्यों रह जाएंगी?
आलोक कुमार